चन्नी पंजाब के पहले दलित CM: रविदासिया समुदाय से आने वाले चरणजीत एक समय थे कैप्टन के खासमखास, बाद में सिद्धू के साथ मिलकर खोल दिया उन्हीं के खिलाफ मोर्चा
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लुधियाना13 मिनट पहलेलेखक: दिलबाग दानिश
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चरणजीत सिंह चन्नी
चमकौर साहिब से तीसरी बार विधायक चुने गए चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित नेता हैं जो मुख्यमंत्री बने हैं। चन्नी इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और कैप्टन के खिलाफ बगावत करने वाले मंत्रियों में अहम थे। उन्होंने खुलकर कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग रखी थी। हालांकि एक समय चन्नी कैप्टन खेमे के खासमखास थे। दलित वर्ग से होने के कारण उन्हें मंत्रीपद मिला था।
कानून की पढ़ाई करने वाले चरणजीत सिंह चन्नी का जन्म मोहाली के खरड़ में मध्यवर्गीय रविदासिया परिवार में हुआ। वह नगर कौंसिल खरड़ के प्रधान भी रहे हैं। 2007 में उन्होंने पहली बार निर्दलीय चुनाव जीता। इसके बाद कांग्रेस के साथ दलित राजनीति का चेहरा बने और 2012 में पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता। 2017 में वह श्री चमकौर साहिब विधानसभा से तीसरी बार विधायक चुने गए।
अंबिका सोनी और नवजोत सिद्धू ने सुझाया नाम
हाईकमान को अंबिका सोनी ने सुबह सिख पगड़ी धारी और विधायक चुने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की। इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने या तो उन्हें और मुख्यमंत्री बनाने या फिर दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। इसके बाद हाईकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लगा दी।
कांग्रेस ने खेला मास्टर स्ट्रोक
शिरोमणि अकाली दल बादल अब बसपा के साथ मिलकर ऐलान कर चुके हैं कि गठबंधन की सरकार बनती है तो उपमुख्यमंत्री दलित चेहरा होगा। वहीं भाजपा भी दलित चेहरे को उपमुख्यमंत्री बनाने की बात कह चुकी है। इन सब के बीच कांग्रेस ने मास्टरस्ट्रोक खेला है। कांग्रेस हाईकमान ने पहले ही दलित नेता को मुख्यमंत्री बना दिया और चुनावों में इसे पूरी तरह भुनाने की तैयारी कर ली। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद पंजाब में दलित समुदाय की 32% वोट में बड़ा हिस्सा पार्टी को मिलने की उमीद बंध गई है।
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