जींद के डॉक्टर ने इकट्‌ठे किए 3106 गणपति स्वरूप: 31 साल से कर रहे मूर्तियों का संग्रह, कोई भी नहीं खाती एक-दूसरी से मेल; 2006 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में हो चुका डॉ. विवेक का नाम दर्ज

जींद के डॉक्टर ने इकट्‌ठे किए 3106 गणपति स्वरूप: 31 साल से कर रहे मूर्तियों का संग्रह, कोई भी नहीं खाती एक-दूसरी से मेल; 2006 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में हो चुका डॉ. विवेक का नाम दर्ज

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  • Collecting Ganpati Idols For 31 Years, Dr.’s Name Has Also Been Recorded In The Guinness Book Of World Records In 2006.

रोहतक13 घंटे पहले

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जींद के डॉक्टर ने इकट्‌ठे किए 3106 गणपति स्वरूप: 31 साल से कर रहे मूर्तियों का संग्रह, कोई भी नहीं खाती एक-दूसरी से मेल; 2006 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में हो चुका डॉ. विवेक का नाम दर्ज

हरियाणा के जींद में एक शख्स को विघ्नविनायक गणपति जी महाराज के तरह-तरह के स्वरूप इकट्‌ठा करने का शौक। अभी तक गणेश जी के आपने कितने स्वरूपों में देखा होगा। शिव-पार्वती के साथ या चूहे पर बैठे हुए, मगर डॉ. विवेक सिंगला के पास जमा इस संग्रह में हर गणेश स्वरूप दूसरे से बिल्कुल भिन्न है। इसी शौक के चलते आज डॉक्टर विवेक सिंगला के पास 3106 गणपति स्वरूपों का संग्रह है। उनका नाम 2006 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है।

गणपति जी का एक स्वरूप और (दाएं) अनोखे संग्रह का शज्ञैक रखते डॉ. विवेक सिंगला।

गणपति जी का एक स्वरूप और (दाएं) अनोखे संग्रह का शज्ञैक रखते डॉ. विवेक सिंगला।

34 साल पहले मुंबई गणेश विसर्जन के दौरान आया था मन में
वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ. विवेक सिंगला बताते हैं कि वह 34 साल पहले मुंबई गए हुए थे। वहां गणपति विसर्जन के दौरान उनके कई रूप देखे थे। वहीं से शौक लग गया और उन्होंने मूर्तियां इकट्ठी करनी शुरू कर दी। इसके बाद तो जहां भी गया, गणेश की मूर्तियां ही ढूंढ़ता रहता। उनके पास अष्टधातु से लेकर, मार्बल पत्थर, लकड़ी, मिट्टी, पीओपी से लेकर हर तरह की मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों को अपने क्लिनिक में अलग कमरे में सजा रखा है। कोई मूर्ति दो इंच की है तो कोई दो फीट की भी है।

चारपाई पर आराम करते गणपति।

चारपाई पर आराम करते गणपति।

देश- विदेश से लाई गई मूर्तियां

डॉ. विवेक सिंगला बताते हैं कि वे देश के हर कोने से गणेश जी की मूर्तियां लाए है। उनकी कोई भी यात्रा ऐसी नहीं रही, जब वह गणेश जी न लेकर आए हों। करीब 400 गणेश उन्होंने खुद भी बनाए हैं। अब गणेश के साथ उनका आंतरिक रिश्ता बन चुका है। मूर्तियां इकट्ठी करने का जुनून आखिरी सांस तक चलता रहेगा। साथ ही बताया कि जब भी वह विदेश यात्राओं पर गए तो वहां से भी गणेशजी की मूर्तियां लेकर आए। उनके पास थाईलैंड, इटली, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, वियतनाम, फिलिपींस से आई मूर्तियां भी हैं। थाइलैंड से वह खुद गणेश के स्वरूप को लेकर आए थे, जबकि बाकी उनके पेशेंट ने गिफ्ट की हुई हैं। उनके पास गणपति की सबसे बड़ी प्रतिमा थाइलैंड की हैं, जिसकी ऊंचाई लगभग 150 फीट और लंबाई लगभग 550 फीट है। इस प्रतिमा को देखने के लिए थाइलैंड जा चुके हैं।

अलग अलग तरह की गणेश मूर्तियां।

अलग अलग तरह की गणेश मूर्तियां।

कुछ ऐसी है गणेश मूर्तियां
डॉ. विवेक सिंगला के संग्रह में कोई गणेशस्वरूप मोबाइल चला रहा है तो कई बुलेट पर सवार है। दालों से बना गणेश ध्यान खींचता है तो साबुन से बना गणपति भी इतना ही सुंदर है। मरीज का इलाज करते हुए, झूला झूलते हुए, साइकिल चलाते हुए, सुपारी से बने हुए, किताब पढ़कर सुनाते हुए, नाव में बैठे हुए, हुक्का पीते हुए, गरबा डांस करते हुए, भंगड़ा करते हुए, हारमोनियम बजाते हुए, नंदी पर व हाथी पर बैठे हुए गणेश देखकर मन गदगद हो जाता है। पंचमुखी गणेश, लालाजी की मुद्रा में, सूटकेस लेकर जाते, संजू फिल्म के गणेश, घुटनों के बल चलते हुए, खाट पर आराम करते हुए, पेड़ की जड़ से बना गणेश डॉ. विवेक के संग्रह की शोभा बढ़ा रहे है। वे अब और भी भिन्न तरह के गणपति जी का संग्रह लगातार कर रहे हैं।

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