टीकरी बॉर्डर पर किसान की मौत: आंदोलन की शुरूआत से शामिल रहा; हार्टअटैक की आशंका, पंजाब के मानसा का रहने वाला
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बहादुरगढ़एक घंटा पहले
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हरचरण सिंह का आधार कार्ड।
3 नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच पंजाब के एक और किसान की मौत हुई है। मौत का कारण हार्टअटैक माना जा रहा है। बहादुरगढ़ पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भिजवा दिया है। मौत के असली कारणों का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब के जिला मानसा के गांव हक्कामवाला निवासी 64 वर्षीय हरचरण सिंह आंदोलन की शुरूआत से ही टीकरी बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए थे। उन्होंने अपना रहने का ठिकाना मेट्रो पिलर 783 के नीचे बनाया हुआ था। बुधवार को वह अपनी झोपड़ी में अचेत अवस्था में मिले। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद अस्पताल पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया तथा पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि हरचरण सिंह की मौत हार्टअटैक से हुई है।
बता दें कि इसी साल 1 अक्टूबर को हरचरण सिंह का बहादुरगढ़ में एक्सीडेंट हो गया था। बुरी तरह घायल हुए हरचरण सिंह को रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया था। एक माह इलाज के बाद 2 नवंबर को ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। लेकिन वह अपने घर जाने की बजाए वापस आंदोलन में शामिल होने के लिए आ गए और आज उनकी मौत हो गई।
कृषि कानूनों के विरोध में शुरू किसानों के आंदोलन में अभी तक 600 से ज्यादा किसानों की मौत विभिन्न कारणों से हो चुकी है। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से किसान और सरकार के बीच 10 माह से बातचीत का डेडलॉक लगा हुआ है। पहले भीषण गर्मी और अब तेज सर्दी की शुरू हो चुकी है। ऐसे में आंदोलन में शामिल बुजुर्ग किसानों को सबसे ज्यादा खतरा है।
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