बर्खास्त पुलिसवाले ने किया लुधियाना कोर्ट में ब्लास्ट: गगनदीप के ड्रग माफिया से लिंक, 2019 में पकड़े जाने पर गया जेल, खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा का लिंक
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लुधियाना31 मिनट पहले
पंजाब के लुधियाना कोर्ट में गुरुवार दोपहर हुए बम ब्लास्ट में मारे गए व्यक्ति की पहचान गगनदीप सिंह (30) के रूप में हुई है। गगनदीप सिंह पंजाब पुलिस का ही मुलाजिम था जिसे 2 साल पहले महकमे से बर्खास्त कर दिया गया था। लुधियाना जिले के खन्ना सदर थाने में मुंशी रहते हुए गगनदीप सिंह को अगस्त-2019 में हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। ड्रग माफिया से लिंक के कारण उसे पंजाब पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया। ड्रग केस में गगनदीप सिंह 2 साल जेल में रहा और वह 8 सितंबर 2021 को ही जेल से रिहा हुआ था।
केंद्रीय जांच एजेंसी NIA ने ब्लास्ट वाली जगह मिले डोंगल के मोबाइल सिम नंबर से उसकी पहचान की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गगनदीप सिंह खन्ना के जीटीबी नगर का रहने वाला था। उसके पिता का नाम अमरजीत सिंह है। पंजाब पुलिस की STF ने गगनदीप सिंह को 785 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा था। वह एक महिला के साथ मिलकर ड्रग तस्करी करता था। उसके खिलाफ 11 अगस्त 2019 को मोहाली के फेज-4 स्थित STF थाने में NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
गगनदीप के परिवार ने बॉडी की शिनाख्त की
शुक्रवार देर शाम को NIA और पंजाब पुलिस की जॉइंट टीम ने खन्ना में गगनदीप सिंह के घर रेड की। परिवार ने गगनदीप सिंह की बॉडी की शिनाख्त कर ली। मरने वाले की बाजू पर बने खंडे के टैटू के आधार पर उसके गगनदीप सिंह होने की बात कही गई। पुलिस को गगनदीप सिंह की जेब से डोंगल के अलावा 500 रुपए भी मिले मगर उसके पास कोई पर्स नहीं था। ब्लास्ट के समय गगनदीप सिंह ने टीशर्ट पहन रखी थी।
NIA को ऐसे मिला क्लू
गुरुवार दोपहर हुए बम ब्लास्ट के बाद नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) और नेशनल सिक्योरिटी ग्रुप (NSG) के अधिकारी गुरुवार रात सवा 10 बजे नई दिल्ली से लुधियाना कोर्ट परिसर पहुंच गए थे। ये अधिकारी रातभर कोर्ट कॉम्प्लेक्स को अपने कब्जे में रखकर कड़ी से कड़ी जोड़ने का प्रयास करते रहे। केंद्रीय जांच एजेंसियों और स्थानीय पुलिस अफसरों की रात में ही घटनास्थल पर कई मीटिंग भी हुई। जांच के दौरान मलबे से जांच एजेंसियों को काफी इनपुट मिले। मलबे में कुछ टूटे हुए मोबाइल फोन और डोंगल भी मिले। जांच अफसरों ने जब मोबाइल फोन और डोंगल के सिम को लेकर पड़ताल शुरू की तो क्लू मिलते चले गए। डोंगल खन्ना के ही एक आदमी के नाम पर थी। पुलिस ने जब उसे उठाकर पूछताछ की तो उसने गगनदीप सिंह के बारे में बता दिया।
बब्बर खालसा से लिंक
लुधियाना ब्लास्ट करने वाले गगनदीप सिंह के खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से लिंक सामने आ रहे हैं। खुफिया एजेंसियां इसकी पड़ताल कर रही हैं। 1978 में बने बब्बर खालसा को पाकिस्तान में बैठा वाधवा सिंह बब्बर ऑपरेट करता है जो 90 के दशक में वहां भाग गया था। इससे पहले अक्टूबर-2007 में लुधियाना के ही शिंगार सिनेमा में हुए बम ब्लास्ट में भी बब्बर खालसा का नाम आया था। उस ब्लास्ट में 7 लोग मारे गए थे और 32 घायल हुए थे।
गगनदीप सिंह के साथियों की तलाश
वर्ष 2019 में ड्रग केस में गिरफ्तार होने के बाद पंजाब पुलिस से बर्खास्त किए गए गगनदीप सिंह के साथ उस समय कुछ और लोग भी थे। गुरुवार को बम लगाते समय हुए ब्लास्ट में गगनदीप सिंह की मौत के बाद पंजाब पुलिस अब उसे बाकी साथियों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। पंजाब पुलिस को शक है कि इनमें से कोई इस ब्लास्ट में भी शामिल हो सकता है। गगनदीप छोटे कद का पहलवान टाइप का शख्स था। उसने अपने हाथ पर खंडे (सिख धर्म का प्रतीक चिह्न) का टैटू बनवा रखा था। उसके खिलाफ 11 अगस्त 2019 को U/S 21, 29-61-85 NDPS एक्ट के तहत पुलिस स्टेशन STF मोहाली फेज 4 में FIR नंबर 75 दर्ज हुई थी।
