प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- जो देश आतंकवाद को इस्तेमाल कर रहे हैं, यह उनके लिए भी बड़ा खतरा है – Prime Minister Narendra Modi United Nations General Assembly Live Updates | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- जो देश आतंकवाद को इस्तेमाल कर रहे हैं, यह उनके लिए भी बड़ा खतरा है –
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डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को हर हाल में रोकना ही होगा।
Addressing the @UN General Assembly. https://t.co/v9RtYcGwjX
— Narendra Modi (@narendramodi) September 25, 2021
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इसके लिए एक सुर में आवाज उठानी होगी। प्रतिगामी सोच के साथ, जो देश आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के सामने चरमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण, प्रगतिवादी सोच को बढ़ाना जरूरी हो गया है।
हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा वहां कि नाजुक स्थितियों का इस्तेमाल कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश न करे। इस समय अफगानिस्तान की जनता को, वहां की महिलाओं और बच्चों को, वहां की माइनॉरिटीज को, मदद की जरूरत है, और इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा।
पीएम मोदी ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा, नमस्कार साथियों अब्दुल्ला शाहिद को अध्यक्ष पद संभालने के लिए बहुत-बहुत बधाई। गत डेढ़ वर्ष से पूरा विश्व, 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहा है। ऐसी भयंकर महामारी में जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं और परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है।
पीएम मोदी ने कहा, लोकतंत्र की हमारी हज़ारों वर्षों की महान परंपरा रही है। इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आज़ादी के 75 वें साल में प्रवेश किया। हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। एक ऐसा देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन सहन, खान-पान है। ये वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का उदाहरण है। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन की टी स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर UNGA को संबोधित कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, भारत का वैक्सीन डिलीवरी प्लेटफॉर्म कोवीन एक ही दिन में करोड़ों वैक्सीन डोज़ लगाने के लिए डिजीटल सहायता दे रहा है। मैं UNGA को ये जानकारी देना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली DNA वैक्सीन विकसीत कर ली है जिसे 12 साल से ज्यादा आयु के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। प्रदूषित पानी, भारत ही नहीं पूरे विश्व और खासकर गरीब और विकासशील देशों की बहुत बड़ी समस्या है। भारत में इस चुनौती से निपटने के लिए हम 17 करोड़ से अधिक घरों तक, पाइप से साफ पानी पहुंचाने का बहुत बड़ा अभियान चला रहे हैं। भारत के वैज्ञानिक एक नेजल वैक्सीन के निर्माण में भी लगे हैं। मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने एक बार फिर दुनिया के ज़रूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। मैं आज दुनिया भर के वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए।
पीएम मोदी ने कहा, मैं UNGA को ये जानकारी देना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली DNA वैक्सीन विकसीत कर ली है जिसे 12 साल से ज्यादा आयु के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। मैं आज दुनिया भर के वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन की टी स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर UNGA को संबोधित कर रहा है। हमारे समुद्र भी हमारी साझी विरासत है इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि ओसियन रिसोर्सेज को हम यूज करें अब्यूज नहीं। हमारे समुद्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं। इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूजन की दौड़ से बचाकर रखना होगा।
पीएम मोदी ने कहा, ये सुनिश्चित किया जाना बहुत ज़रूरी है कि अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न हो। संयुक्त राष्ट्र को स्वयं को प्रासंगिक बनाए रखना है तो उसे अपनी इफेक्टिवनेस को सुधारना होगा, रिलायबिलिटी को बढ़ाया होगा। UN पर आज कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। हमें ध्यान रखना होगा ओसियन रिसोर्सेज को हम यूज करें अब्यूज नहीं हमारे समुद्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं। इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूजन की दौड़ से बचाकर रखना होगा। इस समय अफ़ग़ानिस्तान की जनता को वहां की महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक आबादी को मदद की ज़रूरत है। इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा।
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