पंजाब में कांग्रेस की 2013 की कहानी दोहराई: राहुल ने फाड़ा था मनमोहन सरकार का अध्यादेश, सिद्धू DGP-AG हटवा बने सुपर CM; सीएम चन्नी को ‘डमी’ साबित किया
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चंडीगढ़38 मिनट पहलेलेखक: मनीष शर्मा
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पंजाब में कांग्रेस की चन्नी सरकार को आखिरकार नवजोत सिद्धू के दबाव में झुकना पड़ा। मंगलवार को DGP और एडवोकेट जनरल (AG) को हटाने का फैसला ले लिया गया। सिद्धू ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कुर्सी पर कोई भी हो, पंजाब के ‘सुपर-CM’ वही हैं।
इसने कांग्रेस की 2013 की वो घटना याद दिला दी, जिसमें राहुल गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली UPA सरकार का अध्यादेश फाड़ दिया था। जब यह वाक्या हुआ तो PM डॉ. सिंह अमेरिका दौरे पर थे। उसके बाद ही देश में यह चर्चा शुरू हो गई थी कि डॉ. सिंह पीएम जरूर हैं लेकिन असली राज गांधी परिवार का है।
पंजाब में भी कुछ ऐसे ही हालात बनते नजर आ रहे हैं। CM की कुर्सी पर चरणजीत चन्नी जरूर हैं लेकिन काम वही हो रहा, जो सिद्धू चाहते हैं। जिसको लेकर अब विरोधी भी बयानबाजी करने से नहीं चूक रहे। वह कह रहे कि असली सीएम सिद्धू हैं, चरणजीत चन्नी को कांग्रेस ने रबड़ स्टैंप बनाकर रख दिया है।
इन बातों से समझिए.. कैसे मनमानी कर रहे सिद्धू
- सोनिया गांधी ने दिल्ली में अक्टूबर महीने में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि मुझसे मीडिया के जरिए बात न करें। सिद्धू ने अगले ही दिन सोनिया को लेटर भेजा और फेसबुक-ट्विटर पर पोस्ट कर दिया।
- चन्नी सरकार ने दिवाली गिफ्ट देते हुए बिजली 3 रुपए सस्ती कर दी। सिद्धू ने फैसले की धज्जियां उड़ा दी। कहा कि यह सब झूठ और फरेब है। सरकार लॉलीपॉप दे रही है।
- पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी सिद्धू और सीएम चन्नी को केदारनाथ मनाने के लिए ले गए। वहां तय हुआ कि सिद्धू सरकार के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर नहीं बोलेंगे। सिद्धू नहीं माने और प्रेस कान्फ्रेंस कर सरकार को जमकर कोस डाला।
- सीएम चन्नी ने पेट्रोल 10 रुपए और डीजल 5 रुपए सस्ता किया। सिद्धू ने प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई और कहा कि क्या यह 5 साल दे पाओगे। बिजली समझौते रद्द किए बिना सस्ती बिजली भी नहीं मिलेगी।-
- सिद्धू ने कांग्रेस हाईकमान और चन्नी सरकार को कहा कि पंजाब कांग्रेस का प्रधान चुन लो या फिर समझौते वाले AG और DGP। कांग्रेस ने सिद्धू को चुन लिया।
राहुल गांधी के नक्शेकदम पर सिद्धू
सिद्धू भी बिल्कुल राहुल गांधी की राह पर चल रहे हैं। साल 2013 में केंद्र में UPA की सरकार और डॉ. मनमोहन सिंह PM थे। तब राहुल गांधी ने मनमोहन सरकार का एक अध्यादेश फाड़ दिया था। राहुल ने उसे पूरी तरह बकवास करार दिया था। उस वक्त मनमोहन अमेरिका की यात्रा पर न्यूयॉर्क में थे। राहुल गांधी के इस रवैए से आहत डॉ. सिंह PM पद से इस्तीफा देने तक की सोच चुके थे। राहुल के अध्यादेश फाड़ने को PM की गरिमा कम करने से जोड़कर देखा गया। योजना आयोग (अब नीति आयोग) के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने अपनी किताब ‘बैकस्टेज: द स्टोरी बिहाइंड इंडिया हाई ग्रोथ ईयर्स’ में भी इसका जिक्र किया था।
राहुल गांधी के ऑर्डिनेंस फाड़ने से मनमोहन सिंह काफी नाराज हुए थे
जीत की चाह में मजबूरी बने सिद्धू
पंजाब को लेकर कांग्रेस की कई मजबूरियां हैं। सबसे बड़ी चाह पंजाब में सरकार रिपीट करने की है। ताकि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को ऑक्सीजन मिल सके। पंजाब के सियासी हालात देख उन्हें संभावना भी दिख रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के जाने के बाद कांग्रेस के पास सिद्धू को छोड़ कोई दिग्गज चेहरा नहीं है। ऐसे में सिद्धू को साथ रखना अब मजबूरी बन चुकी है।
प्रेस कान्फ्रेंस शुरू होने से पहले ही CM चन्नी ने पंजाबी गीत के जरिए हालात बयान किए
CM चन्नी की बातों से झलकी बेबसी
मंगलवार को कैबिनेट के बाद CM चन्नी और नवजोत सिद्धू की जॉइंट प्रेस कान्फ्रेंस हुई। सबसे पहले सीएम ने पंजाबी गीत की ‘जित्थे चलेंगा, चलूंगी नाल तेरे, टिकटा दो ले लईं’ पंक्ति कही। इसका हिंदी मतलब है कि आप जहां जाएंगे, मैं भी साथ चलूंगा, दो टिकट ले लेना। साफ है कि मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद पर होने के बावजूद सीएम चन्नी की काम न करने देने की बेबसी इससे साफ झलकी।
भाजपा के पंजाब महासचिव सुभाष शर्मा
भाजपा बोली- सिद्धू असली बॉस, CM चन्नी रबड़ स्टैंप
भाजपा के पंजाब महासचिव सुभाष शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार सिद्धू ने बांह मरोड़कर एजी को हटाने का फैसला करवाया था। सिद्धू यह संदेश भी दे गए कि पंजाब में असली बॉस हुई हैं। सीएम चरणजीत चन्नी सिर्फ रबड़ स्टैंप हैं।
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