जलियांवाला बाग डेढ़ साल बाद जनता को होगा सुपुर्द: शाम सवा 6 बजे PM मोदी ऑनलाइन प्रोग्राम में करेंगे उद्घाटन, नया एंट्रेंस और शहीदों को समर्पित 3 गैलरियां; अब कुएं में भी गहराई तक झांक सकेंगे
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अमृतसर12 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम 6 बजकर 25 मिनट पर वीडियो कांफ्रेंस से पुननिर्मित जलियांवाला बाग का उद्घाटन करेंगे। जिसके बाद यह ऐतिहासिक स्थल जनता को सुपुर्द कर दिया जाएगा। हंसते-खेलते लोगों से सजी जलियांवाला बाग की एंट्रेंस खास तौर पर लोगों को आकर्षित करेगी। वहीं बाग में मौजूद कूएं के की रूपरेखा में भी बदलाव किया गया है। इस गैलरी में शहीदों से संबंधित दस्तावेज रखे गए हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत में शहीदों को सलामी दी जाएगी। जिसके लिए बीएसएफ के जवानों की टुकड़ी को तैयार किया गया है। इतना ही नहीं कार्यक्रम की शुरुआत में शब्द गायन भी होगा। टेंट के अंदर बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री और देश के अन्य बड़े नेता कार्यक्रम के साथ जुड़ेंगे। प्रधानमंत्री शहीदों को नमन कर देश को संबोधित करेंगे। उद्घाटन के बाद लाइट एंड साउंड प्रोग्राम होगा। इसमें जलियांवाला बाग कांड के दृश्य को हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में दिखाया जाएगा। इस कार्यक्रम के बाद यह बाग देश के लोगों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
ऐसा होगा जलियांवाला बाग का नया रूपः-
इस गली को यहां शहीद हुए लोगों को समर्पित किया गया है।
एंट्रेंस- जहां से अंग्रेजों की सेना घुसी थी
अब जलियांवाला बाग में आते ही सबसे पहले सैलानियों का ध्यान एंट्रेंस पर जाने वाला है। यह वही तंग रास्ता है, जहां से जनरल डायर ने सेना को अंदर जाने के लिए कहा था। यहां अब खूबसूरत हंसते-खेलते लोग दिखाए गए हैं। यह दरवाजा उन शहीदों को समर्पित है, जो 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी वाले दिन हंसते हुए अपने परिवार के साथ जलियांवाला बाग में पहुंचे थे।
शहीदों को समर्पित गैलरी का एक दृश्य।
शहीदों को समर्पित तीन गैलरियां
जलियांवाला बाग के नरसंहार और शहीदों को समर्पित तीन गैलरियों का निर्माण किया गया है। इस गैलरी में शहीदों से संबंधित दस्तावेज रखे गए हैं। जिनसे आज की युवा पीढ़ी शहीदों को दी जाने वाली यातनाओं के बारे में जानेगी। शहीदों की वीरता के किस्से भी देखेंगे और पढ़ेंगे। एक गैलरी बुलेट मार्क लगी गैलरी के साथ बनाई गई है। जहां इस नरसंहार के बाद ब्रिटिश राज में क्या-क्या हुआ और डायर को अंग्रेजों ने कैसे बचाया आदि ब्रिटिश राज के क्रूर कामों के बारे में बताया गया है।
कुछ इस तरह रंगों से भर जाएगा जलियांवाला बाग।
कुएं का नया रूप
जिस समय वो जघन्य हत्याकांड अंजाम दिया गया था, उस समय यह कुआं खुला ही होता था। इंदिरा गांधी के समय इस पार्क को पहली बार रेनोवेट किया गया था, तब इस कुएं पर छत बनाई गई थी। अब इसकी रूपरेखा में और भी बदलाव किया गया है। कुएं के चारों तरफ गैलरी बनाई गई है और सुरक्षा के लिए कांच लगाया गया है, जिससे कुएं को गहराई तक देखा जा सकता है।
जलियांवाला बाग में संरक्षित की गई दीवार।
सुरक्षित की गई है दीवार
कुएं से थोड़ा आगे जाएंगे तो आपको एक दीवार दिखाई देगी। यह वो दीवार है, जिस पर गोलियों के निशान आज भी हैं, ताकि आज की युवा पीढ़ी उस समय मारे गए लोगों के दुख दर्द को समझ सके। इसे संरक्षित करने के लिए दीवार के आगे रेलिंग लगा दी गई है, ताकि लोग इसे देख सकें, लेकिन छू न सकें।
शहीदी लाट को भी बनाया गया आकर्षक
पार्क के बीचों-बीच बनी शहीदी लाट में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसके आसपास इतना सुंदर पार्क बना दिया गया है कि घंटों तक कोई भी यहां बैठकर इसकी खूबसूरती को निहार सकता है। लाट के आगे लगे फव्वारों की जगह पानी भरा गया है और उसमें पानी पर तैरने वाले फूल पत्ते लगाए गए हैं। पार्क के चारों तरफ भी सुंदर फूल लगाए गए हैं और छोटे-छोटे बगीचे तैयार किए गए हैं। सैलानी आएं और शहीदों को नमन करने के साथ-साथ सुंदर वातावरण का भी आनंद ले।
केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और सांसद भी रहेंगे मौजूद
उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, संस्कृति राज्य मंत्री, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, सभी लोकसभा व राज्यसभा सांसद और जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के लिए बाग में शहीदी लाट के बाईं तरफ टेंट लगाया गया है। ताकि वहां मौजूद सभी लोग वहां बैठकर प्रधानमंत्री मोदी को सुन सकें। वहीं शहीदों को समर्पित 3 गैलरियों का निर्माण किया गया है।
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