पलवल में एक घर में मिले 5 लोगों के शव: औरंगाबाद गांव में फंदे पर झूलता मिला शख्स, पत्नी- 3 बच्चे फर्श पर पड़े थे; पड़ोसी बोले- रात को तो हमारे साथ हंस रहा था
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रेवाड़ी/पलवल12 घंटे पहले
दिल्ली से सटे हरियाणा के पलवल जिले में बुधवार की सुबह एक ही घर से 5 शव बरामद हुए। परिवार का मुखिया फंदे पर झूलता मिला, जबकि उसकी पत्नी और तीन बच्चों के शव फर्श पर पड़े थे। प्राथमिक जांच के अनुसार, परिवार के मुखिया ने पत्नी और बच्चों को जहर देने के बाद फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। पलवल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
घटना गांव औरंगाबाद की है। मृतकों की पहचान 33 साल के नरेश, उसकी पत्नी 30 साल की आरती, 7 साल के बेटे संजय, 9 साल की बेटी भावना और 11 साल की भतीजी रविता के रूप में हुई। सरपंच ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सरपंच के अनुसार, बुधवार सुबह काफी देर तक नरेश के घर में हलचल नजर नहीं आई। पड़ोसियों ने जाकर देखा तो मंजर देखकर उनके होश उड़ गए।
पुलिस जांच अधिकारी क्या कहते हैं
पुलिस का कहना है कि बुधवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे घटना की सूचना मिली। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने मुआयना किया। फोरेंसिक टीम को भी जांच के लिए मौके पर बुलाया गया। घर के अंदर 33 वर्षीय नरेश, उसकी 30 वर्षीय पत्नी आरती, 7 वर्षीय पुत्र संजय, 7 वर्षीय पुत्री भावना और 11 वर्षीय भतीजी रविता के शव मिले। नरेश ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
मामले में आवश्यक कागजी कार्रवाई करती पुलिस टीम।
सरपंच ने पुलिस को घटना की जानकारी दी
पड़ोसी ने कमरा खोलकर देखा नरेश फंदे पर लटका था। आरती और बच्चों के शव फर्श पर पड़े थे। ग्रामीणों ने पहले सरपंच को खबर दी। सरपंच ने मौके पर पहुंचकर देखा और पुलिस को बताया। जानकारी मिलते ही पलवल शहर पुलिस दल बल के साथ पहुंची।
पुलिस पड़ोसियों और रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही
बताया जा रहा है कि पति और पत्नी के बीच मंगलवार की रात किसी बात को लेकर झड़प हुई थी। यह झड़प इतनी बढ़ गई कि दोनों ने आत्मघाती कदम उठाया। इस घटना को लेकर पुलिस पड़ोसियों और रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है। वहीं मृतक नरेश के पिता लक्खीराम ने आशंका जताई है कि नरेश ने ही अपनी पत्नी, बच्चों व अपनी भतीजी रविता को मौत के घाट उतार कर खुद फांसी लगा ली है।
वह घर, जहां मिले 5 लोगों के शव।
उत्तर प्रदेश में अपनी ससुराल होटल चलाता था नरेश
मृतक के चचेरे भाई भगत सिंह ने बताया कि नरेश गांव में ही खेतीबाड़ी करता था। लेकिन 3 महीने पहले ट्रैक्टर-ट्राॅली बेचकर उसे उत्तर प्रदेश में अपनी ससुराल झांसी में होटल खोला था। बताया जा रहा कि होटल खोलने के लिए उसने कुछ कर्ज भी लिया था। लेकिन होटल कारोबार में उसे कुछ ज्यादा फायदा नहीं हो रहा था। कुछ दिन से वह घर पर ही आया हुआ था।
रात को पड़ोसियों के साथ बैठकर हंसी मजाक कर रहा था
पड़ोसियों की मानें तो बीती रात वह 10 बजे तक आस पड़ोस के लोगों के साथ बैठ कर बातचीत कर रहा था। किसी को भी अभास नहीं हुआ कि नरेश और उसके परिवार में कुछ दिक्कत चल रही है। नरेश काफी मिलनसार था। वह अपने परिवार से भी बहुत प्यार करता था। होटल चलाने के लिए झांसी जाने के बाद भी वह समय निकालकर अपनी पत्नी व बच्चों से वीडियो कॉल पर बात करता रहता था।
वारदात के बाद शोक मनाने घर में जुटे ग्रामीण।
चंद वर्षों में सिमट गया हंसता-खेलता परिवार
मृतक नरेश के पिता लक्खीराम ने दो शादियां की थी। लक्खीराम की दोनों पत्नियां मायावती और निर्मला देवी सगी बहनें थीं। मायावती से दो पुत्र नरेश व समयबीर और दो पुत्रियां थीं। निर्मला देवी के दो पुत्र मनोहर लाल और रघुवीर थे। मृतक के सगे भाई समयबीर की करीब 8 साल पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, जबकि मृतक की मां निर्मला देवी भी करीब 5 साल पहले सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। रघुवीर ने भी करीब 4 साल पहले आत्महत्या कर ली थी। मृतक नरेश के भाई समयबीर की दो बेटियां हैं, जिनमें से रविता मृतक नरेश के पास ही रहती थी, जबकि दूसरी बेटी अपनी बुआ के घर चांदहट गांव में रहती है। पड़ोसियों के अनुसार, नरेश बेहद ही मेहनती किस्म का व्यक्ति था। मृतक नरेश की पत्नी झांसी (उत्तर प्रदेश) की रहनी वाली थी।
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