कौन हैं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष: लखीमपुर में परिवार का बिजनेस संभालते हैं, पिता को विधायक का टिकट मिला तो राजनीति में कूदे; अब खुद चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे
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लखीमपुर4 मिनट पहलेलेखक: रवि श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को लोग महाराजा के नाम से बुलाते हैं। आरोपी आशीष, उनका सबसे छोटा बेटा है।
लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में 9 लोगों की मौत के बाद सियासत तेज है। मृतकों में चार किसान हैं। इन्हें अपनी गाड़ी से कुचलने का आरोप केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र ‘मोनू’ पर है। आशीष मिश्रा मंत्री के छोटे बेटे हैं। उनको जानने वालों का कहना है कि आशीष शुरू से ही पिता के साथ साथ राजनीति का ककहरा सीखने लगे थे। साथ ही साथ पिता का बिजनेस भी संभालने लगे थे। पैतृक संपत्ति में पेट्रोल पंप, राइस मिल की देखरेख भी आशीष करते हैं।
2012 से राजनीति में सक्रिय हुए
जिला पंचायत सदस्य से राजनीति की शुरुआत करने वाले अजय मिश्र टेनी का 2012 में भाजपा से निघासन विधानसभा सीट से टिकट फाइनल हो गया। इसके बाद उनके चुनाव प्रचार की कमान बेटे आशीष ने संभाल ली थी। तब निघासन सीट पर सपा की आंधी के बीच कमल खिला था। अजय मिश्र टेनी ने यहां जोरदार जीत दर्ज की थी। पिता विधायक हुए तो बेटे की सक्रियता भी बढ़ गई।
आशीष मिश्र ‘मोनू’ परिवार का बिजनेस भी संभालते हैं।
2017 में आशीष ने की थी विधायक के टिकट की दावेदारी
2012 में जीते अजय मिश्र पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भरोसा जताते हुए उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव का टिकट लखीमपुर से दे दिया। एक बार फिर आशीष सक्रिय हुए और पिता को संसद पहुंचाया। दो चुनाव की कमान संभालने पर आशीष परिपक्व हो चुके थे। 2017 विधानसभा चुनावों में अजय मिश्र ने बेटे के लिए टिकट भी मांगा, लेकिन बात बन नही पाई। हालांकि, टिकट न मिलने के बाद भी वे निघासन क्षेत्र में सक्रिय रहे।
2022 के लिए संभावित कैंडिडेट माने जा रहे थे आशीष
2017 में भले ही आशीष को टिकट नही मिला। लेकिन 2019 में अजय मिश्र टेनी को एक बार फिर लोकसभा का टिकट मिल गया। उन्होंने एक बार फिर जोरदार जीत हासिल की। अभी बीते जुलाई में उन पर भाजपा ने भरोसा जताते हुए उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया। उन्हें गृह राज्यमंत्री बनाया गया।
दरअसल, केंद्रीय नेतृत्व के सेंट्रल यूपी में एक अदद ब्राह्मण चेहरे की जरूरत थी। जिसके लिए अजय मुफीद साबित हुए। अजय के मंत्री बनने के साथ ही एक बार फिर 2022 चुनावों में बेटे आशीष के निघासन विधानसभा सीट से भाजपा कैंडिडेट बनने की संभावना बढ़ गई थी।
2022 चुनावों में आशीष के निघासन विधानसभा सीट से भाजपा कैंडिडेट बनने की चर्चा थी।
आरोपों पर क्या बोले पिता अजय ?
हिंसा के बाद अजय मिश्र टेनी ने अपने लखीमपुर शहर स्थित आवास पर पहुंच कर कहा कि कुछ लोग मेरे बेटे पर आरोप लगा रहे हैं। जबकि न तो मैं और न ही मेरा बेटा वहां था। मेरा बेटा आशीष गांव में दंगल कार्यक्रम में था। उस कार्यक्रम में प्रशासनिक अफसर भी रहते हैं। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी होती है।
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