पिछले साल सबसे ज्यादा आत्महत्याएं: क्रूर कोरोना; वर्ष 2020 में गरीबी के कारण खुदकुशी करने वाले 70% तक बढ़े
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नई दिल्ली4 मिनट पहले
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बेरोजगारी की वजह से अपनी जान देने वालों में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
देश में हर साल सवा लाख से भी ज्यादा लोग खुद ही अपनी जान ले रहे हैं। 2020 के कोरोनाकाल में देश में सबसे ज्यादा आत्महत्याओं का रिकॉर्ड टूट गया। चौंकाने वाली बात ये है कि गरीबी की वजह से जान देने वाले पिछले साल 70% तक बढ़ गए। 2020 में गरीबी के कारण 1901 लोगों ने खुदकुशी की, जबकि 2019 में यह संख्या 1122 थी। बता दें कि 2018 में गरीबी के कारण जान देने वालों में 6.7% की कमी दर्ज की गई थी।
इसके अलावा बेरोजगारी की वजह से अपनी जिंदगी खत्म करने वाले भी 2851 से बढ़कर 3548 (2019 से 24.4% बढ़ोतरी) हो गए। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में 1.53 लाख लोगों ने खुदकुशी की। 2020 वही दौर था, जब कोरोना अपने चरम पर पहुंच गया था। वर्ष 2019 के मुकाबले 2020 में आत्महत्याएं 10% ज्यादा रहीं। वर्ष 2010 से लेकर 2019 तक यह आंकड़ा कभी 1.39 लाख से ऊपर नहीं गया। वहीं, पिछले साल भी आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह ‘पारिवारिक समस्या’ और दूसरा बड़ा कारण ‘बीमारी’ रही।
गरीबी व बेरोजगारी ने सबसे ज्यादा जानें इन राज्यों में लीं
बड़ी चिंता; 2019 के मुकाबले 14 हजार ज्यादा लोगों ने जान दी
वर्ष 2020 के दौरान खुदकुशी करने वाले 1,53,052 लोगों में से 1,08,532 पुरुष व 44,498 महिलाएं थीं। इनमें 33.6% लोगों ने पारिवारिक समस्या और 18% ने बीमारी के कारण जिंदगी खत्म की। 2019 में यह अनुपात क्रमश: 32.4% और 17.1 प्रतिशत रहा था।
महाराष्ट्र में सर्वाधिक खुदकुशी, मप्र इस सूची में तीसरे नंबर पर
2020 के दौरान महाराष्ट्र में सर्वाधिक 19,909 लोगों ने जान दी। तमिलनाडु (16883) दूसरे, मप्र (14578) तीसरे, प. बंगाल (13103) चौथे और कर्नाटक (12259) पांचवें नंबर पर रहा। महाराष्ट्र व तमिलनाडु लगातार चौथे साल टॉप-2 में रहे। खुदकुशी करने वालों में सबसे ज्यादा 24.6% दिहाड़ी मजदूर व 14.6% गृहणियां थीं। जान देने वालों में 11.3% लोग खुद का बिजनेस कर रहे थे।
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