कैप्टन के बयान से मचा सियासी घमासान: पंजाब में आंदोलन न करने की अपील पर हरियाणा तक अमरिंदर सिंह को घेरने में जुटे विपक्षी दल, किसान नेता भी विरोध में उतरे
[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Punjab
- Jalandhar
- Political Turmoil Due To Captain’s Statement, From Punjab To Haryana, Opposition Parties Engaged In Besieging Amarinder, Farmer Leaders Also Came Out In Protest
जालंधरएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
होशियारपुर में एक समागम के दौरान कैप्टन ने किसान आंदोलन को लेकर यह बयान दिया।
किसानों से पंजाब में आंदोलन न करने की अपील वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान से पंजाब व हरियाणा में सियासी तूफान खड़ा हो गया है। पंजाब में अकाली दल व आम आदमी पार्टी ने कैप्टन के किसान हितैषी होने पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कैप्टन पर किसानों को उकसाने का आरोप लगाया है। कैप्टन अब तक किसान आंदोलन के साथ खड़े नजर आ रहे थे। लेकिन उनके इस बयान से किसान संगठन भी खफा हो गए है। उनका कहना है कि कैप्टन मोदी सरकार की तरह कारपोरेट घरानों की वकालत करने लगे हैं।
पंजाब चुनाव 2022 में किसान आंदोलन अहम मुद्दा है। ऐसे में इस पर कही हर बात राजनीतिक रंगत लेती जा रही है। सभी राजनीतिक दल खुद को किसानों के हक में खड़ा करना चाहते हैं। हालांकि पंजाब में कांग्रेस अब तक पूरी तरह किसानों के हक में डटी रही। कैप्टन दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर भी यह मुद्दा उठा चुके है। सोशल मीडिया के जरिए भी वे आंदोलन का हल निकालने की बात कह चुके हैं। उनके इस बयान से अब कांग्रेस, विरोधियों व किसान नेताओं के निशाने पर आ गई है।
पंजाब रोकता तो सिंघु व टिकरी बॉर्डर पर भीड़ न जुटती : कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने होशियारपुर में कार्यक्रम के दौरान कहा कि किसान पंजाब में आंदोलन न करें। वे पंजाब की आर्थिक स्थिति के बारे में भी सोचें। पंजाब में 113 जगहों पर किसानों के धरने लगे हैं। इससे पंजाब की आर्थिक हालत खराब हो रही है। कैप्टन ने यहां तक कहा कि अगर पंजाब सरकार रोक देती तो किसान दिल्ली में सिंघु व टिकरी बॉर्डर पर भीड़ न जुटा पाते। किसान केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली व हरियाणा में जो चाहे करें, लेकिन पंजाब का नुकसान न करें।
साबित हुआ कि किसानों को अमरिंदर ने भड़काया : विज
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह बहुत गैर जिम्मेदाराना बयान है कि हरियाणा, दिल्ली में जाकर जो मर्जी करो, पंजाब में मत करो। इसका मतलब कि वह पड़ोसी राज्य हरियाणा व दिल्ली की शांति भंग करना चाहते हैं। इससे साबित होता है कि आंदोलन के लिए किसानों को भड़काने का काम कैप्टन ने ही किया है। विज ने कहा कि किसान आंदोलन कैप्टन अमरिंदर सिंह का ही स्पॉन्सर्ड है।
किसान सड़कों पर मर रहे और कैप्टन महल में आराम कर रहे : हरसिमरत
अकाली दल की वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट के जरिए कैप्टन पर हमला बोला। हरसिमरत ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों को कह रहे हैं कि अपनी लड़ाई पंजाब में न लड़ें। कैप्टन अपने आलीशान महल में आराम करते हैं और किसान खराब मौसम में भी दिल्ली की सड़कों पर पिछले 10 महीने से डटे हैं। क्या यही उनकी यानी कैप्टन की योजना थी।
आंदोलन से पंजाब को अलग कर रहे कैप्टन : AAP
आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी जरनैल सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन की शुरुआत पंजाब के किसानों ने की है। पंजाब में बात नहीं बनी तो वे दिल्ली जाकर बैठ गए। कैप्टन ने पंजाब का आंदोलन से रिश्ता तोड़ने की बात की है। जिस आंदोलन ने केंद्र सरकार की नाक में दम कर रखा है, कैप्टन को उनकी हौसलाअफजाई की बात करनी चाहिए थी।
किसान नेता भी जता रहे आपत्ति
कैप्टन के बयान पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी आपत्ति जता रहे हैं। किसान नेता मनजीत राय ने कहा कि पंजाब में सिर्फ मॉल व टोल प्लाजा पर धरने लगे हैं। अगर कैप्टन किसानों को वहां से हटाना चाहते हैं तो बताएं कि वे किसानों के साथ हैं या फिर कोरपोरेट जगत के के हितैषी। अगर कैप्टन किसानों की इतनी ही बात सुनते तो हमें गन्ने का रेट बढ़ाने के लिए हाईवे जाम न करना पड़ता।
[ad_2]
Source link