तथ्य खोज कमेटी ने शुरू की जांच,: मीटिंग के बाद शुरू किया काम, बाबा अमन सिंह समेत कई लोगों से करेंगे बात
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लुधियाना13 मिनट पहले
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सिंघु बार्डर पर हुई युवक की निर्मम हत्या के तथ्य खोजने के लिए बनाई कमेटी ने अपना काम शुरू कर दिया है। इसके लिए कमेटी सदस्यों की तरफ से मीटिंग की गई है और इस पर काम शुरू कर दिया गया है। कमेटी सदस्यों की तरफ से इस संबंधी विचार विमर्श किया गया है कि यह काम कैसे किया जाना है। इस कमेटी की तरफ से अपनी रिपोर्ट तीन या चार दिन में पूरी की जानी है और इसे किसान संगठनों के समक्ष पेश किया जाना है। कमेटी के अहम सदस्य बलदेव सिंह सिरसा के अनुसार हम जांच को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं। बलदेव सिंह सिरसा के अनुसार हम इस मामले में उन सभी लोगों से बात करेंगे जो हत्या करने, लखबीर को यहां लाने के लिए जिम्मेदार हैं। हमने इसके लिए अपना प्रोग्राम चाकआउट कर लिया है। वह इस संबंधी बाबा अमन सिंह, दूसरे निहंग सिंहों और धरने में शामिल लोगों जो मौके पर मौजूद रहे हैं संबंधी भी बात करेंगे। इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर किसान संगठनों के समक्ष सौंप दी जाएगी। 27 अक्टूबर से पहले जांच पूरी करने का टास्क इस तथ्य खोज कमेटी की तरफ से अपनी जांच को 27 अक्टूबर से पहले पहले पूरा कर इसकी रिपोर्ट दी जानी है। क्योंकि 27 अक्टूबर को निहंग सिंहों की तरफ से धार्मिक एकत्रता बुलाई गई है और इस दिन वहां पर संत समाज, किसान संगठनों और अन्य लोगों को बुलाया गया है। इस में फैसला लिया जाना है कि निहंग सिंहों की तरफ से यहां रुकना है या उन्हें यहां से चले जाना चाहिए। एकत्रता के बाद बाबा अमन सिंह की फोटो सामने नहीं आईं थीं और अब इस एकत्रता में इस पर भी बात होनी लाजिमी है, इसी लिए यह कमेटी अपनी जांच को इससे पहले मुकंमल करना चाहती है ताकि उस एकत्रता में तथ्यों के साथ बात रखी जा सके। 15 अक्टूबर को सिंघू पर हुई हत्या के बाद है विवाद 15 अक्टूबर को सिंघू बार्डर पर तरनतारन के नजदीकी गांव चीमा कलां के युवक की निहंग सिंहों की तरफ से निर्मम हत्या कर दी गई थी। उस पर आरोप था कि उसने धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की है। इसके बाद ग्रुप के मुखी निहंग अमन सिंह की फोटो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा नेताओं के साथ फोटो वायरल हुई थीं। इसके बाद किसान मोर्चा ने इसमें गहरी साजिश की आशंका जाहिर की थी। इसकी जांच के लिए तथ्य खोज कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें कंवलप्रीत सिंह पन्नू, बलदेव सिंह सिरसा, काका सिंह कोटड़ा, प्रगट सिंह जामाराए और जतिंदर सिंह छीना को लिया गया है।
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