दिवाली की तैयारी: अब बाजारों में भीड़ उमड़ी, पढ़िए…देश के दो सबसे बड़े बाजारों से त्योहारी कारोबार की रिपोर्ट

दिवाली की तैयारी: अब बाजारों में भीड़ उमड़ी, पढ़िए…देश के दो सबसे बड़े बाजारों से त्योहारी कारोबार की रिपोर्ट

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Preparations For Diwali Now There Is A Crowd In The Markets, Read The Report Of Festive Business From The Two Biggest Markets Of The Country

19 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
दिवाली की तैयारी: अब बाजारों में भीड़ उमड़ी, पढ़िए…देश के दो सबसे बड़े बाजारों से त्योहारी कारोबार की रिपोर्ट

धनतेरस से पहले ही ज्वैलरी शोरूम में भीड़।

द. भारत के सबसे बड़े गोल्ड हब प्रोद्दतूर में दुनिया का कोई भी डिजाइन लाइए, कॉपी तैयार हो जाएगी

आंध्र प्रदेश के कडपा जिले के प्रोद्दतुर कस्बे के बारे में उत्तर भारत में शायद ही कोई जानता हो। मगर दक्षिण भारत में इसे ‘सेकेंड मुंबई’ के नाम से जाना जाता है। 6000 से ज्यादा छोटी-बड़ी आभूषणों की दुकानों वाला यह कस्बा दक्षिण भारत का सबसे बड़ा और सबसे पुराना गोल्ड हब माना जाता है।

यहां 1937 में स्थापित सबसे बड़े ज्वैलरी शोरूम के मालिक राममोहन राव भू शेट्‌टी बड़े गर्व से कहते हैं कि जब 1978 में मोरारजी देसाई ने देश के गोल्ड रिजर्व से 12.95 टन सोना नीलाम किया था तो इसका 90% प्रोद्दतुर के व्यवसायियों ने ही खरीदा था। भू शेट्‌टी राज्य के आभूषण विक्रेताओं की एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट भी हैं।

वे कहते हैं कि प्रोद्दतुर को सेकेंड मुंबई सालाना टर्नओवर की वजह से नहीं कहा जाता। बल्कि यहां की कारीगरी और डिजाइन के कारण मार्केट को ख्याति मिली है। उनका दावा है कि देश ही नहीं, दुनिया का कोई भी डिजाइन क्यों न हो…यहां के कारीगर उसकी कॉपी बना सकते हैं।

प्रोद्दतुर श्रॉफ मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष कोपार्थी मधुसूदन लिंगैयाह का दावा है कि यहां आभूषणों की कीमत बाकी देश से कम है। जयपुर ज्वैलरी भी जयपुर से 10% कम कीमत में मिलेगी। वे वजह बताते हैं कि ज्यादातर दुकानें चौथी या पांचवी पीढ़ी चला रही है।

75% कारोबारी ही रजिस्टर्ड
पिछले वर्ष कोरोना की वजह से कारोबार ठप था। इस वर्ष अब तक 50% रिकवरी हो चुकी है। यहां के 75% कारोबारी ही जीएसटी रजिस्टर्ड हैं। बिना बिल के ही प्रति माह करीब 2-5 करोड़ का कारोबार होता है।

सूरत गुलजार…रोज 40 करोड़ की ज्वैलरी बिकने की उम्मीद, 15000 करोड़ रु. का कपड़ा कारोबार

दीपावली के त्योहारी सीजन में सूरत के बाजार गुलजार हैं। कोरोना की वजह से पिछले साल तो कारोबार थम गया था। मगर इस वर्ष त्योहारों के साथ ही बाजारों में भीड़ बढ़ रही है। दीपोत्सव के बाद वैवाहिक सीजन के चलते भी ज्वैलरी बाजार में अच्छी खरीदारी निकली है।

एक अनुमान के अनुसार हर दिन 40 करोड़ रुपए की ज्वैलरी बिक रही है। इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रमुख नैनेष पच्चीगर का कहना है कि- वैवाहिक सीजन को ध्यान में रखते हुए लोग खरीदारी करने लगे हैं। एक अनुमान के अनुसार सूरत में अभी हर दिन 3000 स्मार्ट फोन बिक रहे हैं।

धनतेरस से पहले ही ज्वैलरी शोरूम में भीड़।

धनतेरस से पहले ही ज्वैलरी शोरूम में भीड़।

रोज टेक्सटाइल के 200 करोड़ के 90 हजार पार्सल

सूरत से देश भर में हर दिन 200 करोड़ से अधिक के टैक्सटाइल पार्सल रवाना हो रहे हैं। वजह, कोरोना की पहली-दूसरी लहर के चलते रहे ठहराव के बाद बाजार में अब अच्छी डिमांड निकली है। सूरत के टैक्सटाइल उत्पादों की मांग बहुत है।

हीरानगरी सूरत से हर दिन 450 ट्रक 90 हजार पार्सल लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और दक्षिण भारत सहित देश के विविध हिस्सों के लिए रवाना हो रहे हैं। दीपावली को लेकर सूरत के टैक्सटाइल मार्केट को इस वर्ष की सीजन 15000 करोड़ रुपए का होने के अनुमान जता रहे हैं।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *