चीन ने की डराने की कोशिश: भारत से लगी सीमा पर बॉम्बर प्लेन तैनात किए, इनकी लॉन्ग रेंज मिसाइलों की जद में दिल्ली और एयरबेस
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4 मिनट पहले
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चीन ने एक बार फिर भारत को धमकाने की कोशिश की है। चीनी फौजों ने भारत से लगी सीमा पर बॉम्बर प्लेन तैनात किए हैं। ये एयरक्राफ्ट CJ-20 लॉन्ग रेंज मिसाइलों से लैस हैं, जिनकी जद में दिल्ली भी है। पिछले हफ्ते 11 नवंबर को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की वायुसेना की 72वीं एनिवर्सिरी पर चाइना सेंट्रल टेलीविजन ने हिमालय के पास से उड़ान भर रहे इन H-6K बॉम्बर्स प्लेन की फुटेज भी जारी की थी।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, अमूमन बीजिंग के करीब तैनात रहने वाले अपने फाइटर जेट्स को भी चीन ने शिनजिंयांग इलाके में शिफ्ट किया है। ये इलाका उस जगह के करीब है, जहां भारत और चीन के बीच विवाद है। पोस्ट से बातचीत में मिलिट्री एनालिस्ट एंथनी वॉन्ग ने कहा कि बॉम्बर एयरक्राफ्ट और इनकी CJ-20 मिसाइलों की रेंज में दिल्ली भी आती है। ये सीधे तौर पर भारत के लिए चेतावनी है।
एक दूसरे एनालिस्ट सोंग जॉन्गपिंग का मानना है कि चीनी सेना भारत की राजधानी से ज्यादा रेंज में आने वाले एयरबेस को निशाना बनाना बेहतर समझेगी। उन्होंने कहा कि चीन रिहायशी इलाकों पर हमला करना नहीं चाहेगा और ऐसे में वह अपनी लॉन्ग रेंज मिसाइलों से दिल्ली को निशाना बनाना नहीं चाहेगा।
चीन के कदम पर सैन्य विशेषज्ञों में मतभेद, 2 वजहें
पहली: एयरक्राफ्ट में नहीं नजर आईं लॉन्ग रेंज मिसाइलें
एक अन्य एनालिस्ट ने चाइना सेंट्रल टेलीविजन की फुटेज का अध्ययन करने के बाद कहा कि बॉम्बर विमानों पर कई शॉर्ट रेंज मिसाइलें फिट थीं, लेकिन इन पर लॉन्ग रेंज मिसाइलें नजर नहीं आईं। साफ है कि चीन की तरफ से ये जानबूझकर उठाया गया कदम है।
दूसरी: कोरोना के बीच विवाद बढ़ाना नहीं चाहता चीन
मिलिट्री साइंस रिसर्चर झोऊ चेनमिंग ने कहा कि ये महज साधारण चेतावनी वाला कदम है। चीन निश्चित तौर पर सीमा विवाद को बढ़ाना नहीं चाहता है। इसकी वजह ये है कि सर्दियों में कोरोना महामारी के और ज्यादा प्रभावी होने की आशंका है।
लद्दाख के खिलाफ स्टील्थ बॉम्बर्स का भी टेस्ट किया था
इसी साल जून में चीन ने कई दिनों तक लद्दाख के करीब अपने इलाके में स्टील्थ बॉम्बर जेट H-20 का टेस्ट किया था। यह जेट रडार की जद में आए बिना टारगेट को तबाह करने की क्षमता रखता है। मिलिट्री एक्सपर्ट के मुताबिक, ये स्टील्थ बॉम्बर कई आधुनिक तकनीकों से लैस है। यह परमाणु हमला कर सकता है या नहीं, ये अभी स्पष्ट नहीं किया गया है।
ताइवान को भी इन्हीं बॉम्बर्स से धमकाया था
चीन ने इसी साल जनवरी में ताइवान के एयरस्पेस में अपने H-6K बॉम्बर एयरक्राफ्ट भेजे थे। ताइवान इस हरकत से बेहद नाराज हो गया था और जवाब में उसने भी अपनी मिसाइलों के टारगेट पर चीन को ले लिया था। इसके बाद चीन ने अपने इन बॉम्बर एयरक्राफ्ट को वापस बुला लिया था। चीनी विमानों की घुसपैठ के तुरंत बाद ताइवान ने लगातार अलर्ट जारी किए और इन विमानों को निशाने पर ले लिया था।
विवाद सुलझाने के लिए 13 दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी
भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर स्तर पर 13 दौर की बातचीत हो चुकी है। भारतीय सेना ने LAC से लगे इलाकों और दूसरे विवादित हिस्सों को लेकर कई सुझाव चीन को दिए पर पड़ोसी इन पर सहमत नहीं हुआ। ऐसे में इन वार्ताओं का कोई नतीजा नहीं निकला।
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