कोरोना की तीसरी लहर पर दो बड़े वैज्ञानिक बंटे: ICMR ने कहा- अगले तीन हफ्तों में कोरोना की तीसरी लहर, रोज एक लाख मरीज मिलेंगे; IIT प्रोफेसर बोले- हर्ड इम्युनिटी के नजदीक भारत, डरने की जरूरत नहीं
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लखनऊ11 मिनट पहले
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कोरोना की तीसरी लहर को लेकर देश के दो बड़े संस्थानों के वैज्ञानिक बंट गए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर समीरन पांडा ने दावा किया है कि अगले तीन हफ्तों में यानी अगस्त के अंत तक देश में कोरोना की तीसरी लहर आ जाएगी। अनुमान लगाया कि उस दौरान हर रोज एक लाख कोरोना मरीज मिलेंगे। यही नहीं उन्होंने कहा कि अगर वायरस का स्वरूप बदलता है तो स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब होगी।
उधर, IIT कानपुर के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने इसके उलट बयान दिया है। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर की प्रबल संभावना को खारिज कर दिया। दावा किया कि भारत हर्ड इम्युनिटी के नजदीक है। इसलिए डरने की जरूरत नहीं है। अगर तीसरी लहर आती भी है तो वह दूसरी लहर जैसी भयानक नहीं होगी।
ICMR ने क्या कहा ?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर समीरन पांडा ने आशंका व्यक्त की है कि भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर अगस्त के अंत तक आएगी। अनुमान लगाया है कि तीसरी लहर के दौरान हर रोज लगभग 1 लाख मामले सामने आया करेंगे।
समीरन पांडा ने कहा, अगर वायरस आगे नहीं बदलता है तो ये पहली लहर के सामान ही होगा, लेकिन अगर वायरस ने अपना रूप बदला तो स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो सकती है। प्रोफेसर पांडा का मानना है कि कम टीकाकरण दर और लॉकडाउन में छूट के कारण कोरोना केस में तेजी से वृद्धि हो सकती है। कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को भांपने के लिए इंपीरियल कॉलेज लंदन और ICMR ने गणितीय मॉडल का सहारा लिया है।
तीसरी लहर से बचाव के लिए ICMR की सलाह
- लोगों को अभी से शादी समारोह और पार्टी में जाने से बचना होगा।
- मास्क और सैनिटाइजर का हमेशा प्रयोग करना ही होगा।
- बेवजह बाहर निकलने और घूमने से बचना होगा।
- ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन कराना होगा।
IIT-K के प्रोफेसर ने क्या दावा किया ?
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल का दावा है कि देश हर्ड इम्युनिटी के मुहाने पर खड़ा है। इसलिए बहुत जल्द तीसरी लहर आने की प्रबल संभावना नहीं है। प्रो. अग्रवाल का कहना है कि अगर भारत में तीसरी लहर आता भी है तो यह दूसरी लहर जैसा भयावह नहीं होगा। प्रोफेसर अग्रवाल ने मैथमैटिकल मॉडल ‘सूत्र’ के आधार पर यह स्टडी किया है।
डेल्टा वैरिएंट से लड़ने के लिए 65% हर्ड इम्युनिटी
प्रो. मणिंद्र अग्रवाल के मुताबिक कोरोना से निपटने के लिए हम भारतीयों की इम्युनिटी अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर है। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के से लड़ने के लिए 65% इम्यूनिटी लेवल पर भारतीय पहुंच चुके हैं। आने वाले कुछ दिनों के अंदर 75% के आंकड़े को भी छू लेंगे जो हर्ड इम्युनिटी का मानक है।
प्रोफेसर ने 2 पॉइंट में राहत की खबर दी
1. भारत हर्ड इम्युनिटी के नजदीक है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर से ज्यादा खतरा नहीं है।
2. भारत में डेल्टा वेरीएंट दूसरी लहर के वक्त मौजूद था इसलिए इसका ज्यादा असर अब यहां के लोगों पर नहीं होगा।
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