कुश्ती कोच के खराब चाल-चलन का गवाह हलालपुर: जमीन पर कब्जा कर बनाई एकेडमी; पिता ने कहा- बेटी बातों में नहीं आई तो परेशान करने लगा
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सोनीपत2 घंटे पहले
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निशा के पिता दयानंद दहिया।
कुश्ती कोच पवन कुमार के खराब चाल-चलन के बारे में पूरा गांव जानता था। वह बेटी को सब्जबाग दिखाकर गुमराह करने की कोशिश कर रहा था। बेटी का फायदा उठाना चाहता था मगर जब वह उसकी बातों में नहीं आई तो उसे परेशान करने लगा। यह बात कही कोच की गोली से मरने वाली महिला पहलवान निशा और उसके भाई सूरज के पिता दयानंद दहिया ने। सोनीपत के हलालपुर गांव में बुधवार को महिला पहलवान और उसके भाई की गोलियां मारकर हत्या करने वाले कुश्ती कोच पवन को लेकर पूरा गांव आक्रोशित है। आरोपी कोच ने गांव में एक जमीन पर कब्जा कर एकेडमी बनाई थी।
सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी चलाने वाले पवन ने अपने 2 सालों अमित व सचिन के साथ मिलकर निशा और उसके भाई सूरज की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। निशा की मां धनपति देवी गोली लगने की वजह से घायल हैं। उनका इलाज रोहतक पीजीआई में चल रहा है। निशा के पिता दयानंद दहिया सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर हैं और जम्मू-कश्मीर के शोपियां में तैनात हैं। बुधवार दोपहर ढाई बजे दयानंद दहिया को उनके पड़ोसी जयदीप ने निशा और सूरज के मर्डर की जानकारी दी। वे रात में ही फ्लाइट से नई दिल्ली पहुंचे और वहां से रोहतक पीजीआई में भर्ती अपनी पत्नी धनपति देवी से मिलकर हलालपुर गांव पहुंचे। जिस समय दयानंद दहिया हलालपुर गांव पहुंचे, उस समय निशा और सूरज के मर्डर को लेकर ग्रामीणों की पंचायत चल रही थी।
एकेडमी खोलते समय साढ़े 3 लाख रुपए लिए
दयानंद दहिया ने बताया कुश्ती कोच पवन का व्यवहार और चाल-चलन ठीक नहीं है, यह बात गांव की पंचायत जानती थी। पंचायत को उस जैसे लोगों को गांव से बाहर करना चाहिए था। पंचायत को ही ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि भविष्य में पवन जैसे लोग गांव में न रह पाएं। पवन कुमार ने कुश्ती एकेडमी बनाते समय उनसे साढ़े 3 लाख रुपए लिए थे। वह निशा से डाइट के नाम पर हर महीने 30 से 35 हजार रुपए लेता था। निशा को यूनिवर्सिटी गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने पर 50 हजार रुपए मिले, वह भी पवन कुमार ने रख लिए। निशा जब भी मेडल जीतकर लौटती तो स्वागत के दौरान उसे जो नोटों की मालाएं पहनाई जाती थी, वह भी पवन ही रख लेता था।
गांव में वारदात के विरोध में पंचायत करते ग्रामीण
आक्रोशित ग्रामीणों ने खोला मोर्चा
निशा और सूरज की हत्या के बाद फरार चल रहे कुश्ती कोच पवन के खिलाफ हलालपुर गांव के लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। रोहतक के बालंद गांव के रहने वाले पवन की ससुराल हलालपुर गांव में है और यहां उसकी दबंगई से पूरा गांव परेशान था। उसने कुश्ती एकेडमी बनाने के लिए गांव में ही रहने वाले धर्मवीर से एक एकड़ जमीन ठेके पर ली और कुछ समय बाद ही किराया देना बंद कर दिया। इस पर गांव में कई बार पंचायत हुई मगर पवन किराया देने को तैयार नहीं हुआ। धर्मवीर ने बताया पवन का बदमाशों के साथ उठना-बैठना था इसलिए उसने डर के मारे किराया मांगना ही छोड़ दिया।
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