घर चलाने वाली सरकार भी चला सकती हैं: भगवंत मान बोले- महिलाओं के बिना तो जिंदगी नहीं; राघव चड्ढा ने कहा- कांग्रेस डबल स्टैंडर्ड वाली
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जालंधर15 मिनट पहले
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महिलाओं के लिए मुहिम की शुरुआत करने जालंधर पहुंचे अरविंद केजरीवाल।
घर चलाने वाली तख्ता पलटने का दम भी रखती है। आज की महिलाओं को कम न आंकों। आज वे दबी कुचली नहीं, बल्कि मेहनती और जागरूक हैं। अच्छे बुरे का भेद जानती हैं। महिलाओं को आर्थिक लाभ मिलने पर भिखारी कहकर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले नेताओं को वे सबक जरूर सिखाएंगी। यह महिला वर्ग की हुंकार है, जिनके बारे में सत्ताधारियों द्वारा बेहूदा बयान दिया गया, यह कहते हुए कि एक हजार रुपए महीना मिलने पर वे भिखारी और आलसी बन जाएंगी।
आम आदमी पार्टी के संय़ोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में महिला सशक्तिकरण की मुहिम शुरू करने पहुंचे। इसके लिए वे मंगलवार को जालंधर के करतारपुर एरिया के गांव सराय खास पहुंचे। गांव पहुंचते ही केजरीवाल गुरुघर में नतमस्तक हुए। उनके साथ पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान, नेता प्रतिपक्ष हरपाल चीमा, दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष राघव चड्ढा भी मौजूद रहे। इसके बाद केजरीवाल ने मुहिम की शुरुआत की।
केजरीवाल ने महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए देने की गारंटी वाली अपनी घोषणा के अनुसार, खुद गारंटी फॉर्म भरकर एक महिला को देकर मुहिम की शुरुआत की। केजरीवाल के संबोधन के दौरान कुछ महिलाओं ने कहा कि सत्ताधारी दल के नेता कह रहे हैं कि एक-एक हजार रुपया मिलने पर महिलाएं भिखारी बन जाएंगी और आलसी हो जाएंगी, लेकिन वे तो करोड़ों अरबों रुपए डकार कर भी भिखारी नहीं बने और न ही आलसी हुए। महिलाओं ने पलटवार करते हुए ऐसे आक्रामक तेवर दिखाए।
खुद गारंटी फॉर्म भरकर महिला को सौंपते हुए अरविंद केजरीवाल।
महिलाओं ने कहा कि जो औरत घर को मैनेज कर सकती है, वह सरकार का तख्ता पलट करने का भी दम रखती है। महिलाओं ने कहा कि जब भी केजरीवाल पंजाब आते हैं और गारंटी देते हैं तो सत्ताधारी दल के नेता बौखला जाते हैं और ऐसा व्यवहार करते हैं, जैसे कोई भूचाल आ गया हो। यदि महिलाओं को हर माह एक-एक हजार रुपया मिलेगा तो वह धीरे-धीरे अपने पैरों पर खड़ी होंगी। आज की महिला दबी कुचली नहीं, बल्कि मेहनती और जागरूक है। अच्छे बुरे का भेद बाखूबी जानती है।
महिलाएं सरकार भी चला सकती हैं
पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान कहा कि रैलियों में महिलाएं बहुत कम संख्या में जाती हैं, लेकिन यहां पर महिलाओं की भारी संख्या देखकर उन्हें खुशी हो रही है। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वह ऐसी रैली और मीटिंगों में जरूर आएं, क्योंकि जो महिलाएं घर चला सकती हैं, वह सरकार को भी चला सकती हैं। यदि महिलाओं के बिना घर नहीं चल सकता तो महिलाओं के बिना मुल्क भी नहीं चल सकता है। अब वो पुराना जमाना चला गया, जब किसी बड़े के कह देने पर सारा परिवार चुनाव में एक ही तरफ वोट डाल देता था। अब लोग जागरूक हैं और अपने वोट के अधिकार का प्रयोग अपनी मर्जी से करने का दम रखते हैं।
महिलाएं जानती हैं महंगाई और बेरोजगारी का दर्द
