पंजाब चुनाव के लिए कांग्रेस का बड़ा ऐलान: सुनील जाखड़ इलेक्शन कैंपेन कमेटी और सांसद बाजवा मेनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन बने

पंजाब चुनाव के लिए कांग्रेस का बड़ा ऐलान: सुनील जाखड़ इलेक्शन कैंपेन कमेटी और सांसद बाजवा मेनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन बने

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चंडीगढ़8 घंटे पहले

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पंजाब चुनाव के लिए कांग्रेस का बड़ा ऐलान: सुनील जाखड़ इलेक्शन कैंपेन कमेटी और सांसद बाजवा मेनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन बने

पंजाब में कांग्रेस ने चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। पंजाब में पार्टी से नाराज चल रहे सुनील जाखड़ को इलेक्शन कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बना दिया गया है। उन्हें टिकट वितरण के लिए बनाई स्क्रीनिंग कमेटी में भी जगह दी गई है। वहीं, राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा को मेनिफेस्टो कमेटी का चेयरमैन बना दिया गया है। इसके अलावा अंबिका सोनी को इलेक्शन कोऑर्डिनेशन कमेटी और अजय माकन स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन बनाया है।

जाखड़ को खुश करने की कोशिश
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने पंजाब में पार्टी से दूरी बना रखी है। पहले उन्हें कुर्सी से हटा नवजोत सिद्धू को प्रधान बना दिया गया। इसके बाद उन्हें CM बनाने के लिए बुलाया गया लेकिन चरणजीत चन्नी मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद जाखड़ ने पार्टी से दूरी बना ली और ट्वीट के जरिए निशाने साधने लगे। कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने दिल्ली में जाखड़ से मुलाकात की थी। जिसके बाद उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। जाखड़ भले ही पंजाब में पार्टी से नाराज रहे हों लेकिन हाईकमान के साथ लगातार तालमेल में रहे। इस वजह से उन्हें कैंपेन कमेटी के साथ स्क्रीनिंग कमेटी में भी जगह दी गई है।

हिंदू वोट बैंक के लिए जरूरी थे जाखड़
पंजाब में करीब 33% हिंदू वोट बैंक है। कांग्रेस में हमेशा सीएम पद पर सिख तो पार्टी प्रधान पद पर हिंदू चेहरा रहा। यह पहली बार था कि दलित सिख चरणजीत चन्नी को सीएम और जट्‌टसिख नवजोत सिद्धू को प्रधान बना दिया। इससे कांग्रेस ने 32% दलित वोट और 19% जट्‌टसिख वोट तो साध लिए लेकिन हिंदू वोट बैंक नजरअंदाज हो गया। हिंदू वोट बैंक को लेकर कांग्रेस इसीलिए जाखड़ को अहम भूमिका में लाई है। जाखड़ के साथ अंबिका सोनी को भी वर्षों बाद पंजाब की सियासत में सक्रिय करने को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

बाजवा भी चल रहे थे नाराज
राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा भी पार्टी से नाराज चल रहे थे। उनका कहना था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का सबसे पहले उन्होंने विरोध किया था। इसके बावजूद पार्टी प्रधान से लेकर मुख्यमंत्री तक उन्हें ही बनाया गया। इसके बाद जब कैप्टन को सीएम पद से हटाया गया तो भी उन्हें कोई तरजीह नहीं दी गई। इसके अलावा मेनिफेस्टो को लेकर भी बाजवा मुखर रहे कि उसमें जो वादे करते हैं, वह पूरे होने चाहिए। इसलिए अब कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दी।

​​​​अंबिका सोनी को भी अहम जिम्मा
अंबिका सोनी को भी इलेक्शन कोऑर्डिनेशन कमेटी का जिम्मा सौंपा गया है। अंबिका सोनी वही नेता हैं, इनकी वजह से जाखड़ के हाथ से सीएम की कुर्सी निकल गई। सोनी ने कहा था कि पंजाब में सीएम सिख चेहरा होना चाहिए। जिसके बाद इशारों में जाखड़ भी कई बार उन पर निशाना साधते रहे।

माकन पर बड़ी जिम्मेदारी
कांग्रेस नेता अजय माकन पर भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। स्क्रीनिंग कमेटी टिकट के दावेदारों को शॉर्टलिस्ट कर दिल्ली भेजेगी। जहां सेंट्रल इलेक्शन कमेटी इन पर अंतिम फैसला लेगी। सेंट्रल कमेटी में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के बड़े नेता शामिल हैं। माकन के साथ इस कमेटी में सीएम चरणजीत चन्नी, हरीश चौधरी, नवजोत सिद्धू को भी इस कमेटी में रखा गया है। माकन के साथ चंदन यादव और कृष्णा अलावुरु को इसमें मेंबर लिया गया है।

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