नई पंजाब कैबिनेट से गायब होंगे पुराने चेहरे: कैप्टन के नजदीकी बृह्म महिंद्रा समेत 3 मंत्रियों का विकेट गिरना तय, राजा वडिंग और डाबर समेत​​​​​​​ आधा दर्जन नए चेहरों को मिलेगा मौका

नई पंजाब कैबिनेट से गायब होंगे पुराने चेहरे: कैप्टन के नजदीकी बृह्म महिंद्रा समेत 3 मंत्रियों का विकेट गिरना तय, राजा वडिंग और डाबर समेत​​​​​​​ आधा दर्जन नए चेहरों को मिलेगा मौका

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लुधियाना19 मिनट पहले

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नई पंजाब कैबिनेट से गायब होंगे पुराने चेहरे: कैप्टन के नजदीकी बृह्म महिंद्रा समेत 3 मंत्रियों का विकेट गिरना तय, राजा वडिंग और डाबर समेत​​​​​​​ आधा दर्जन नए चेहरों को मिलेगा मौका

पंजाब कैबिनेट में विस्तार के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी हाईकमान से मिलने दिल्ली पहुंच चुके हैं। उनके साथ उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू भी हैं। चंडीगढ़ एयरपोर्ट से रवाना होते समय की फोटो नवजोत सिंह सिद्दू ने ट्वीट की है। मुख्यमंत्री दिल्ली में पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से मिलेंगे और कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ बैठक करेंगे और कैबिनेट विस्तार की लिस्ट पर मुहर लगेगी। आज बाद दोपहर तक कैबिनेट विस्तार की लिस्ट जारी की जा सकती है। माना जा रहा है कि नई कैबिनेट में कुछ पुराने मंत्रियों को हटाया जाएगा और करीब आधा दर्जन नए चेहरों को जगह दी जाएगी।

तीन मंत्रियों का जाना लगभग तय
पुरानी कैबिनेट से 3 मंत्रियों का जाना लगभग तय माना जा रहा है। इसमें बृह्म महिंद्रा का नाम सबसे ऊपर है। उनके पास इस समय निकाय विभाग का मंत्रालय है। वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेहद खास माने जाते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के अध्यक्ष बनने पर उन्होंने सिद्धू से यह कहते हुए मिलने से इंकार कर दिया था कि जब तक वह कैप्टन अमरिंदर सिंह से माफी नहीं मांगते, वह नहीं मिलेंगे। दूसरे नंबर पर नाम राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी का है, वह भी कैप्टन के बेहद नजदीकी हैं, नवजोत सिद्धू द्वारा ईंट से ईंट खड़का देने वाले बयान की इन्होंने हाईकमान से शिकायत की थी और अपने आवास पर रात्रि भोज की बात कहते हुए शक्ति प्रदर्शन भी किया था। तीसरा नाम साधु सिंह धर्मसोत का है। वह जंगलात एवं सोशल वैलफेयर मंत्री हैं। वह कैप्टन अमरिंदर के करीबियों में से एक हैं और उन पर स्कॉलरशिप घोटाले के आरोप भी उन पर लगे हैं। इसके अलावा गुरप्रीत सिंह कांगड, भारत भूषण आशु समेत कुछ अन्य चेहरों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

दोआबा को कैबिनेट में तरजीह देना जरूरी
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मालवा से और उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा और ओपी सोनी माझा से हैं। दोआबा को अभी तक इस सरकार में कुछ भी नहीं मिला है। इसलिए प्रगट सिंह, संगत सिंह गिलजिया और राजिंदर बेरी को मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है, ताकि दोआबा को भी नुमाइंदगी मिल सके।

यह हो सकते हैं कैबिनेट में नए चेहरे
पंजाब कैबिनट में नए चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है। इसमें सबसे ऊपर अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का नाम है। कैप्टन अमरिंदर द्वारा किए गए कैबिनेट विस्तार में वह ट्रांसपोर्ट मंत्री बनना चाहते थे और यही विभाग उन्हें मिल सकता है। इसके बाद नाम सुरिंदर डाबर है। वह सीनियर नेता है और पुराने नेताओं में विश्वास बनाने के लिए उन्हें मौका दिया जा सकता है। इसके अलावा राज कुमार वेरका, प्रगट सिंह, राजिंदर बेरी, संगत सिंह गिलजिया, गुरकीरत सिंह कोटली आदि के नाम भी चर्चा में हैं। इन्हें भी नई कैबिनेट में मौका मिल सकता है।

रजिया सुलताना और अरुणा चौधरी का बढ़ेगा कद
कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के समय मंत्री रही रजिया सुल्ताना और अरुणा चौधरी का कद नई सरकार में बढ़ सकता है। उनके पति मुहम्मद मुस्तफा नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार हैं और सुल्ताना खुद भी सिद्धू के काफी नजदीक है। इसके अलावा तृप्त रजिंदर बाजवा, विजय इंद्र सिंगला, अरुणा चौधरी का मंत्रीमंडल में रहना तय है।

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