धार्मिक स्थलों पर नेताओं के चुनावी फेरे: CM चन्नी-सिद्धू के केदारनाथ के बाद सुखबीर सालासर धाम पहुंचे; पंजाब में 38% हिंदू वोट बैंक पर दांव
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चंडीगढ़15 घंटे पहले
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बस में अकाली नेताओं के साथ सालासर धाम जाते सुखबीर बादल।
पंजाब विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं ने धार्मिक स्थलों के चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस के पंजाब प्रधान नवजोत सिद्धू और CM चरणजीत चन्नी कुछ दिन पहले उत्तराखंड में केदारनाथ धाम गए थे। इसके जवाब में अब शिरोमणि अकाली दल (बादल) के प्रधान सुखबीर बादल नेताओं की फौज लेकर राजस्थान स्थित सालासर धाम पहुंच गए हैं। इससे पहले AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी पंजाब आकर मंदिरों में माथा टेक चुके हैं।
नेताओं के इन चुनावी दौरों को पंजाब में 38.49% हिंदू वोट बैंक पर दांव माना जा रहा है। पहले सबका फोकस SC वोट बैंक पर था। अचानक कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटा अनुसूचित जाति के चरणजीत चन्नी को CM बना यह दांव फेल कर दिया। जिसके बाद सबकी नजर हिंदुओं पर लगी हुई है।
सुखबीर बादल के साथ सालासर धाम जाते अकाली नेता
यह दांव इसलिए अहम
पंजाब चुनाव में शुरूआत 31.94% SC वोट बैंक से हुई थी। भाजपा ने SC मुख्यमंत्री को अकाली दल ने डिप्टी सीएम की घोषणा कर दी। कांग्रेस एक कदम आगे बढ़ी और मुख्यमंत्री ही अनुसूचित जाति का बना दिया। जिसके बाद नेताओं ने दांव बदल दिया। पंजाब में हिंदू वोट बैंक अब तक BJP या फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह की वजह से कांग्रेस को मिलता था। इस बार अकाली दल बीजेपी से गठजोड़ तोड़ चुकी है। वहीं, अमरिंदर भी कांग्रेस में नहीं हैं। ऐसे में इस वोट बैंक के लिए नेता धार्मिक स्थलों पर जाकर हिंदुओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
सिद्धू और सीएम चन्नी कुछ दिन पहले केदारनाथ दर्शन करने गए थे
कांग्रेस के लिए मुश्किल राह
पंजाब में कांग्रेस के लिए हिंदू वोट बैंक की राह मुश्किल है। पंजाब के इतिहास में पहली बार सुनील जाखड़ हिंदू CM बन रहे थे। हालांकि अंदरूनी विरोध के बाद यह फैसला टाल दिया गया। दूसरा कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस में नहीं हैं। कैप्टन के वक्त हिंदुओं को यह यकीन रहता है कि सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ेगा। कैप्टन इसके लिए सख्त भी रहे हैं। अब यह वोट बैंक भाजपा और कैप्टन की नई पंजाब लोक कांग्रेस में बंट सकता है।
पंजाब में जातीय वोट बैंक का गणित
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