ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा: इंडस्ट्रीज के लिए ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल अनिवार्य होगा, एनर्जी कंजर्वेशन एक्ट में बदलाव करने जा रही सरकार
[ad_1]
नई दिल्ली26 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार एनर्जी कंजर्वेशन एक्ट 2001 में बदलाव करने जा रही है। केंद्र सरकार चाहती है कि सभी इंडस्ट्रियल यूनिट बिजली की कुल खपत में ग्रीन एनर्जी के एक न्यूनतम हिस्से का इस्तेमाल करें। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि इंडस्ट्रियल यूनिट को न्यूनतम कितनी ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल करना होगा।
कार्बन मार्केट डेवलपमेंट में मदद करेगा कानून
सरकार ने शनिवार को एक बयान में कहा कि प्रस्तावित संशोधन इंडस्ट्रियल यूनिट के लिए रिन्यूएबल एनर्जी की न्यूनतम खपत निर्धारित करने के अलावा भारत में कार्बन मार्केट डेवलपमेंट में मदद करेगा। हितधारकों के साथ बातचीत के बाद एक्ट के संशोधन तैयार किए गए हैं। केंद्र सरकार का लक्ष्य 2030 तक देश की स्थापित बिजली क्षमता का 40% रिन्यूएबल रिसोर्सेज की मदद से जनरेट करने का है।
प्रस्तावित संशोधनों की समीक्षा
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने हाल ही में प्रस्तावित संशोधनों की समीक्षा की थी और संबंधित मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों से सुझाव लेने का निर्देश दिया था। इन निर्देशों के चलते 28 अक्टूबर 2021 में ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक आयोजित की थी। इसके बाद इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया गया है।
रिन्यूएबल एनर्जी डिमांड को बढ़ाना चाहती है सरकार
ऊर्जा मंत्रालय ने कहा, कानून को बदलने का उद्देश्य इंडस्ट्री, बिल्डिंग, ट्रांसपोर्ट जैसे एंड-यूज सेक्टर में रिन्यूएबल एनर्जी की डिमांड को बढ़ाना है। कंपनियों को क्लीन एनर्जी सोर्स के इस्तेमाल के लिए कार्बन सेविंग सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे।
[ad_2]
Source link