धुआं घटेगा और बचत बढ़ेगी: पेट्रोल में इथेनाॅल का अनुपात 20% हो तो 8 रु. प्रति लीटर तक कम हो सकती है कीमत, 4 हजार के खर्च में मौजूदा कारों के इंजन भी इस ईंधन पर दौड़ेंगे
[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Delhi ncr
- If The Ratio Of Ethanol In Petrol Is 20%, Then Rs. Price Can Be Reduced Per Liter, Existing Cars Will Also Run On This Fuel At The Cost Of 4 Thousand
नई दिल्ली30 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
- 2021 की पहली तिमाही में ही भारत ने किया 1.8 लाख करोड़ रु. के कच्चे तेल का आयात, ई-20 लागू हुआ तो सालाना 30 हजार करोड़ की बचत
केंद्र सरकार ने पेट्रोल में इथेनॉल का अनुपात मौजूदा 8.5% से बढ़ाकर 20% करने की डेडलाइन 2030 के बजाय 2025 कर दी है। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से कदम बहुत अच्छा है, मगर अभी तक आम जनता के मन में इस कदम को लेकर संशय बाकी हैं। जैसे- इथेनॉल मिलाने से क्या पेट्रोल सस्ता हो जाएगा? सबसे बड़ी चिंता ये कि मौजूदा गाड़ियां इस नए ईंधन ई-20 पर चल पाएंगी या नहीं। भास्कर ने इस विषय पर विशेषज्ञों से बात की।
विशेषज्ञों के मुताबिक इथेनॉल की मौजूदा प्रोसेसिंग लागत पर ही यदि गणना करें तो ई-20 ईंधन पेट्रोल के मौजूदा रेट से 8 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है। हालांकि ई-20 ईंधन मौजूदा कारों की क्षमता को कम करेगा। मगर गाड़ियों में ई-20 ईंधन के मुताबिक बदलाव बहुत महंगा नहीं है।
2 हजार रु. तक के खर्च में मौजूदा दोपहिया और 4 हजार रु. तक के खर्च में मौजूदा चौपहिया वाहनों के इंजन को मॉडिफाई कर ई-20 के लायक बनाया जा सकता है। भारत अपनी परिवहन जरूरतों के लिए सालाना 8 लाख करोड़ रुपए का कच्चा तेल आयात करता है। 2021 की पहली तिमाही में ही हमने 1.8 लाख करोड़ का कच्चा तेल आयात किया। ई-20 से सालाना 30 हजार करोड़ तक की बचत होगी।
मौजूदा इंजनों का रि-कैलिबरेशन करवा लें तो नहीं आएगी दिक्कत
- सरकार ने एक अधिसूचना जारी की जिसके तहत ऑटो कंपनियों को ऐसे वाहन डिजाइन करने होंगे जिनमें 12-15% इथेनॉल मिले पेट्रोल का इस्तेमाल हो सके।
- दरअसल, हर ईंधन का एक रीड वेपर प्रेशर (आरवीपी) होता है। पेट्रोल में इथेनॉल मिलेगा तो उसके आरवीपी वैल्यू में तब्दीली आएगी। इससे मौजूदा इंजनों के पुर्जों की क्षमता प्रभावित होगी।
- इंजन के पुर्जों में जंग लग सकती है। इससे कभी-कभी इंजन झटके के साथ बंद हो सकता है, खासकर दोपहिया वाहनों में इसकी आशंका ज्यादा है। वाहन की माइलेज में भी कुछ कमी आ सकती है।
- वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम के मुताबिक इससे बचने के लिए इंजन का हार्डवेयर व कई उपकरण बदलने होंगे, इंजन का री-कैलिबरेशन करना पड़ेगा। इसका खर्च दोपहिया वाहनों में 1 से 2 हजार रुपए और चौपहिया वाहनों में 3 से 4 हजार रु. तक आएगा।
पेट्रोल दिल्ली में 102 रु. प्रति ली. इथेनॉल 20% हो तो दाम घटकर 94 रु. हो सकते हैं
फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 102 रुपए प्रति लीटर और इथेनॉल 60-62 रुपए प्रति लीटर मिलता है। 20% इथेनॉल मिलाया जाए तो सामान्य गणना के मुताबिक 80 रुपए का पेट्रोल और करीब 12.50 रुपए का इथेनॉल होगा। यानी ईंधन की कीमत 92 रु./लीटर तक हो सकती है। हालांकि इथेनॉल ब्लेंडिंग के बाद ईंधन की कीमत तय करना पेट्रोलियम कंपनियों के ही हाथ में होगा।
ई-20 से 50% घट जाएगा कारों से कार्बन मोनो ऑक्साइड उत्सर्जन
ई-10 (पेट्रोल में 10% इथेनॉल) से कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन 20% तक घट जाता है। ई-20 (20% इथेनॉल मिला पेट्रोल) से दोपहिया वाहन से कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन 30% और चौपहिया वाहनों में 50% तक कम हो जाता है। हाइड्रोकार्बन उत्सर्जन भी 20% और नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन 10% तक कम हो जाता है। कुल मिलाकर 16% हानिकारक उत्सर्जन कम होगा।
उत्पादन-भंडारण बढ़ाने के लिए 41 हजार करोड़ का निवेश चाहिए
देश में इथेनॉल की कुल उत्पादन क्षमता 684 करोड़ लीटर प्रति वर्ष है। 2025 तक इथेनॉल की मांग 921 करोड़ लीटर सालाना हो सकती है। देश में इथेनॉल की भंडारण क्षमता भी 300 करोड़ लीटर की है। इसे भी तीन गुना से ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है। उत्पादन के लिए बायो-रिफाइनरी निर्माण और भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए 41 हजार करोड़ के निवेश की जरूरत होगी।
भास्कर एक्सपर्ट पैनल: प्रो. अंजन रे (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम के निदेशक), डॉ. एसएसवी राजकुमार (इंडियन ऑयल में रिसर्च एंड डेवलेपमेंट विंग के निदेशक), रेजी मैथाई (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया के निदेशक), दिनेश त्यागी (इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के निदेशक), सीवी रमण (मारुति सुजुकी के चीफ टेक्नीकल ऑफिसर), विक्रम कास्बेकर (हीरो मोटोकॉर्प के चीफ टेक्नीकल ऑफिसर)
[ad_2]
Source link