क्रैश से ठीक पहले का VIDEO: CDS बिपिन रावत का चॉपर धुंध में बहुत नीचे उड़ रहा था, टूरिस्ट ने रिकॉर्ड किया; ब्लैक बॉक्स भी मिला
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4 मिनट पहले
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर के क्रैश का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसे क्रैश से ठीक पहले का बताया जा रहा है। इसे नीलगिरी के जंगलों में एक टूरिस्ट ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। इसमें दिख रहा है कि चॉपर धुंध के बीच बहुत नीचे उड़ रहा है। वीडियो कुछ सेकेंड का है। ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ ही सेकेंड्स के बाद ही चॉपर पेड़ों से जा टकराया। इस हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स भी बरामद कर लिया गया है।
वीडियो में घटनास्थल पर काफी धुंध नजर आ रही है। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि क्रैश के समय मौसम काफी खराब था। विजिबिलिटी बहुत ही कम थी। वीडियो में रावत का चॉपर धुंध में बहुत नीचे उड़ता हुआ नजर आ रहा है। चॉपर इतना नीचे क्यों उड़ रहा था, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।
हेलिकॉप्टर तेजी से पेड़ों पर गिरा
इस मामले में कुछ चश्मदीद भी सामने आए हैं। इनके मुताबिक हेलिकॉप्टर तेजी से पेड़ों पर गिरा। इसके बाद उसमें आग लग गई। एक और चश्मदीद का कहना है कि उसने जलते हुए लोगों को गिरते देखा।
‘तेज आवाज सुनाई दी’
घटना के एक चश्मदीद कृष्णास्वामी ने बताया- ‘मैं अपने घर में था। तभी एक तेज आवाज सुनाई दी। बाहर आकर देखा तो एक हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। यह एक के बाद एक दो पेड़ों से टकराया। इसके बाद उसमें आग लग गई। मैंने दो या तीन लोगों को हेलिकॉप्टर से निकलते भी देखा, इनके शरीर में आग लगी हुई थी। मैंने उस इलाके में रहने वाले लोगों को बुलाया और मदद की कोशिश की। इसके बाद फायर ब्रिगेड और इमरजेंसी सर्विसेज को सूचना दी गई।’
हादसे में CDS समेत 13 की मौत
मालूम हो कि तमिलनाडु के कुन्नूर में कल दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर CDS रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हेलिकॉप्टर में जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोग सवार थे। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है।
ब्लैक बॉक्स क्या होता है?
ब्लैक बॉक्स स्टील या टाइटेनियम से बनी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डिंग डिवाइस है, जो विमान के क्रैश होने पर जांचकर्ताओं को हादसे की वजह जानने में मदद करती है। दिलचस्प है कि ब्लैक बॉक्स का रंग काला नहीं, बल्कि ऑरेंज होता है।
ब्लैक बॉक्स को फ्लाइट रिकॉर्डर भी कहते हैं। यह दो तरह के होते हैं। फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR)। दोनों डिवाइस को मिलाकर एक जूते के डिब्बे के आकार की यूनिट होती है।
FDR हवा की स्पीड, ऊंचाई, ऊपर जाने की स्पीड और फ्यूल फ्लो जैसी करीब 80 गतिविधियों को प्रति सेकंड रिकॉर्ड करता है। इसमें 25 घंटे का रिकॉर्डिंग स्टोरेज रहता है। CVR कॉकपिट की आवाजें रिकॉर्ड करता है। पायलटों की आपसी बातचीत, उनकी एयर ट्रैफिक कंट्रोल से हुई बातचीत को रिकॉर्ड करता है। साथ ही स्विच और इंजन की आवाज भी इसमें रिकॉर्ड होती है।
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