खरखौदा ऑनर किलिंग में एक को फांसी: बहन के प्रेम विवाह से खफा भाइयों ने 5 साल पहले उसके पति, सास और ससुर को मारी थी गोलियां; एक भगोड़ा करार

खरखौदा ऑनर किलिंग में एक को फांसी: बहन के प्रेम विवाह से खफा भाइयों ने 5 साल पहले उसके पति, सास और ससुर को मारी थी गोलियां; एक भगोड़ा करार

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Haryana
  • Sonipat
  • Angry Over Sister’s Love Marriage, Brothers Shot Her Husband, Mother in law And Father in law 5 Years Ago; A Runaway Deal

सोनीपत10 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
खरखौदा ऑनर किलिंग में एक को फांसी: बहन के प्रेम विवाह से खफा भाइयों ने 5 साल पहले उसके पति, सास और ससुर को मारी थी गोलियां; एक भगोड़ा करार

आरोपी हरीश को कोर्ट ले जाते पुलिसकर्मी।

हरियाणा के सोनीपत जिले में ऑनर किलिंग के 5 साल पुराने मामले में मंगलवार को एडिशनल सेशन कोर्ट ने हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई। साथ ही उसके भाई को भी दोषी करार दिया है, हालांकि फरार होने के कारण उसे सजा नहीं सुनाई। वारदात नवंबर 2016 में खरखौदा की है, जब प्रेम विवाह के बाद बहन के पति, सास, ससुर की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

खरखौदा निवासी प्रदीप ने झज्जर के गांव बिरधान की सुशीला के साथ प्रेम विवाह किया था। सुशीला के परिवार के लोग इस शादी से नाराज थे। 18 नवंबर 2016 की रात प्रदीप के घर 2 युवक कार में पहुंचे। घर मे घुसकर उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दी। सुशीला, प्रदीप, उसके पिता सुरेश और मां सुनीता को गोलियां लगी। बाद में प्रदीप और सुनीता की मौके पर मौत हो गई। इलाज के दौरान अस्पताल में सुरेश ने भी दम तोड़ दिया। पुलिस ने प्रदीप के भाई सूरज की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।

खरखौदा के प्रदीप ने झज्जर के गांव बिरधान की सुशीला से प्रेम विवाह किया था।

खरखौदा के प्रदीप ने झज्जर के गांव बिरधान की सुशीला से प्रेम विवाह किया था।

हरीश को फांसी, सतेंद्र उर्फ मोनू भगोड़ा घोषित
सोनीपत के एडिशनल सेशन जज आरपी गोयल ने मामले में सोमवार को आरोपी सतेंद्र उर्फ मोनू और हरीश को दोषी करार दिया। दोनों सुशीला के भाई हैं। कोर्ट ने मंगलवार को सजा सुनाई। इसमें मामले में दोषी करार हरीश को फांसी की सजा दी। इसके भाई सतेंद्र उर्फ मोनू भगोड़ा घोषित है, जिसके चलते उसे सजा नहीं सुनाई जा सकी। हरीश को हत्या, हत्या के प्रयास और एससी-एसटी एक्ट में सजा सुनाई गई।

गोली लगने के बाद दिया बेटे को जन्म
वारदात के समय सुशीला गर्भवती थी। उसे घायल हालत में पीजीआई में भर्ती कराया गया था। वहीं पर रात को उसने बेटे को जन्म दिया था। स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से सुशीला को उसकी बड़ी बहन और रिश्तेदार अपने साथ ले गए थे।

परिवार में भाई बहन ही बचे
प्रदीप के परिवार में उसका भाई सूरज और एक बहन ही बची थी। अब वारदात के करीब 5 साल बाद परिवार को न्याय मिला है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *