जबड़े में दुर्लभ ट्यूमर: बिहार में 17 साल के लड़के नीतीश कुमार के मुंह में 82 दांत, IGIMS के डॉक्टरों ने 3 घंटे सर्जरी कर निकाले

जबड़े में दुर्लभ ट्यूमर: बिहार में 17 साल के लड़के नीतीश कुमार के मुंह में 82 दांत, IGIMS के डॉक्टरों ने 3 घंटे सर्जरी कर निकाले

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पटना4 घंटे पहले

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नीतीश के बाहर के दोनों जबड़े के निचले हिस्से में इतना सूजन था कि मुंह खोलने पर भी तकलीफ होती थी। चेहरा ऐसा विकृत हो गया था कि लोग देख कर डर जाते थे। - Dainik Bhaskar

नीतीश के बाहर के दोनों जबड़े के निचले हिस्से में इतना सूजन था कि मुंह खोलने पर भी तकलीफ होती थी। चेहरा ऐसा विकृत हो गया था कि लोग देख कर डर जाते थे।

बिहार के आरा जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां के 17 वर्षीय नीतीश कुमार के जबड़े में 82 दांत थे। डॉक्टर भी यह देखकर हैरान हो गए। ये 82 दांत सामान्य दांतों से अलग थे और समय के साथ बढ़ भी रहे थे। नीतीश दिल्ली से लेकर देश के कई बड़े शहरों में इलाज के लिए दौड़े, लेकिन डॉक्टरों की पकड़ में मामला नहीं आया।

पटना में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के मैग्जिलोफेशियल यूनिट ने ट्यूमर डिटेक्ट किया। दोनों जबड़ों में फैले ट्यूमर का जब ऑपरेशन किया तो 82 दांतों का गुच्छा मिला। नीतीश अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बहुत जल्द मरीज को छुट्‌टी दे दी जाएगी। डॉक्टरों का दावा है कि देश में अभी तक ऐसा मामला नहीं आया था।

कॉम्प्लेक्स ओडोन्टोम नामक जबडे़ का यह दुर्लभ ट्यूमर
IGIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि नीतीश कुमार काफी परेशान था। वह दर्द से कुछ खा-पी नहीं पा रहा था। हालांकि मुंह के अंदर कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन बाहर दोनों जबड़े के निचले हिस्से में इतनी सूजन थी कि मुंह खोलने से भी तकलीफ होती थी। लोग देख कर डर जाते थे। नीतीश कुमार काफी विश्वास के साथ IGIMS आया।

डॉ. मंडल ने बताया कि नीतीश को IGIMS में जांच के बाद यह डिटेक्ट किया गया कि उसके जबड़े में ट्यूमर है। सही इलाज न मिल पाने के कारण वह गंभीर हो गया था। कॉम्प्लेक्स ओडोन्टोम नामक जबडे का यह दुर्लभ ट्यूमर डॉक्टरों की टीम ने काटकर निकाल दिया।

नीतीश को 5 साल से थी परेशानी
IGIMS के दंत रोग विभाग के मैग्जिलोफेशियल यूनिट के HOD डॉ. प्रियंकर सिंह ने बताया कि नीतीश कुमार को 5 साल से निचले दोनों जबड़े में परेशानी थी। दोनों जबड़े काफी फूल गए थे। दोनों कान के नीचे सूजन के कारण चेहरा भी काफी विकृत हो गया था। वह दिल्ली, कोलकाता, वाराणसी के साथ कई बड़े शहरों में इलाज के लिए भटका, लेकिन कहीं से डिटेक्ट नहीं हो पा रहा था।

डॉक्टरों ने बताया कि चोट के कारण जबड़े में सूजन है, बाद में सही हो जाएगा। कुछ जगह तो दवा देकर भेज दिया गया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।

82 दांत देख डॉक्टर भी हैरान
IGIMS के मैग्जिलोफेशियल यूनिट के HOD डॉ. प्रियंकर सिंह ने अपने सहयोगी डॉ. जावेद इकबाल के साथ मिलकर शुक्रवार को यह जटिल ऑपरेशन किया है। डॉ. प्रियंकर ने बताया कि उन्हें ट्यूमर के बारे में जांच से पता चल गया था और यह भी पता था कि उसमें दांत या फिर दांत बनने वाले पदार्थ हैं, लेकिन ऑपरेशन के बाद वह भी हैरान हो गए जब दांताें का गुच्छा सामने आया।

ट्यूमर के साथ लगभग 82 दांत, जो ट्यूमर के अंदर थे उन्हें बड़ी बारीकी से निकाला गया। डॉ. प्रियंकर सिंह और डाॅ. जावेद इकबाल ने बताया कि यह जबडे़ का ऑपरेशन अपने आप में इतिहास है।

ट्यूमर के साथ लगभग 82 दांत थें, उन्हें बड़ी बारीकी से निकाला गया।

ट्यूमर के साथ लगभग 82 दांत थें, उन्हें बड़ी बारीकी से निकाला गया।

असाधारण है ट्यूमर और उसमें से निकले दांत की कहानी
डॉ. प्रियंकर ने बताया कि यह साधारण ट्यूमर नहीं है। यह अपने आप में एक बहुत असाधारण ट्यूमर है, जो अनुवांशिक कारणों की वजह से या जबडे़ में चोट लगने की वजह से जबडे़ एवं दांत के बनने की प्रक्रिया में विकृति आने से भी हो जाता है। एनेस्थेसिया की तरफ से डॉ. गणेश एवं डॉ. माधुरी ने अपनी सफल भूमिका निभाई।

विभागाध्यक्ष डॉ. एके शर्मा एवं संस्थान के निदेशक डॉ. एन आर विश्वास ने बिहार के पहले दुर्लभ जबड़े के ट्यूमर और देश के पहले 82 दांत वाले ऑपरेशन के लिए पूरी टीम को बधाई दी है।

दोनों जबड़े में समय के साथ बढ़ रहे थे दांत
डॉ. प्रियंकर ने बताया कि दोनों तरफ नीचे के जबड़े में भरे दांतों के गुच्छे सामान्य दांतों की तरह बढ़ रहे थे। समय के साथ बढ़ रहे दांतों के कारण ही नीतीश को परेशानी हो रही थी। यह जबडे़ के बाहरी हिस्से में थे, लेकिन इसमें 82 दांतों से भरा होना दुर्लभ है। ऑपरेशन इस तरह किया गया है कि नीतीश का चेहरा खराब नहीं हो।

ऑपरेशन के बाद जिस तरह से उसका चेहरा विकृत था उसे पूरी तरह से ठीक कर दिया गया है। सही इलाज समय से मिला होता, पहले ही केस डिटेक्ट कर लिया गया होता। ट्यूमर को जांच के लिए भेजा जा रहा है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि दांत कैसा है। रिपोर्ट आने के बाद पूरी जानकारी मिल जाएगी।

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