भगवंत मान ने कहा कि देश और प्रदेश में महंगाई कितनी है, यह महिलाओं से ज्यादा कोई नहीं जानता। लेकिन हमारे लीडर आसमान में हेलिकॉप्टर में उड़ रहे हैं और महलों में आराम की जिंदगी जी रहे हैं। जबकि हमारे बच्चे डिग्रियां लेकर बेरोजगारों की लाइन में खड़े हुए हैं। डिग्री होल्डर बेटे को मां सुबह चीनी वाला दही खिलाकर घर से नौकरी के लिए विदा करती है, लेकिन शाम को जब लौटता है तो उसकी पगड़ी हाथ में होती है और शरीर लहूलुहान। जब मां पूछती है तो बेटा बताता है कि वहां पर लाठीचार्ज हो गया और उसे चोेटें लगी हैं। ऐसे हालात देखकर मां के मुंह से सिर्फ बद्दुआ ही निकलती है। मां की बद्दुआ से इन्हें कोई नहीं बचा सकता ।
महिला को गारंटी फॉर्म भरकर सौंपते हुए अरविंद केजरीवाल।
नेता इसलिए पढ़ने नहीं देते गरीब के बच्चों को
भगवंत मान ने कहा कि जो लीडर कहते हैं कि मैं आपकी गरीबी दूर कर दूंगा, समझ लीजिए वह सबसे बड़ा झूठ बोल रहा है। क्योंकि कोई किसी की गरीबी दूर नहीं कर सकता। गरीबी सिर्फ शिक्षा से दूर हो सकती है। इसलिए लीडर गरीबों के बच्चों को पढ़ने नहीं देते। उन्हें पता है कि यदि गरीब का बच्चा पढ़ लिख गया तो वह बड़ा अफसर बन जाएगा और घर की गरीबी दूर कर देगा। यदि घर की गरीबी दूर हो गई तो उनके महलनुमा घरों के बाहर हाथ में एप्लीकेशन लेकर कौन खड़ा होगा। पंजाब में स्कूलों की हालत किसी से छिपी नहीं है।
दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने स्कूलों को इतना बढ़िया बना दिया है कि अब स्कूल में गरीब और अमीर के बच्चे इकट्ठे एक ही बेंच पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। केजरीवाल ने महिलाओं को एक-एक हजार रुपया देने की घोषणा की है तो सत्ताधारी दल के नेताओं की नींद उड़ गई है। अब कह रहे हैं कि पैसे कहां से आएंगे। उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। केजरीवाल इनकम टैक्स विभाग से आए हैं, उन्हें पता है कि पैसा कहां से आएगा।
खुद करोड़ों डकार गए, महिलाओं को दे रहे हैं तो दिक्कत है
दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष और पंजाब आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की गांरटी से सत्ताधारी दल में खतरे की घंटी बज गई है। तिलमिलाहट एेसी है कि खुद करोड़ों खाकर भी डकार नहीं लेते और महिलाओं को एक-एक हजार रुपए की गारंटी देने पर उन्हें दिक्कत हो रही है। कहते हैं कि एक-एक हजार रुपए देने से महिलाएं भिखारी बन जाएंगी, उनमें आलसीपन आ जाएगा। विधायकों-मंत्रियों को चार हजार यूनिट मुफ्त मिलती है। लोगों को जब मुफ्त बिजली की घोषणा की जाती है तो इनके पेट में आग लग जाती है।
कांग्रेस पार्टी के डबल स्टैंडर्ड हैं, जो इनकी प्रतिक्रियाओं में नजर आते हैं। गारंटी योजना के रिस्पॉन्स के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पंजाब में इसे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। सिद्धू की गांरटियों पर सवाल उठाने पर उन्होंने कहा कि हम उन्हें गंभीरता से नहीं लेते, वैसे भी वह गंभीर किस्म के इंसान नहीं हैं। दिल्ली में महिलाओं के लिए एेसी घोषणाएं न करने बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहले इसकी शुरुआत पंजाब से करेंगे। दिल्ली में भी इसे लागू करेंगे। दिल्ली में वैसे भी महिलाओं को बसों में निशुल्क यात्रा, पैंशन और शादी में सरकार वित्तीय मदद देती है।
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