तालिबान की तरफदारी में व्यस्त पाकिस्तान में पानी की किल्लत, बूंद-बूंद के लिए तरस रहे लोग
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अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से पाकिस्तान लगातार तालिबान की तरफदारी में जुटा हुआ है। तालिबान ने हाल ही में पाकिस्तान को अपना घर बताया था और कहा था कि दोनों की सीमाएं लगती हैं और दोनों का मजहब भी एक ही है। पाकिस्तान का तालिबान प्रेम भी दुनिया ने देखा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री तालिबानी नेतृत्व से मुलाकात कर चुके हैं तो वहीं पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर तालिबान के लिए अपील कर चुका है। बहरहाल तालिबान के प्रेम में डूबे पाकिस्तान की हालत यह है कि वहां लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। सिंध इलाके में पीने के पानी और सिंचाई के पानी की जबरदस्त किल्लत हो गई है। पाकिस्तान प्रशासन ने क्षेत्र में कैनालों के बहाव को कम कर दिया है जिसकी वजह से वहां पीने और सिंचाई के लिए पानी की किल्लत हो गई है।
सिंध प्रक्षेत्र में आने वाले सभी तीनों बैराजों में पानी की कमी हो गई है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक सिंचाई के लिए वहां रोटेशन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है ताकि किसी तरह खेतों में पानी पहुंचाया जा सके। सिंध के अलावा ब्लूचिस्तान प्रांत में भी पानी की भारी किल्लत हो गई है। बताया जा रहा है कि यहां बैराज अथॉरिटी ने दो मुख्य कैनालों रोहरी तथा नारा में पानी के बहाव को कम किया है। बताया जा रहा है कि ब्लूचिस्तान स्थिति गुड्डू बैराज में 9 प्रतिशत और सुक्कूर बैराज में 35 फीसदी पानी की कमी है। कभी कोटरी बैराज में अगस्त के महीने में 9,000 क्यूसेक लीटर पानी था जो बहाव रोकने की वजह से 25 अगस्त को 397 क्यूसेक पर पहुंच गया। सिंचाई विभाग के आकंड़े बताते हैं कि कोटरी बैराज में अधिकतम 250,345 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है।
पाकिस्तान का मौसम विभाग पहले ही सिंध के दस जिलों में सूखा पड़ने की आशंका जता चुका है। सिंचाई मंत्री सियाल का कहना है कि प्रांत में बारिश नहीं हुई है। कृषि के लिए पानी नहीं है और इंसानी जरूरत को पूरा करने लायक भी पानी सिंध में नहीं बचा है। यदि जल्द बारिश नहीं होती, हाल बेहाल हो सकते हैं और कई अन्य जिले सूखे की चपेट में आ सकते हैं, इसमें कराची भी शामिल है।
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