पाकिस्तान अफगानिस्तान के बीच सुलझा बॉर्डर मसला, जानिए क्यों फिर भड़क सकता है मामला
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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी सीमा विवाद को आम सहमति से सुलझा लिया गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट बताती है कि दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई है कि बाड़ और बॉर्डर को लेकर दोनों पक्षों की सहमति से आगे काम किया जाएगा।
डॉन की रिपोर्ट बताती है कि हालांकि यह साफ नहीं है कि बातचीत किस स्तर पर हुई है। बता दें कि हाल में तालिबान लड़ाकों ने बॉर्डर पर बाड़ लगाने से रोक दिया था और कांटेदार तार छीन लिए थे। लड़ाकों ने पाकिस्तानी सैनिकों को बाड़ लगाने को लेकर चेतावनी दी थी।
पाकिस्तान 2017 से बॉर्डर पर लगा रहा बाड़
इस बाद घटनास्थल वाले इलाके में तनावपूर्ण स्थति बन गई। बाद में दोनों पक्षों के रक्षा मंत्रालय ने बातचीत की। तालिबान के सीमा और कबायली मामलों के मंत्रालय ने भी कथित तौर पर इस बातचीत में हिस्सा लिया। अधिकारी ने कहा है कि तालिबान के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने बुधवार को इलाके का दौरा किया और स्थिति को सामान्य किया। उन्होंने बताया कि मामले को शांति से सुलझा लिया गया है।
रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान 2017 से 2600 किलोमीटर लंबे अफगानिस्तान बॉर्डर पर बाड़ लगा रहा है कि ताकि आतंकी घुसपैठ और तस्करी को खत्म किया जा सके। पाकिस्तान सेना बाड़ लगाने के साथ ही बॉर्डर पोस्ट बना रही है और गार्ड्स की तैनाती कर रही है। पाक अधिकारियों की मानें तो बाड़ लगाने का 90 फीसद काम पूरा किया जा चुका है।
बॉर्डर को लेकर दोनों पक्षों में सहमति नहीं
पाकिस्तान अफगानिस्तान संबंधों में बाड़ लगाना विवाद का मसला रहा है। अफगानिस्तान पक्ष औपनिवेशिक काल के दौरान किए गए सीमा निर्धारण पर मानते हैं। पाकिस्तान इस बात पर जोर देता है कि दोनों देशों को अलग करने वाली रेखा, जिसे डूरंड रेखा भी कहा जाता है, वैध अंतर्राष्ट्रीय सीमा है। यही कारण है कि दोनों पक्षों के विवाद है। बॉर्डर विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच इतिहास में घातक संघर्ष भी हुए हैं।
पाकिस्तान को तालिबान से उम्मीद
पाकिस्तान हमेशा से यह उम्मीद करता रहा है कि तालिबान बॉर्डर को सुलझाने में मदद करेगा लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। पिछले तालिबान शासन के दौरान भी तालिबान ने बॉर्डर मसले को सुलझाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए थे। अगस्त में तालिबान प्रवक्ता ने कहा था कि अफगान लोग पाकिस्तान द्वारा बाड़ लगाए जाने का विरोध करते हैं। बाड़ ने लोगों को उनके परिवारों से दूर कर रहा है।
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