चीन में अफगानिस्तान के राजदूत जावेद ने कहा, तालिबान के वादे पर भरोसा न करे चीन
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चीन में अफगानिस्तान के राजदूत जावेद अहमद कईम ने चीन को सलाह दी है। न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि तालिबान के वादे पर चीन को भरोसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि शिनजियांग प्रदेश को अलग करने की मांग कर रहे इस्लामी आतंकियों को पनाह नहीं देने के तालिबान के वादे पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे नहीं लगता है कि चीन भी तालिबान के उस वादे पर यकीन करता है। तालिबान सिर्फ और सिर्फ क्षेत्रीय समर्थन पाने के लिए चीन को कह रहा है कि अफगानिस्तान की जमीन चीन के खिलाफ नहीं इस्तेमाल होगी।’
हाल ही में तालिबान के टॉप लीडर्स में से एक मुल्ला बरादर के नेतृत्व में तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ कई और अधिकारियों से मुलाकात की थी। जावेद का चीन को तालिबान पर भरोसा न करने वाला यह बयान इस मुलाकात के एक हफ्ते के बाद आया है।
तालिबान ETIM के खिलाफ जाएगा?
बता दें कि तालिबान और चीन के बीच हुई बातचीत में चीन ने तालिबान से पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) पर नकेल कसने की अपील की थी। ETIM एक इस्लामिक ग्रुप है जो अफगानिस्तान से चीन के शिनजियांग प्रदेश में अलगाववाद को बढ़ावा देता रहा है।
जावेद तालिबान के इस वादे पर ऐतबार नहीं करते। वह कहते हैं कि यह संभव ही नहीं है कि तालिबान ETIM के खिलाफ जाएगा। दोनों के विचारधारा एक हैं। ऐसे में आप यह कैसे उम्मीद करते हैं कि एक ही सोच और विचारधारा वाले लोग किसी और के कहने पर खुद में लड़ सकते हैं।
चीन की मंशा पर भरोसा!
जावेद ने आगे कहा है, ‘मैं चाहता हूं कि चीन पूरी तरह से अफगानिस्तान सरकार के साथ रहे। हमें चीन की मंशा पर भरोसा है क्योंकि चीन का तालिबान से जुड़ाव पारदर्शी रहा है।’
जावेद ने पाकिस्तान को लेकर कहा है कि चीन, पाकिस्तान से अफगानिस्तान सरकार के साथ विश्वास बनाने को कह सकता है क्योंकि अफगानिस्तान में भारत के प्रभाव को सीमित करने के लिए पाकिस्तान ने तालिबान को सबसे बेहतर विकल्प के तौर पर देखा है।
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