कुरुक्षेत्र की प्रो. संतोष दहिया ने छोड़ी JJP: किसानों पर लाठीचार्ज के वीडियो देख आहत हुईं तो लिया फैसला, 2019 में दुष्यंत चौटाला ने लाडवा सीट से दी थी टिकट

कुरुक्षेत्र की प्रो. संतोष दहिया ने छोड़ी JJP: किसानों पर लाठीचार्ज के वीडियो देख आहत हुईं तो लिया फैसला, 2019 में दुष्यंत चौटाला ने लाडवा सीट से दी थी टिकट

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करनाल4 घंटे पहले

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कुरुक्षेत्र की प्रो. संतोष दहिया ने छोड़ी JJP: किसानों पर लाठीचार्ज के वीडियो देख आहत हुईं तो लिया फैसला, 2019 में दुष्यंत चौटाला ने लाडवा सीट से दी थी टिकट

प्रो. संतोष दहिया।

करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर शनिवार को किसानों पर लाठीचार्ज से आहत होकर प्रो. संतोष दहिया ने जननायक जनता पार्टी (JJP) से इस्तीफा दे दिया। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाली दहिया ने 2019 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली JJP ज्वाइन कर ली थी। दुष्यंत चौटाला ने संतोष दहिया को लाडवा विधानसभा सीट से टिकट दिया मगर वह चुनाव हार गईं। शनिवार को करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज होता देखकर संतोष दहिया बहुत आहत हुईं और उन्होंने JJP से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया। दहिया के अनुसार, भाजपा की मोदी-मनोहर सरकार लाठीचार्ज के जरिए‌ किसानों का दमन कर उनकी आवाज दबाना चाहती है और किसानों के मसीहा कहलाने वाले स्वर्गीय देवीलाल का पड़पोता होने के बावजूद दुष्यंत चौटाला किसानों पर जुल्म होते देखकर भी चुप बैठे हैं। मगर वे किसानों के साथ ये अन्याय बर्दाश्त नहीं कर सकतीं इसलिए JJP से अलग हो रही हैं।

प्रो. संतोष दहिया ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे किसानों पर करनाल में किया गया लाठीचार्ज बेहद निंदनीय है। यह अंग्रेज शासनकाल की क्रूरता की याद दिलाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ऐसी दमनकारी नीतियां अपनाकर लोगों की आवाज को दबाना चाहती है। किसान 9 महीने से कृषि कानूनों के विरुद्ध शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं मगर हरियाणा सरकार के इशारे पर करनाल टोल पर पुलिस ने जबरन उन पर बेरहमी से लाठियां बरसाई। इसमें कई बेकसूर किसान लहूलुहान हो गए। प्रदेश में आंदोलनरत किसानों पर लगातार झूठे आपराधिक केस दर्ज किए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार का यह शर्मनाक कृत्य बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रजातंत्र में सभी को बात रखने का हक

प्रो. संतोष दहिया ने कहा कि प्रजातंत्र के अंदर सभी को अपनी बातें रखने का हक है। गठबंधन सरकार प्रजातंत्र को लठतंत्र से चलाना चाहती है, जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों की आवाज को पुलिसिया लाठियों से दबाना लोकतंत्र की हत्या है। अगर सरकार किसान हितैषी होती तो लाठी चलाने की बजाए बातचीत से हल निकालती। सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों से किसान बर्बादी की तरफ जाएगा।

संतोष दहिया पर जिम्मेदारी

लाडवा विधानसभा से जननायक जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा। कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल और अंबाला की महिला सैल की प्रभारी रही हैं। सर्वजातीय सर्वखाप की महिला महापंचायत की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

चौटाला नहीं निकाल पाए समाधान

संतोष दहिया ने कहा कि पहले लगता था कि दुष्यंत चौटाला बीच बचाव करके इसका समाधान निकलवाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। किसानों पर जिस प्रकार से लाठीचार्ज किया गया है वह काफी असहनीय है। ये सरकार गरीबों को भी बहुत तरह से तरसाने वाली है। जिस प्रकार से सरकार ने सरसों की खरीद नहीं की और गरीबों को मिलने वाला सरसों का तेल भी नहीं दिया गया। इसी प्रकार से धीरे धीरे गरीबों के हर हक को छीन लिया जाएगा।

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