गडकरी ने दिया भरोसा: 2 साल बाद सस्ते हो जाएंगे इलेक्ट्रिल व्हीकल, पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों के बराबर होगी कीमत

गडकरी ने दिया भरोसा: 2 साल बाद सस्ते हो जाएंगे इलेक्ट्रिल व्हीकल, पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों के बराबर होगी कीमत

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नई दिल्ली11 मिनट पहले

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गडकरी ने दिया भरोसा: 2 साल बाद सस्ते हो जाएंगे इलेक्ट्रिल व्हीकल, पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों के बराबर होगी कीमत

इलेक्ट्रिक कार की बिक्री को बढ़ाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। फेम स्कीम के तहत इन वाहनों पर सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि, इसके बाद भी इनकी कीमत पेट्रोल और डीजल गाड़ियों के मुकाबले बहुत ज्यादा है। ऐसे में केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भरोसा दिलाया है कि अगले 2 साल में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतें पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों के बराबर हो जाएंगी।

गडकरी ने द सस्टेनेबिलिटी फाउंडेशन, डेनमार्क की ओर से कराए एक वेबिनार में कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को चलाने की लागत पेट्रोल वाहनों की तुलना में बहुत कम है। इसलिए बहुत जल्द ही इन्हें बड़े स्तर पर अपनाया जाएगा। इससे इनकी कीमत में भी कमी आएगी। उन्होंने दावा किया कि दो साल बाद के पेट्रोल और इलेक्ट्रिक गाड़ियां एक ही कीमत पर बिकनी शुरू हो जाएंगी।

ई-व्हीकल पर लगने वाला GST सिर्फ 5%
गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल पर GST महज 5% है, जबकि पेट्रोल वाहनों पर 48% है। मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी में इस्तेमाल होने वाले लिथियम की ज्यादा कीमत ने इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत को बढ़ा दिया है। हालांकि, भविष्य में लिथियम के ज्यादा प्रोडक्शन से कीमतों में कमी आएगी। इसकी वजह से इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत में भी गिरावट देखने को मिलेगी।

देश में चार्जिंग पॉइंट तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। सरकार ने पेट्रोल पंप परिसर में भी इन्हें लगाने की इजाजत दे दी है।

देश में चार्जिंग पॉइंट तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। सरकार ने पेट्रोल पंप परिसर में भी इन्हें लगाने की इजाजत दे दी है।

लिथियम बैटरी का 81% प्रोडक्शन देश में
लिथियम बैटरी की कीमत कम करने की दिशा में काम हो रहा है। लिथियम बैटरी की कुल जरूरत का 81% प्रोडक्शन लोकल लेवल पर हो रहा है। सस्ती बैटरी कैसे उपलब्ध कराई जाए, इस पर भी रिसर्च जारी है। हमारा लक्ष्य है कि 2030 तक 30% प्राइवेट कार, 70% तक कॉमर्शियल कार और 40% बसें इलेक्ट्रिक हो जाएं।

चार्जिंग पॉइंट पर लगातार काम हो रहा
सरकार का लक्ष्य भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल का मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बनाना है। वर्तमान में बजाज और हीरो जैसी भारतीय टू-व्हीलर कंपनियों के बनाए 50% ई-वाहनों का निर्यात किया जाता है। अगले दो साल में देश में हजारों चार्जिंग पॉइंट बनाए जाएंगे। सड़क के साथ-साथ बाजार क्षेत्रों में 350 चार्जिंग पॉइंट लगाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है। पेट्रोल पंपों को भी अपने कैंपस में ई-वाहन चार्जिंग सुविधाएं लगाने की इजाजत दी गई है।

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