फिर भिड़े हरियाणा और पंजाब के CM: मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सवालों पर 24 घंटे बाद कैप्टन का जवाब; हास्यास्पद दावों से किसानों पर किए गुनाह नहीं छिपा सकते

फिर भिड़े हरियाणा और पंजाब के CM: मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सवालों पर 24 घंटे बाद कैप्टन का जवाब; हास्यास्पद दावों से किसानों पर किए गुनाह नहीं छिपा सकते

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जालंधर11 घंटे पहले

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फिर भिड़े हरियाणा और पंजाब के CM: मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सवालों पर 24 घंटे बाद कैप्टन का जवाब; हास्यास्पद दावों से किसानों पर किए गुनाह नहीं छिपा सकते

करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर और पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह फिर भिड़ गए हैं। खट्‌टर ने सोमवार रात को कैप्टन के आगे 8 सवाल रखे थे। जिनका 24 घंटे बाद जवाब देते हुए कैप्टन ने कहा कि हरियाणा सरकार के हास्यास्पद दावे किसानों के साथ किए उनके गुनाह को छिपा नहीं सकेंगे। इससे पहले भी खट्‌टर ने किसान आंदोलन के लिए पंजाब सरकार पर आरोप लगाया था। खट्‌टर ने कहा था कि पंजाब सरकार ने किसानों को उकसाया है। हालांकि कैप्टन ने तब भी जवाब दिया था कि किसानों पर लाठीचार्ज से भाजपा का किसान विरोधी एजेंडा जगजाहिर हुआ। कैप्टन ने किसानों की बदहाली के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था।

कैप्टन के तेवर: किसानों से माफी मांगने की जगह लाठीचार्ज और SDM को सपोर्ट कर रहे
कैप्टन ने लिखा कि खट्‌टर साहब, आपने किसान पक्षीय दावे कर हरियाणा सरकार की किसानों के साथ की ज्यादती को छुपाने की कोशिश की है, जो हास्यास्पद है। यह बातें गुनाहों को नहीं छुपा सकती। आपको बिल्कुल भी शर्म नहीं है। किसानों से माफी मांगने के बजाय बेरहम लाठीचार्ज और करनाल SDM के फैसले का समर्थन कर रहे हो। उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हो। अगर किसानों के लिए इतना कुछ किया है, जिसका आप दावा कर रहे हो तो हरियाणा के किसान आपकी सरकार से गुस्सा क्यों हैं?। आप लोगों को यह समझाने में नाकामयाब हो गए हो कि किसान संघर्ष के लिए पंजाब और पंजाब के किसान जिम्मेदार हैं। इसके लिए आप झूठ का सहारा ले रहे हो।

यह 8 सवाल दाग खट्‌टर ने पूछा था .. एंटी फार्मर कौन है कैप्टन साब? पंजाब या हरियाणा?

  • हरियाणा धान, गेहूं, सरसों, बाजरा, चना, मूंग, काटन समेत 10 फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदता है। पेमेंट सीधे किसान के खाते में जाती है। आप कितनी फसलें खरीदते हो?
  • हरियाणा धान की खेती छोड़ने वाले हर किसान को प्रति एकड़ 7 हजार की प्रोत्साहन राशि देता है। आप क्या देते हो?
  • भुगतान में 72 घंटे से देरी पर हरियाणा 12% ब्याज देता है। क्या पंजाब कुछ देता है?
  • चावल की सीधी बिजाई करने वालों को हरियाणा 5 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देता है, पंजाब क्या देता है?
  • पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा एक हजार रुपए प्रति एकड़ देता है। उसकी बिक्री में भी मदद करता है, पंजाब क्या देता है?
  • हरियाणा पिछले 7 वर्षों से अपने किसानों को गन्ने का सबसे ज्यादा रेट दे रहा है। पंजाब को रेट बढ़ाने के लिए किसानों के प्रदर्शन का इंतजार क्यों करना पड़ा?
  • बागवानी करने वाले किसानों के लिए लागत से कम कीमत के उतार-चढ़ाव के लिए हरियाणा ने भावांतर भरपाई योजना चला रहा है। पंजाब क्या करता है?
  • हरियाणा ने सिंचाई के पानी के बचाव के लिए 85% सब्सिडी के साथ माइक्रो इरीगेशन स्कीम शुरू की है। क्या पंजाब को चिंता भी है कि लगातार गहराते भूजल स्तर से किसानी खत्म हो जाएगी?

अब कैप्टन ने दिया जवाब : बिना सिर-पैर की बातें बंद करो

  • आपकी सरकार ने अकाली दल से मिलीभगत कर पंजाब की अर्थव्यवस्था को तबाह किया है। फिर भी हमने 5 लाख 64 हजार 143 छोटे व सीमांत किसानों का 4,624.38 करोड़ रुपए कर्जा माफ किया है। 2.85 लाख जमीन विहीन किसानों व खेत मजदूरों के लिए 590 करोड़ मंजूर किए हैं। अपनी बिना सिर-पैर की बातें करना बंद करो।
  • हरियाणा किसानों को बिजली सब्सिडी में कोई रुपए नहीं देता। पंजाब में खेती पंप सेट के लिए हर साल 8218.16 करोड़ (60 हजार रुपए प्रति पंप) देते हैं।
  • MSP में गेहूं व धान की खरीद पर हम आगे हैं, उसमें आपके साथ तुलना नहीं हो सकती।
  • आपकी भाजपा की अगुवाई वाली भारत सरकार ने FCI के खराब प्रबंधन को ठीक करने के लिए हम MSP पर खरीद के अलावा 2 हजार करोड़ की अधिक राशि देते हैं। आप प्रबंधन खराब करते हो और हम उसे ठीक करते हैं।
  • फसली विभिन्नता को उत्साहित करने के लिए 3 साल में पंजाब में कपास व मक्की उत्पादकों को करोड़ों रुपए दिए हैं। उन्हें हम 4 रुपए यूनिट बिजली देते हैं। जो पानी बचाने की तकनीक अपनाकर दूसरी फसलों की बिजाई कर बिजली बचाते हैं।
  • हमें ब्याज देने की जरूरत नहीं क्योंकि किसानों के खाते में 72 घंटे के भीतर पेमेंट हो जाती है। आपकी सरकार की खरीद प्रक्रिया, खराब प्रबंधन व किसानों के प्रति रूखे रवैया भुगतान में देरी का कारण बनता है।
  • आपने पराली प्रबंधन के लिए एक हजार प्रति एकड़ देने की जो रट लगाई है, उसमें बता दूं कि हम 2500 रुपए प्रति एकड़ देते हैं। वित्तीय वर्ष 2020 में 19.93 करोड़ से 31 हजार 231 किसानों को फायदा पहुंचा था। हम पर इल्जाम लगाने से पहले अपने तथ्यों की जांच करो।
  • हम किसानों को गन्ने का 360 रुपए प्रति क्विंटल रेट दे रहे हैं। अगर आपकी भाजपा सरकार ने कुछ पैसे छोड़े होते तो हम इसे और बढ़ा देते।

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