जालंधर में तैनात ADCP के बेटे समेत 4 पर FIR: 2.24 करोड़ हड़पे, कंपनी में इन्वेस्टमेंट और हिस्सेदारी बेचने के नाम पर 3 लोगों से हड़पी रकम, दलाल की मदद से डील कर चुकाए अपने लोन
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जालंधर3 घंटे पहले
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जालंधर कमिश्नरेट पुलिस में तैनात ADCP के बेटे चरनप्रीत सिंह डल्ली व 3 आरोपियों ने मिलकर तीन लोगों से 2.24 करोड़ रुपए हड़प लिए। उनसे कंपनी में रिफंडेबल इन्वेस्टमेंट व हिस्सेदारी बेचने के बदले यह रकम ली गई लेकिन उसका निजी इस्तेमाल किया गया। पूरे मामले की जांच पहले कमिश्नरेट पुलिस दबाती रही। हालांकि चंडीगढ़ में उच्च अफसरों तक मामला पहुंचने के बाद अब उनके खिलाफ IPC की धारा 406, 420, 120B के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
3 शिकायतकर्ताओं ने बताई ठगी की कहानी
पूरे मामले की जांच करने वाले AIG क्राइम ने जांच रिपोर्ट में बताया कि गुरु गोबिंद सिंह नगर के रहने वाले रछपाल सिंह और उनके पार्टनर जसविंदर सिंह निवासी बैलीव्यू ग्रीन अपार्टमेंट मिट्ठापुर रोड व महकप्रीत सिंह निवासी ग्रीन माडल टाउन के बयान दर्ज किए गए। उन्होंने बयान में बताया कि न्यूवो (NEUVO) हॉस्पिटेलिटी प्रा. लि. में उन्होंने उनसे ब्याज सहित लौटाने के लिए 1.20 करोड़ रुपए जमा कराए थे। इसके बाद कंपनी के 25% शेयर खरीदने के लिए 1.04 करोड़ जमा कराए थे लेकिन वो खुर्दबुर्द कर लिए गए।
आरोपियों ने वकील के जरिए दर्ज कराए बयान
इसके बाद न्यूवो के डायरेक्टर एडीसीपी के बेटे चरनप्रीत सिंह निवासी डल्ली भोगपुर, अमित तलवाड़ निवासी हाउस नंबर 7, सामने आल इंडिया रेडियो कालोनी और मनोज कुमार मधुकर निवासी 104, सदाशिव अल्पलाइन रेजिडेंसी नजदीक मैरीलेंड होटल जीरकपुर पटियाला को पड़ताल में बुलाया गया। उन्होंने वकील के जरिए अपने बयान दिए।
दलाल ठगी के आरोप में जेल में बंद
पड़ताल के दौरान कंपनी के दलाल जश्नदीप सिंह निवासी टावर एनक्लेव जालंधर को जांच में शामिल नहीं किया जा सका। जश्नदीप इस वक्त ठगी के केस में सेंट्रल जेल होशियारपुर में बंद हैं। हालांकि पड़ताल के दौरान उसके अकाउंट में 6 लाख जमा होने का सबूत मिल गया। जो उसे यह डील कराने के बदले मिले थे।
जालंधर का थाना डिविजन नंबर 6, जहां यह मामला दबाया जाता रहा, मगर दब न सका।
रुपए निजी खातों में डाल कंपनी में नहीं की इन्वेस्टमेंट
एआईजी ने रिपोर्ट में कहा कि जांच से पता चला कि चरनप्रीत डल्ली, अमित तलवाड़ व मनोज कुमार ने अपने एजेंट जश्नदीप सिंह के साथ साठगांठ की। जिसके बाद रछपाल सिंह, जसविंदर सिंह व महकप्रीत सिंह से एक एग्रीमेंट किया। जिसके बाद न्यूवो हॉस्पिटिलिटी के खाते में 1.20 करोड़ रुपए जमा कराने की बात कह 42 लाख अपने निजी खाते में जमा करवा हड़प लिए। डायरेक्टर अमित तलवाड़ ने अपनी कंपनी शिवाटेक इंडिया के खाते में 2 लाख जमा करा दिए। बाकी 76 लाख रुपए लुधियाना की थरीके रोड स्थित डीन्यूवो क्लब लांज में काम चलाने के लिए इन्वेस्ट नहीं किए। इसकी जगह तीनों डायरेक्टरों ने अपनी-अपनी कंपनियों को देकर देनदारियों का भुगतान कर दिया।
कंपनी एक्ट का उल्लंघन किया
पुलिस के मुताबिक कंपनी एक्ट 2013 के मुताबिक कोई भी कंपनी अपने शेयर होल्डरों, बैंकों, अपने डायरेक्टर या डायरेक्टरों के रिश्तेदारों से लोन ले सकती है लेकिन किसी ऐसे व्यक्ति से लोन या डिपॉजिट नहीं ले सकती, जिसका कंपनी के साथ सीधा संबंध न हो। न्यूवो के डायरेक्टरों ने शिकायतकर्ता व उसके पार्टनरों से रिफंडेबल इन्वेस्टमेंट के तौर पर 1.20 करोड़ रुपए कंपनी के खाते में जमा करवा गैरकानूनी काम किया है।
हिस्सेदारी बेचने के बारे में पंजाब में कंपनी रजिस्ट्रार से न परमिशन ली, न सूचना दी
इसके बाद न्यूवो कंपनी के 25% शेयर शिकायतकर्ता व उसके पार्टनरों को बेचने के बारे में न तो रजिस्ट्रार आफ कंपनीज (ROC), पंजाब से कोई परमिशन नहीं ली और न ही उन्हें कोई सूचना दी। जिस कारण ROC के रिकॉर्ड में शेयर बेचने का कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं है।
इन आरोपियों ने रिफंडेबल इन्वेस्टमेंट के तौर पर 1.20 करोड़ व 25% हिस्सेदारी बेचने के बदले 1.04 करोड़ समेत कुल 2.24 करोड़ की ठगी साबित हो सकती है। पुलिस ने ललिता कुमारी Vs उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया। जिसके मुताबिक ऐसे मामले में FIR दर्ज करना अनिवार्य है। जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।
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