पाकिस्तान में भी कृषि कानून रद्द होने की खुशी: ‘चढ़दे-लहंदे पंजाब’ में अवाम बोली- सालभर की अरदास कबूल हुई; प्रकाश पर्व पर दोहरी खुशी
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अमृतसर10 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के मौके पर तीनों खेती कानून वापस लेने के फैसले से भारत के साथ-साथ पाकिस्तानी पंजाब की आवाम भी खुश है। बंटवारे के समय पाकिस्तान में चले गए ‘लहंदे पंजाब’ के लोगों की नजरें भी सालभर से आंदोलन कर रहे भारतीय किसानों पर लगी थीं। गुरुवार को गुरुपर्व पर पाकिस्तान में करतारपुर साहिब पहुंची दैनिक भास्कर की टीम ने जब वहां की आवाम से खेती बिल वापस लिए जाने के बारे में पूछा तो सभी ने पीएम मोदी के फैसले को ‘देर आए, दुरुस्त आए’ वाला करार दिया।
उधर, गुरुवार सुबह ही माथा टेकने के लिए बॉर्डर क्रॉस कर जाने वाले ज्यादातर भारतीयों को भी पीएम मोदी के फैसले की जानकारी नहीं थी। ऐसे में उन्होंने भी किसानों की इस जीत के लिए करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में माथा टेककर वाहेगुरु का शुकराना अदा किया। गुरदासपुर के बुजुर्ग किसान महिंदर सिंह भी मोदी के फैसले से अनजान थे। जब दैनिक भास्कर की टीम ने उन्हें इसकी जानकारी दी तो उन्होंने इस खुशखबरी के लिए भास्कर रिपोर्टर को ही लंबी उम्र की दुआ दे डाली। इस खबर से करतारपुर पहुंचे भारतीयों के चेहरों पर दोगुनी खुशी नजर आई।
अमृतसर में गोल्डन टैंपल की नींव रखने वाले साईं मियां मीर के वंश से ताल्लुक रखने वाले साईं रजा अली भी गुरुपर्व के मौके पर करतारपुर साहिब में माथा टेकने पहुंचे हुए थे। उन्होंने खेती कानून वापस होने पर भारतीय किसानों को शुभकामनाएं दीं।
पाकिस्तानी भारत का दुख देखकर दुखी होते हैं : साईं रजा अली
अमृतसर में गोल्डन टैंपल की नींव रखने वाले साईं मियां मीर के वंश से ताल्लुक रखने वाले साईं रजा अली भी गुरुवार को गुरु पर्व के मौके पर करतारपुर साहिब में माथा टेकने पहुंचे हुए थे। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि आंदोलन में किसी किसान की मौत पर जितना दुख भारत में रहने वालों को होता था, उतना ही दुख पाकिस्तान के लोग भी महसूस करते हैं। उन्होंने किसानों को खेती कानून वापस होने पर शुभकामनाएं दीं। साईं रजा अली ने यह भी कहा कि भारत सरकार को यह बिल कभी पास ही नहीं करने चाहिए थे। पंजाब के किसान देश का सरमाया और अन्नदाता हैं। उनके साथ जो हुआ, वह बर्दाश्त करने लायक नहीं था।
पाकिस्तानी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मेंबर रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा कि सालभर से ही पाकिस्तान के सभी गुरुद्वारों में खेती कानूनों को वापस लेने के लिए अरदास की जा रही थी, जो आज बाबा नानक के प्रकाश पर्व पर पूरी हो गई।
बिल रद्द होने की अरदास करते थे : रमेश सिंह अरोड़ा
पाकिस्तानी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मेंबर रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा कि पाकिस्तान में डेढ़ सौ से ज्यादा गुरुद्वारे हैं और इन सभी में सालभर से ही तीनों कृषि कानून वापस होने के लिए अरदास की जा रही थी। जब किसी किसान के मारे जाने की खबर पाकिस्तान पहुंचती, तो सभी दुखी होते। जान गंवाने वाले किसान की आत्मिक शांति के लिए भी अरदास करते। आज गुरु नानकदेव का प्रकाश पर्व है, जिन्होंने ‘किरत करो, नाम जपो और वंड छको’ का संदेश दिया। आज किसानों के लिए दोहरी खुशी है।
लाहौर में रहने वाले सैयद ने खेती कानून वापस होने पर खुशी जताई।
पाकिस्तानी लोगों की नजरें थीं किसानों के आंदोलन पर
पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाले सैयद और मोहम्मद भी गुरु पर्व के मौके पर गुरुवार को करतारपुर साहिब में माथा टेकने पहुंचे हुए थे। भास्कर से बातचीत में दोनों ने कहा कि वह भारतीय किसानों और उनके संघर्ष के बारे में शुरू से पढ़ते रहे। आज उनका संघर्ष पूरा हुआ, यह खुशी की खबर है। पाकिस्तान में लहंदे पंजाब के सभी किसान भाई चढ़दे पंजाब में रहने वाले अपने भाइयों को शुभकामनाएं देते हैं। यह उनके संघर्ष की जीत है।
करतारपुर साहिब में माथा टेकने पहुंचे लाहौर के मोहम्मद ने कहा कि वह शुरू से ही भारतीय किसानों के आंदोलन से जुड़ी खबरें पढ़ते रहे हैं।
डिप्टी सीएम ने की किसानों की खुशहाली के लिए ननकाना साहिब में अरदास
गुरुपर्व पर करतारपुर साहिब में माथा टेकने पहुंचे पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने किसानों की खुशहाली के लिए अरदास की। उन्होंने कहा कि किसानों को लंबे संघर्ष के बाद कामयाबी मिली है। आज किसानों के लिए दोहरी खुशी का दिन है। धावा ने कहा कि वह खुद भी खुश हैं कि जिस जगह गुरु नानकदेव खेती किया करते थे, वहां उन्हें कृषि कानून वापस होने की खुशखबरी मिली। पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त रजिंदर बाजवा ने कहा कि यह कृषि कानून बनाने ही नहीं चाहिए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इन्हें वापस ले लिया, यह अच्छा है।
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