लुधियाना जिले के खन्ना में गगनदीप के घर पूछताछ करती NIA और पुलिस की टीम।
माछीवाड़ा और समराला थाने में भी रहा
खन्ना के ललहेड़ी एरिया के गुरु तेग बहादुर में रहने वाला गगनदीप सिंह वर्ष 2011 में पंजाब पुलिस में कांस्टेबल भर्ती हुआ। नौकरी के दौरान वह माछीवाड़ा और समराला थाने में तैनात रहा और वहीं से खन्ना सदर थाने में ट्रांसफर हुआ। सदर थाने में गगनदीप सिंह के साथ नौकरी करने वाले पुलिस मुलाजिमों के अनुसार, खन्ना सदर थाने का मुख्य मुंशी रहते हुए गगनदीप किसी से बहुत अधिक घुलता-मिलता नहीं था। वह चुपचाप काम करने वाला व्यक्ति था। उसकी एक बेटी है। STF ने उसे जिस गाड़ी से हेरोइन के साथ पकड़ा था, वह गाड़ी उसने खन्ना सदर थाने में मुंशी लगने के बाद ही खरीदी थी।
जलालाबाद ब्लास्ट के आरोपियों से संपर्क की आशंका
लुधियाना ब्लास्ट के तार 15 सितंबर 2021 को ही फाजिल्का जिले के जलालाबाद में हुए बम धमाके के आरोपियों से जुड़ते नजर आ रहे हैं। पुलिस ने जलालाबाद ब्लास्ट के आरोपियों मंजीत सिंह और रणजीत सिंह को लुधियाना जिले के ही जगराओं से गिरफ्तार किया था। ये दोनों सगे भाई है। पूछताछ में दोनों ने माना कि वह पैसे के लिए ब्लास्ट करने की योजना बनाते थे। गगनदीप भी पैसे के लिए ही नशा तस्करी करता था। रणजीत सिंह और मंजीत सिंह लुधियाना जेल में बंद हैं। आशंका है कि गगनदीप उन्हें जेल में ही मिला और वहीं से उसका संपर्क आतंकियों से हुआ। यह भी पता चला है कि जेल से बाहर आने के बाद गगनदीप सिंह कुछ दिनों तक गायब भी रहा।
लुधियाना कोर्ट परिसर में हुए ब्लास्ट में मारे गए व्यक्ति का शव गुरुवार रात को ही जांच एंजेसियों ने सिविल अस्पताल भेज दिया।
CM के घर मीटिंग, DGP कल करेंगे PC
मामले को लेकर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर अभी हाईलेवल मीटिंग चल रही है। शनिवार को चंडीगढ़ में पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी है। कहा जा रहा है कि लुधियाना ब्लास्ट को लेकर ही इसमें कोई खुलासा कर सकते हैं।
तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमॉर्टम
इससे पहले मृतक शख्स का शुक्रवार को सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम हुआ। तीन डॉक्टरों के पैनल ने NIA अधिकारियों और जिला एवं सेशन जज की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया। पैनल में डॉ चरण कमल सिंह फोरेंसिक एक्सपर्ट, इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. विशाल शामिल थे।
लुधियाना सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए बॉडी लेकर जाते कर्मचारी।
महिला के शरीर में नहीं मिले छर्रे
इससे पहले शुक्रवार दोपहर में पोस्टमॉर्टम के दौरान पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने शव से विसरा जांच के लिए सैंपल लिया। इसे जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। मृतक के शरीर में लगे छर्रों को भी एजेंसियों ने सेंपल के तौर पर अपने पास रख लिया। घायल महिला के शरीर से कोई विस्फोटक या छर्रा नहीं मिला।
मिट्टी-मलबे के सैंपल और फिंगर प्रिंट लिए
इससे पहले नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), नेशनल सिक्योरिटी ग्रुप (NSG) और स्टेट फोरेंसिक टीमों ने शुक्रवार को दिनभर कोर्ट कॉम्प्लेक्स में घटनास्थल के एरिया में पड़े मलबे और मिट्टी के सैंपल लिए। टीमों ने वहां पड़े सभी टेबल के अलावा गाड़ियों के हेंडल से भी फिंगर प्रिंट उठाए। टीमों ने ब्लास्ट वाली जगह से चारों दिशाओं में माप लिया। इसके जरिये यह देखा गया कि धमाके के दौरान कौन सा सामान कितनी दूर जाकर गिरा। एक वकील के अनुसार दीवार पर लगा फैन घटनास्थल से काफी दूरी पर पड़ा मिला।
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