प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना: पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर गुजरात में स्कीम के लाभार्थियों से बात की; कहा- देश में ईज ऑफ लिविंग के नए मानदंड स्थापित किए जा रहे हैं
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नई दिल्ली8 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाख पाने वाले लोगों से बात की। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों से जुड़े और उनके विचार और अनुभव जाने।
इस वर्चुअल कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिनभाई पटेल भी मौजूद रहे। कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी कि, राज्य में पब्लिक पार्टिसिपेशन प्रोग्राम लाॅन्च किया जा रहा है, जिसके जरिए लोगों को इस स्कीम के बारे में और भी जागरूक किया जा सके।
ईज ऑफ लिविंग के मानदंड स्थापित हुए
पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि एक दौर था विकास की बात केवल बड़े शहरों तक ही सीमित रहती थी। वहां भी विकास का मतलब बस इतना ही रहता था कि खास-खास इलाकों में फ्लाइओवर, सड़कें और विकास की चीजें बनती थीं। यानी गांव-कसबों में जो काम होता था, जिसका आम आदमी से लेना देना नहीं था, उसे विकास माना जाता था, लेकिन बीते कुछ सालों में इस सोच में बदलाव हुआ है। ईज ऑफ लीविंग के लिए नए मानदंड स्थापित किए जा रहे हैं।
2 करोड़ गरीब परिवारों को घर मिला तो लोगों की परेशानियां कम हुईं
पीएम ने कहा कि 2 करोड़ गरीब परिवारों को घर दिए जाते हैं तो इसका मतलब है वे सर्दी, गर्मी औऱ् बारिश के डर को छोड़कर जी सकेगा। घर मिलने पर वह सारी परेशानियों से दूर हो जाता है। जब 100 करोड़ गरीब परिवारों को शौच के लिए बाहर जाने से मुक्ति मिलती है तो उसका जीवन बदल जाता है। पहले वह सौचता था कि गरीबों के लिए शौचालय नहीं होता, उसे तो बाहर ही शौच के लिए जाना पड़ता है, लेकिन अब उसकी सोच बदल रही है।
क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
यह फूड सेफ्टी वेलफेयर स्कीम है, जिसे पिछले साल कोरोना महामारी के फैलने के दौरान केंद्र सरकार ने मार्च में लॉन्च किया था। इस स्कीम का संचालन केंद्रीय कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मंत्रालय के तहत आने वाला डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन करता है।
- इस योजना के तहत कोविड के दौरान फूड सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए पिछले साल 948 लाख मीट्रिक टन अनाज का आवंटन किया गया था, जो कि सामान्य वर्षों के मुकाबले 50% ज्यादा है।
- 2020-21 के दौरान फूड सब्सिडी पर 2.84 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए।
- गुजरात के करीब 3.3 करोड़ लाभार्थियों को 25.5 लाख मीट्रिक टन अनाज मिला। फूड सब्सिडी में से इस पर 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए।
- अप्रवासी लाभार्थियों के लिए फूड सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वन नेशन वन राशन कार्ड की सुविधा शुरू की गई है।
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