कोरोना के साथ केरल में अब निपाह का खतरा: कोझिकोड में निपाह वायरस से 12 साल के बच्चे की मौत, राज्य में 2 साल बाद लौटा ये वायरस

कोरोना के साथ केरल में अब निपाह का खतरा: कोझिकोड में निपाह वायरस से 12 साल के बच्चे की मौत, राज्य में 2 साल बाद लौटा ये वायरस

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तिरुवनंतपुरम8 मिनट पहले

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कोरोना के साथ केरल में अब निपाह का खतरा: कोझिकोड में निपाह वायरस से 12 साल के बच्चे की मौत, राज्य में 2 साल बाद लौटा ये वायरस

केरल के कोझिकोड में रविवार सुबह निपाह वायरस के चलते एक 12 साल के लड़के की मौत हो गई। पीड़ित का यहां के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। मरीज के रिश्तेदारों और उसके इलाज में जितने लोग शामिल थे, उन सभी को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। इनमें से अभी तक किसी और में संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे हैं।

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज हालात का जायजा लेने के लिए रविवार सुबह कोझिकोड के लिए रवाना हुईं। जॉर्ज ने कहा कि हमने स्थिति को संभालने के लिए टीमें गठित कर दी हैं। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और दूसरे उपाय पहले ही शुरू कर दिए गए हैं। फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन हमें सावधानी बरतनी होगी।

केंद्र ने राज्य सरकार को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए
केंद्र ने भी एक टीम केरल भेजी है। साथ ही राज्य सरकार को तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को अपनाने की सलाह दी है। केंद्र की ओर से कहा गया है कि राज्य में पिछले 12 दिनों के दौरान पीड़ित के संपर्क में आने वालों की जांच की जाए। ऐसे लोगों को क्वारैंटाइन किया जाय और अधिक से अधिक लोगों के सैंपल कलेक्ट करके उसकी टेस्टिंग करवाएं।

शनिवार देर रात स्वास्थ्य अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग हुई
निपाह संक्रमण की जानकारी मिलने के बाद राज्य सरकार ने शनिवार देर रात स्वास्थ्य अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग बुलाई। पर्यटन मंत्री पीए मुहम्मद रियास ने बताया कि बैठक में एक एक्शन प्लान तैयार किया गया। हमारे पास 2018 का अनुभव है। हमने स्वास्थ्य मंत्री के साथ देर रात बैठक की और उन सभी पहलुओं पर चर्चा की, जिन पर तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है।

2018 में कोझीकोड और मलप्पुरम में निपाह से 17 की मौत हुई
केरल में इससे पहले निपाह वायरस का मामला 2019 में कोच्चि से सामने आया था। 2018 में कोझीकोड और मलप्पुरम जिले में इसके संक्रमण से 17 लोगों की मौत हुई थी। निपाह एक जूनोटिक वायरस है और यह चमगादड़ व सूअर जैसे जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। इस बीमारी की मृत्यु दर बहुत अधिक है। अब तक इसका कोई ट्रीटेमेंट या टीका उपलब्ध नहीं है।

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