तालिबानी सत्ता के बाद दुनिया में सबसे बड़ी जब्ती: टैल्कम पाउडर के नाम पर कंधार से आई 21 हजार करोड़ की हेरोइन, गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर 3000 किलो हेरोइन पकड़ी
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कच्छ/विजयवाड़ा/नई दिल्ली40 मिनट पहले
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कंटेनरों को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित आशी ट्रेडिंग फर्म द्वारा अफगानिस्तान से अदाणी के मुंद्रा पोर्ट पर आयात किया गया था।
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत आने के बाद नशे के कारोबार का ठिकाना भारत को बनाने की साजिश का बड़ा मामला सामने आया है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने गुजरात के कच्छ के मुंद्रा पोर्ट से 3000 किलो हेरोइन जब्त की है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 21 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है।
यह देश में ड्रग की सबसे बड़ी बरामदगी तो है ही, साथ ही अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद दुनिया में ड्रग्स की खेप की सबसे बड़ी जब्ती है। डीआरआई के मुताबिक ड्रग दो कंटेनरों से जब्त की गई है। एक में 2,000 किलो और दूसरे में 1,000 किलो हेरोइन है। जब्त की गई हेरोइन को बीएसएफ के अधीन क्षेत्र में रखा गया है। अफगानिस्तान से रवाना यह खेप 13 सितंबर को ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह से गुजरात रवाना हुई थी। इसे आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा पहुंचना था।
गांधीनगर की सेंट्रल फोरेंसिक लैब ने इसे ‘बहुत उच्च गुणवत्ता की’ हेरोइन बताया है। मामले में दिल्ली-एनसीआर से कुछ अफगान नागरिकों को हिरासत में लिया गया है। अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई, गांधीनगर व मांडवी में तलाशी ली गई है। ईडी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करेगी। मुंद्रा से हेरोइन विजयवाड़ा की मेसर्स आशी ट्रेडिंग कंपनी के पते पर जानी थी। 17 सितंबर को गिरफ्तार कंपनी के मालिक एम. सुधाकर और पत्नी दुर्गपूर्णा डीआरआई की रिमांड पर हैं।
कंपनी को पिछले साल काकीनाडा पोर्ट से चावल एक्सपोर्ट के लिए रजिस्टर्ड कराया गया था। कंसाइनमेंट टैल्कम स्टोन के नाम पर मंगाया गया था। कंपनी का कहना है कि कंटेनर्स चेन्नई जाने थे। कंटेनरों पर बतौर एक्सपोर्टर कंधार के हसन हुसैनी ट्रेडर्स का नाम दर्ज है। इस बीच, अडानी पोर्ट के प्रवक्ता ने कहा कि पोर्ट में कंटेनरों की जांच पोर्ट संचालक कंपनी नहीं, सक्षम एजेंसियां ही कर सकती हैं।
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डीआरआई और कस्टम का पिछले पांच दिनों से सर्च ऑपरेशन चल रहा था।
अफगानिस्तान से भारत के रास्ते हेरोइन तस्करी का पुराना रूट, अब ऑस्ट्रेलिया तक सप्लाई कर रहे तस्कर
6 जून 2021 से लेकर 19 जुलाई तक भारत में करीब सवा सौ करोड़ की उच्च दर्जे की 18 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी। अब करीब 3000 किलो हेरोइन का पकड़ा जाना विशेषज्ञों की इस आशंका को सही साबित कर रही है कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद ड्रग्स तस्करी में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी।
भास्कर से खास चर्चा में दुनिया की जानी-मानी काउंटर नार्कोटिक्स विशेषज्ञ, वैंडा फेलबाब ब्राउन ने बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान खुद अफीम और हेरोइन की तस्करी से जुड़ा है। गृह युद्ध से बचने के लिए और विदेशी मदद के अभाव में तालिबान अब ड्रग्स ट्रेड को कई गुना बढ़ा सकता है। विशेषज्ञ इतनी बड़ी मात्रा में हेरोइन पकड़े जाने का अर्थ समझने की कोशिश में जुटे हैं।
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- यूएन के एक्सपर्ट्स ने भी माना है कि भारत के रास्ते अफगानिस्तान से हेरोइन अब ऑस्ट्रेलिया तक भेजी जाती है।
- पारंपरिक रूप से भारत में अफगानिस्तान की हेरोइन पंजाब के रास्ते आती रही है। मगर यहां एक खेप अधिकतम 500 किलो तक की पकड़ी गई है।
- मुंद्रा पोर्ट के रास्ते बड़ी मात्रा में हेरोइन तस्करी का अंदेशा तो सुरक्षा एजेंसियों को था, मगर ऐसी जब्ती पहली बार की जा सकी है।
जून में भी आया था आंध्र प्रदेश की इसी कंपनी के पास 25 टन का कंसाइन्मेंट
एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि इस साल जून में विजयवाड़ा की इसी कंपनी के पते पर 25 टन ‘सेमी कट टैल्कम पाउडर ब्लॉक्स’ आए थे। दरअसल, टैल्कम पाउडर का कच्चा माल कंधार के आसपास मिलने वाली एक तरह की सफेद मिट्टी होती है। इसे दिल्ली के एक कारोबारी को कथित तौर पर एक ट्रक से भेजा गया। हालांकि वह ट्रक मुंद्रा पोर्ट से दिल्ली के रास्ते में किसी टोल से नहीं गुजरा। दिल्ली के उस कारोबारी की पहचान भी अब फर्जी बताई जा रही है, जिसे यह भेजा गया था।
आंध्र पुलिस बोली-केस का विजयवाड़ा से कोई संबंध नहीं: विजयवाड़ा कमिश्नर ने कहा, कंपनी के लाइसेंस के लिए यहां के पते के अलावा और काेई संबंध नहीं मिला है।
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