चंडीगढ़ से जालंधर पहुंचे सिद्धू: परगट सिंह के घर पर 3 कार्यकारी प्रधानों के साथ बैठक; पंजाब कांग्रेस में दबदबे के लिए संगठन को मजबूत करने में जुटे

चंडीगढ़ से जालंधर पहुंचे सिद्धू: परगट सिंह के घर पर 3 कार्यकारी प्रधानों के साथ बैठक; पंजाब कांग्रेस में दबदबे के लिए संगठन को मजबूत करने में जुटे

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जालंधरएक घंटा पहले

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चंडीगढ़ से जालंधर पहुंचे सिद्धू: परगट सिंह के घर पर 3 कार्यकारी प्रधानों के साथ बैठक; पंजाब कांग्रेस में दबदबे के लिए संगठन को मजबूत करने में जुटे

जालंधर में परगट सिंह के घर बैठक करते नवजोत सिद्धू।

पंजाब कांग्रेस में मची कलह थम नहीं रही है। शुक्रवार को कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू ने चंडीगढ़ में विधानसभा के स्पेशल सत्र में हिस्सा लिया। इसके बाद वो सीधे जालंधर में संगठन महासचिव विधायक प्रगट सिंह के घर पहुंच गए। यहां उनके साथ कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा, संगत सिंह गिलजियां व सुखविंदर डैनी भी शामिल हैं। हालांकि बैठक में किस संबंध में रखी गई है, इसके बारे में कोई नेता कुछ नहीं कह रहा। इसे संगठन के गठन से जोड़कर देखा जा रहा है।

हाईकमान से मिल चुका झटका

नवजोत सिद्धू को कांग्रेस हाईकमान से झटका मिल चुका है। हाईकमान ने सिद्धू को प्रधान बनाने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह की नाराजगी को नजरअंदाज किया था। इसके बाद सिद्धू के करीबी परगट सिंह ने पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद सिद्धू उस दिन दिल्ली पहुंच गए, जब हरीश रावत पंजाब में कैप्टन से मिल रहे थे। हालांकि सिद्धू को प्रियंका गांधी व राहुल गांधी से मुलाकात का वक्त नहीं मिला। उन्हें बैरंग की दिल्ली से लौटना पड़ा।

संगठन का गठन काफी अर्से से नहीं हुआ, उसी को हथियार बनाएंगे सिद्धू

पंजाब में काफी समय से कांग्रेस का जिला स्तर का संगठन भंग है। इस वजह से जमीनी स्तर पर पार्टी नेताओं को न अगुवाई मिल रही है और न ही वो एकजुट हो रहे हैं। अब हाईकमान से भी झटका खाने के बाद सिद्धू संगठन को मजबूत करने की कोशिश में हैं ताकि इस हथियार के जरिए उसके जरिए हाईकमान पर दबदबा बना सकें।

बगावत का दांव भी हुआ फेल

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ उनके विरोधियों का बगावत का दांव भी फेल हो चुका है। मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, सुख सरकारिया व चरनजीत चन्नी ने बगावत की थी। कांग्रेस हाईकमान ने इस बगावत को तरजीह नहीं दी। अब चन्नी भी बागी धड़े का साथ छोड़ चुके हैं। कैप्टन की सांसद पत्नी परनीत कौर ने इसके पीछे सिद्धू को बताया। हालांकि हाईकमान ने बगावत को दबा दिया और कैप्टन का दबदबा ही कायम कर दिया है। जिसके बाद अब सिद्धू संगठन मजबूती की तरफ काम करने लगे हैं।

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