पुणे के बीटेक स्टूडेंट का हाईटेक फर्जीवाड़ा: लाखों की ज्वेलरी खरीदकर UPI से पेमेंट करता, सक्सेसफुल होने का मैसेज आता, लेकिन पैसे नहीं मिलते

पुणे के बीटेक स्टूडेंट का हाईटेक फर्जीवाड़ा: लाखों की ज्वेलरी खरीदकर UPI से पेमेंट करता, सक्सेसफुल होने का मैसेज आता, लेकिन पैसे नहीं मिलते

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पुणे5 घंटे पहले

महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने एक ऐसे हाईटेक चोर को अरेस्ट किया है, जो ऐप के जरिए ज्वेलरी शॉप ओनर्स को ठगी का शिकार बनाता था। उसकी ठगी का तरीका भी एकदम अलग था।

वह ज्वेलरी खरीदने के बाद ऑनलाइन पेमेंट करता था। फोन डिस्प्ले में पेमेंट ट्रांसफर नजर आता था, लेकिन पैसे शॉप ओनर या ज्वेलरी मालिकों के अकाउंट में नहीं पहुंचते थे। किसी को शक न हो इसलिए वह पैसे ट्रांसफर करने का स्क्रीनशॉट भी शेयर कर देता था।

पिंपरी चिंचवड़ के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने शुक्रवार को बताया कि ठगी की इस हैरान करने वाली वारदात को अंजाम देने वाले 22 वर्षीय युवक का नाम निखिल सुधीर जैन है। वह औरंगाबाद के लासुर इलाके का रहने वाला है। निखिल पुणे के सिंहगढ़ कॉलेज में बीटेक (I.T) का थर्ड ईयर का छात्र है। पुलिस ने उसे पुणे से सटे उंड्री इलाके से पकड़ा है, यहां यह किराए के घर में रहता था।

एक सीसीटीवी कैमरे में आरोपी कैद हुआ और दुकान के मालिक की शिकायत पर उसे अरेस्ट कर लिया गया।

एक सीसीटीवी कैमरे में आरोपी कैद हुआ और दुकान के मालिक की शिकायत पर उसे अरेस्ट कर लिया गया।

ठगी को ऐसे अंजाम देता था आरोपी

  • आरोपी आमतौर पर ऐसे ज्वेलरी शॉप को टारगेट करता था, जहां ज्यादा भीड़ हुआ करती थी।
  • ज्वेलरी खरीदने के बाद वह यूपीआई के जरिए पेमेंट करने की बात कहता था।
  • पेमेंट के लिए वह एक ई-कॉमर्स वेबसाइट के यूपीआई पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करता था।
  • बार कोड स्कैन करने के बाद वह अमाउंट भरता था और फिर पिन डालने के बाद आए सक्सेसफुल वाले मैसेज को दिखा कर वहां से चला जाता था।
  • शॉप ओनर उसके पीछे न लगे इसलिए वह छोटे ट्रांजेक्शन यानी 20 से 30 हजार की खरीदारी करता था।

‘यू-ट्यूब’ देख आया आइडिया
पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने बताया कि निखिल पढ़ने में बहुत तेज था, लेकिन वह अपने क्रेडिट कार्ड का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करता था, जिस वजह से उस पर काफी कर्ज चढ़ चुका था। उसे चुकाने के लिए ही उसने फेक पेमेंट ऐप का इस्तेमाल किया था। इस ऐप की जानकारी उसे ‘यू-ट्यूब’ से मिली था।

कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने बताया कि इस तरह के ऐप से फर्जी ट्रांजैक्शन किए जाते हैं। यानी देखने में ऐसा लगता है कि पैसे ट्रांसफर हो गए, लेकिन वह अकाउंट में नहीं पहुंचते थे। आरोपी निखिल ने भी यही तरीका अपनाया और कई ज्वेलरी मालिकों से लाखों के गहने खरीदे।

ऐसे पकड़ा गया आरोपी
एक ज्वेलरी शॉप के मालिक की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और CCTV फुटेज की मदद से आरोपी को पकड़ा। पुलिस के गुंडा विरोधी दस्ते की टीम ने निखिल से कड़ाई से पूछताछ की और कुछ ही देर में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। शुक्रवार को आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कुछ और पीड़ित CCTV फुटेज के साथ सामने आए और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करवाया।

आरोपी के पास से गोल्ड की कई ज्वेलरी बरामद हुई है।

आरोपी के पास से गोल्ड की कई ज्वेलरी बरामद हुई है।

पांच लाख का माल बरामद
आरोपी के पास से 105 ग्राम सोने के गहनों के साथ एक महंगा मोबाइल फोन और 1 स्कूटर बरामद हुआ है। इसके अलावा आरोपी के पास से पांच लाख रुपए के महंगे सामान भी मिले हैं। माना जा रहा है कि इसे भी इस प्रॉक्सी पेमेंट ऐप से खरीदा गया है। पुलिस अब ये जानने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी के साथ कुछ और लोग भी शामिल थे।

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