पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा में जन्माष्टमी की धूम: ‘जय कन्हैया लाल की’ और ‘बांके बिहारी की जय’ से गूंजे मंदिर, झांकियों में दिखे भगवान श्रीकृष्ण के मोहक रूप
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- From The Birth Of Lord Krishna To The Mahabharata War In Kurukshetra, Every Tableau Was Prepared On The Same Platform.
चंडीगढ़4 घंटे पहले
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जन्माष्मी पर चंडीगढ़ में अलग-अलग मंदिरों में कई कार्यक्रमों आयोजित किए गए।
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में सोमवार को जन्माष्टमी के मौके पर अलग-अलग मंदिरों को खूब सजाया गया। इस दौरान कहीं झांकियां निकाली गईं, तो कहीं मंदिरों में ‘जय कन्हैया लाल की’, ‘बांके बिहारी की जय’ के जयघोष और भजनों का दौर चला। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में भागवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना की। शहरों के अलग-अलग मंदिरों में कई कार्यक्रमों को आयोजित किया गया।
जन्माष्टमी पर चंडीगढ़ के मंदिर कुछ इस तरह सजे नजर आए।
चंडीगढ़ में जहां जन्माष्टमी के मौके पर कई इलाकों में मंच सजे दिखे और भगवान कृष्ण के जीवन पर प्रस्तुतियां दीं गईं। वहीं हरियाणा के रेवाड़ी में मुख्य बाजार स्थित राधाकृष्ण मंदिर के बाहर जन्माष्टमी के मौके पर झांकी आयोजित की गई। यहां कलाकारों ने प्रस्तुतियां दीं और बड़ी संख्या में लोगो मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। पंजाब के लुधियाना और जालंधर में भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंच भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद लिया। इस दौरान छोटे-छोटे बच्चे भगवान कृष्ण के बाल्य काल की वेश-भूषा में नजर आए।
श्री राधा कृष्ण पाठशाला मंदिर फिल्लौर (जालंधर) में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर श्रद्धालुओं ने भारी मात्रा में पहुंचे।
लुधियाना के एक मंदिर में श्री कृष्ण की वेश-भूषा में छोटा बच्चा।
रेवाड़ी शहर के मेन बाजार स्थित राधाकृष्ण मंदिर के बाहर जन्माष्टमी के मौके पर आयोजित झांकी में प्रस्तुति देते कलाकार
चंडीगढ़ के सेक्टर-31बी स्थित मंदिर बाबा बालक नाथ, मां वैष्णो गुफा में 10 दिनों की मेहनत के बाद एक ही मंच पर भगवान श्री कृष्ण जन्म से लेकर कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध को देखने के लिए पूरी तरह से झांकी तैयार किया गया। जिसे देखने के लिए पूरे शहरवासियों की भीड़ जमा हुई। इस मंदिर में जन्माष्टमी के लिए गोकुल, ब्रज भूमि, यमुना, कुरुक्षेत्र की हर झांकी को तैयार किया गया और उसे जीवंत रूप देने के लिए आधुनिक तरीके से बिजली का इस्तेमाल किया गया, ताकि श्रद्धालुओं को वृंदावन और गोकुल का एहसास हो सके।
चंडीगढ़ में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर इस्कॉन और सेक्टर 16 की मंदिर में श्रद्धालु।
सेक्टर-40 में गोपाल जी को झूले पर झूलाती पार्षद गुरबक्श रावत
महात्मा बुदनाथ ने बताया कि मंदिर परिसर मे 30 से 35 खास झाकियां तैयार की गई जो भगवान श्रीकृष्ण के हर पल को जीवंत रूप दे रही थी। मंदिर के मुख्य गेट के साथ श्रीकृष्ण गोपियों को तंग करते हुए दिखें। वहीं उसके साथ यमुना नदी से वासु भगवान श्रीकृष्ण को सिर पर रखकर गोकुल जाते हुए दिखाए गए। गाय का दूध पीने से लेकर उनको चराना, मां यशोदा को परेशान करना, श्रीकृष्ण की हरकतों से मां यशोदा परेशान होकर ओखल से बांधना, कंस का अंत, सुदामा मिलन, महाभारत मे तीरों की शिया पर लेटना, सब एक ही मंच पर तैयार किए गए। जिसे पूरे शहर के लोग देखने के लिए भारी संख्या में पहुंचें।
जन्माष्टमी के मौके पर सजा रेवाड़ी के मॉडल टाउन स्थित राधाकृष्ण मंदिर।
पार्षद गुरबक्श रावत ने गोपाल को झूले पर झूलाया
वहीं दूसरी तरफ सेक्टर-40 की मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर पार्षद गुरबक्श रावत ने अपने पति बीरेंद्र रावत के साथ मंदिर में माथा टेकते हुए गोपाल जी को झूले पर झुलाया। इस मौके पर मंदिर कमेटी के प्रधान एमएल राणा समेत समाज सेवियों के साथ मंदिर परिसर में लगाए गये दूध व हलवे के प्रसाद को भी ग्रहण किया।
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