फलीस्तीन समर्थकों ने घेरा तो बमुश्किल जान बचाकर भागीं इजरायल की राजदूत, वीडियो
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इजरायल की राजदूत को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। ब्रिटेन में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचीं इजरायल की राजदूत जिपी होटोवेली को फलीस्तीन समर्थकों का विरोध झेलना पड़ा। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में मौजूद फलीस्तीन समर्थक अचानक वहां इजरायल की राजदूत के खिलाफ नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन करने लगे। छात्रों के विरोध को देखते हुए इजारयली राजदूत को तुरंत वहां से निकालना पड़ा।
इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में नजर आ रहा है कि इजरायली राजदूत जिपी होटोवेली इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचती हैं। इसी दौरान वहां फलीस्तीनी समर्थक हंगामा खड़ा कर देते हैं। मौके की नजाकत को देखते हुए वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी और बॉडीगार्ड किसी तरह उन्हें बाहर ले जाते हुए नजर आते हैं। किसी तरह राजदूत को उनकी आधिकारी गाड़ी तक ले जाया जाता है। इसके बाद वो गाड़ी में बैठ कर वहां से निकल जाती हैं।
Amazing.
Israeli ambassador Tzipi Hotovely was forced to flee London’s LSE university after students protested her presence and refused to give her a platform. This is how colonial war criminals must be treated everywhere. #FreePalestine pic.twitter.com/SuInl4tna0
— Hadi Nasrallah (@HadiNasrallah) November 9, 2021
यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र इजरायल को आतंकी देश और राजदूत की कार को नष्ट करने की बात कह रहे थे। हालांकि इस प्रदर्शन के अगले दिन इजरायली राजदूत ने कहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से वो घबराती नहीं हैं। गृह सचिव प्रीति पटेल और शिक्षा सचिव नदहीम जाहावी ने भी इस तरह से विरोध प्रदर्शन की आलोचना की है।
स्कूल के प्रवेश द्वार की सुरक्षा के लिए पुलिस को बुलाया गया जहाँ छात्र हुतवूल का विरोध कर रहे थे। कार्यकर्ता बाहर एकत्र हुए और मांग की कि होटौली उपस्थित न हों, यह कहते हुए कि इस्राईल एक आतंकवादी राज्य है। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी फिलिस्तीन के झंडे लहरा रहे थे।अक्टूबर के अंत में, यहूदीप्रदर्शनकारियों के एक समूह को नस्लवादी होने का आरोप लगाते हुए राजदूत होटौली की बैठक को बाधित करने की कोशिश के बाद निकाल दिया गया था।
उन्हें इमारत से निकाल दिया गया और बाहर विरोध जारी रखा। इसके बाद हॉटवोली ने 200 मेहमानों से बात जारी रखी। यह विरोध-प्रदर्शन फ़िलिस्तीनियों के साथ एकजुटता के लिए युवाओं और छात्रों की एक समिति द्वारा आयोजित किया गया था। इस विशाल विरोध प्रदर्शन का लंदन में मौजूद कई बड़े संगठनों और संस्थाओं ने भी समर्थन किया था।
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