पंजाब कांग्रेस में कलह: हरीश रावत की पंजाब प्रभारी से छुट्टी की तैयारी; हरीश चौधरी को मिल सकती है जिम्मेदारी
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जालंधर34 मिनट पहले
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राजस्थान सरकार में मंत्री हरीश चौधरी को हरीश रावत की जगह पंजाब कांग्रेस प्रभारी पद की जिम्मेदारी मिल सकती है। (फाइल फोटो)
पंजाब कांग्रेस में मची कलह की आंच प्रभारी पद तक पहुंच गई है, जिससे हरीश रावत की पंजाब कांग्रेस प्रभारी पद से छुट्टी की तैयारी हो चुकी है। उनकी जगह राजस्थान सरकार में मंत्री हरीश चौधरी को यह जिम्मेदारी मिलेगी। पंजाब कांग्रेस के झगड़े को रावत सही ढंग से हैंडल नहीं कर पाए। वहीं, बार-बार उनके विवादित बयान से पार्टी में कलह बढ़ती चली गई। इसे देखते हुए हाईकमान यह फैसला कर सकता है। हरीश चौधरी पंजाब कांग्रेस के सह इंचार्ज रह चुके हैं।
हरीश रावत की छुट्टी तय है, इसका संकेत भी हाईकमान ने दे दिया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत चन्नी नए CM बन गए। जब नवजोत सिद्धू चन्नी सरकार के फैसले से नाराज हुए तो रावत पंजाब आना चाहते थे। अंतिम वक्त में कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें रोक दिया। उनकी जगह हरीश चौधरी को पंजाब भेज दिया। वह चंडीगढ़ होटल में ठहरे।
इसके बाद गुपचुप तरीके से सिद्धू को साधने की कोशिश की। सिद्धू और चन्नी के बीच पंजाब भवन में बैठक तय करवाई। वहां चौधरी भी मौजूद रहे। आक्रामक तेवर दिखा रहे सिद्धू को शांत कराया। सिद्धू और चन्नी सरकार में झगड़े की वजह बने DGP और AG पद को लेकर सहमति बनवाई। इस वजह से अब चौधरी को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
कैप्टन-सिद्धू विवाद को रावत सही ढंग से हैंडल नहीं कर सके।
रावत के बयान करते रहे विवाद
कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के झगड़े की असल शुरूआत ही हरीश रावत से शुरू हुई थी। रावत ने पंजाब इंचार्ज बनते ही कैप्टन से नाराज होकर घर बैठे सिद्धू को सक्रिय किया। उन्हें पंजाब में कांग्रेस का भविष्य बताया। उन्हें पंजाब प्रधान बनाने के लिए लॉबिंग की। सिद्धू प्रधान बन गए और कैप्टन के खिलाफ बगावत होने लगी। वो कैप्टन से मिले और बाहर आकर उनकी तारीफ करते रहे। जब कुछ मंत्रियों ने बगावत की तो कह दिया कि अगला चुनाव अमरिंदर की अगुवाई में लड़ेंगे। इसका सिद्धू खेमे ने विरोध किया। कैप्टन का तख्तापलट हो गया। चरणजीत चन्नी नए सीएम बन गए।
रावत ने फिर बयान दिया कि अगला चुनाव सिद्धू की अगुवाई में होंगा। इस पर फिर झगड़ा बढ़ा और सीएम पद की गरिमा गिराने की कोशिश करार दी गई। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान को सफाई देनी पड़ी कि चुनाव सिद्धू और चन्नी की अगुवाई में होंगे।
अब सिद्धू के दबाव में हाईकमान, चन्नी बिना मिले लौटे
कैप्टन अमरिंदर के बागी तेवर देख अब कांग्रेस हाईकमान सिद्धू को नहीं खोना चाहते। इसलिए अब DGP और AG को लेकर फार्मूला निकाल लिया गया। नए DGP का फैसला UPSC से लिस्ट आने के बाद होगा। वहीं, नए एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल से बेअदबी और गोलीकांड केस हटा लिए गए हैं। यह केस अब स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर एडवोकेट आरएस बैंस देखेंगे।
सिद्धू ने अभी इस्तीफा वापस लेने की अधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि कांग्रेस हाईकमान इसे नामंजूर कर चुका है। वहीं, CM चरणजीत चन्नी शुक्रवार को दिल्ली गए थे। उनका राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मिलने का प्रोग्राम था। हालांकि इसके लिए उन्हें वक्त नहीं मिला।
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