पाकिस्तानी साजिश का जिंदा सबूत: LOC से गिरफ्तार आतंकी अली बाबर का खुलासा- चंद रुपयों के लिए चुना आतंक का रास्ता; उरी जैसे बड़े हमले की थी तैयारी

पाकिस्तानी साजिश का जिंदा सबूत: LOC से गिरफ्तार आतंकी अली बाबर का खुलासा- चंद रुपयों के लिए चुना आतंक का रास्ता; उरी जैसे बड़े हमले की थी तैयारी

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श्रीनगर2 घंटे पहले

जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में मुठभेड़ के दौरान जिंदा गिरफ्तार हुआ आतंकी अली बाबर ने बुधवार को मीडिया के सामने आतंकी साजिश के कई राज उगले। 19 साल के बाबर ने बताया कि उसके पिता नहीं हैं और बहन की शादी करवानी थी। पैसों के लालच में आतंकियों के संपर्क में आया और यह रास्ता चुन लिया। बाबर ने बताया कि सीमा पार उनके आका उरी जैसी ही एक और हमले की बड़ी साजिश की तैयारी में हैं।

मां बीमार है, नेक काम बोलकर कश्मीर भेजा गया
बाबर ने बताया कि उसकी मां बहुत बीमार है। बहन की शादी करनी है। वह एक फैक्ट्री में काम करता था। यहीं पर एक आतंकी के संपर्क में आया। उसे पैसों का लालच देकर आतंक के रास्ते पर भेज दिया गया। उसे बताया गया कि वह नेक काम करने जा रहा है। उसका कहना था कि मां की बीमारी के लिए उसे पैसों की जरूरत थी।

इस बात का फायदा लेकर उसे आतंकवाद के रास्ते पर लाया गया लेकिन यहां आकर उसे पता चला कि जो बातें उसे बताई गई थीं वह सब गलत थीं। उसने बताया कि भारतीय सेना की तरफ से उसे तंग नहीं किया गया है। उसे कपड़ों से लेकर पूरे खाने-पीने का इंतजाम दिया गया है।

पाकिस्तानी सेना से ट्रेनिंग मिली, ISI ने दिया पैसों का लालच
जम्मू-कश्मीर के उरी से मंगलवार को गिरफ्तार आतंकी अली बाबर ने कबूल किया है कि पाकिस्तानी सेना ने उसे ट्रेनिंग दी थी। अली बाबर ने यह भी बताया कि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने रुपए का लालच दिया था। 20 हजार रुपए उसे एडवांस दिए भी गए थे। 30 हजार काम के बाद देने की बता कही गई थी।

आतंकी बाबर ने बताया कि वह हथियारों की सप्लाई करने के मकसद से भारतीय सीमा में घुसा था। बाबर ने यह भी बताया कि पाकिस्तानी सेना के मदद के बिना कोई घुसपैठ नहीं होती। जब वे पाकिस्तान से चले थे तो हैंडलर्स के टच में थे। वॉइस SMS के जरिए बात हो रही थी। उन्हें आगे पट्टन जाना था। हालांकि उससे पहले ही सेना ने उसे दबोच लिया। उसे सीमा पार करवाने आए दो अन्य लोग भाग गए। वहीं एक अन्य साथी सेना पर फायरिंग के दौरान मारा गया।

AK-47, LMG समेत दूसरे हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी ली
अली पाकिस्तान के ओकारा पंजाब में दिलापुर जिले का निवासी है। उसने 7वीं तक पढ़ाई की है। वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है और पाकिस्तान में करीब 3 महीने की आतंकी ट्रेनिंग ले चुका है। आतंकियों की घुसपैठ का मकसद 2016 के उरी जैसे बड़े हमले को अंजाम देना था।

रिपोर्ट के मुताबिक, बाबर को फिजिकल और AK-47, LMG समेत दूसरे हथियारों की ट्रेनिंग दी गई है। साथ ही उसे YSMS, GPS और मैप की मदद से रास्ते का पता करने की ट्रेनिंग भी मिली है। बाबर ने अप्रैल, 2021 में POK के गढ़ी हबीबुल्लाह में एक हफ्ते का रिफ्रेशर कोर्स भी किया।

18 सितंबर से सेना ने चला रखा था अभियान
जीओसी 19 इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि एलओसी पर संदिग्ध गतिविधियां देखे जाने के बाद सेना ने 18 सितंबर को अभियान शुरू किया था। इसमें छह घुसपैठियों से एनकाउंटर हुआ था। उनमें से चार बाड़ के दूसरी तरफ थे जबकि दो भारतीय क्षेत्र की तरफ आ गए थे। इनमें से एक को ढेर किया गया, वहीं दूसरे को जिंदा पकड़ा गया।

10 दिन से नाले में छिपे हुए थे आतंकी
मंगलवार को सुरक्षाबलों ने बताया था कि आतंकी बाबर पिछले 10 दिन से उरी के पास मौजूद एक नाले में छिपा था। फिर इसे ढूंढकर जिंदा पकड़ा गया। बाबर को सुरक्षाबलों ने लश्कर ए तैयबा का आतंकी बताया है। उसके पास से AK-47 राइफल और चीन-पाकिस्तान निर्मित कई ग्रेनेड बरामद हुए। अभियान के दौरान एक आतंकवादी मारा भी गया था, वहीं तीन भारतीय सैनिक घायल हो गए थे।

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