किसान के बेटे को मिला 1 करोड़ का पैकेज: अमेजन में नौकरी लगी, बोला- मम्मी-पापा की मेहनत को देख सोचा आईआईटियन बनना है

किसान के बेटे को मिला 1 करोड़ का पैकेज: अमेजन में नौकरी लगी, बोला- मम्मी-पापा की मेहनत को देख सोचा आईआईटियन बनना है

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  • Received An Annual Package Of 1.06 Crores, Said; Seeing The Struggle Of Parents, Thought, Whatever Happens, I Want To Become An IITian.

सीकर12 मिनट पहले

झुंझुनूं के सौरभ कुल्हरी को अमेजन कंपनी के लंदन ऑफिस में 1.06 करोड़ का सालाना पैकेज मिला है। सौरभ अमेजन में सॉफ्टवेयर डेवलपर का काम देखेंगे। उनके मम्मी-पापा खेती करते हैं। अमेजन में नौकरी पाने वाले सौरभ कुल्हरी का जन्म से नौकरी पाने तक का सफर काफी रोचक है। अमेजन में इंटरव्यू से पहले उन्हें डेंगू हो गया, कमजोरी के बावजूद उन्होंने इंटरव्यू दिया और सफलता हासिल की। पढ़िए, सौरभ की पूरी कहानी, उन्हीं की जुबानी…

मम्मी-पापा ने हैसियत से अच्छी शिक्षा दिलाई, तो प्रण लिया
मैंने शरुआती स्कूली पढ़ाई अपने गांव मलसीसर में ही पूरी की। खेती का काम करने वाले मम्मी-पापा चंद्रकला देवी और राजेश कुल्हरी ने अच्छी एजुकेशन के लिए झुंझुनूं के एक स्कूल में दाखिला कराया। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के बाद भी मम्मी-पापा ने दिन-रात मेहनत कर मुझे पढ़ाया। ऐसे में मैंने भी 10वीं परीक्षा पास करते ही सोच लिया था कि चाहे कुछ भी हो मम्मी-पापा के सपनों को पूरा करके दिखाना है।

अपने पिता के साथ सौरभ कुल्हरी।

अपने पिता के साथ सौरभ कुल्हरी।

सीकर में दादी रही साथ, लगा ही नहीं कभी बुजुर्ग है
जब मैं 10वीं में था, उसी वक्त बुआ की दो बेटियां सीकर में आकर आईआईटी और नीट की तैयारियां करने लगी। ऐसे में मम्मी-पापा ने मुझे भी आईआईटी करवाने का निश्चय किया। 10वीं पास करते ही मुझे पढ़ने के लिए सीकर में भेज दिया। मेरे साथ मेरी दादी मनकोरी देवी भी दो साल रही। वह मेरे और खुद के सारे काम समय पर पूरे करती थीं। उनकी स्फूर्ति और जोश को देखकर कभी ऐसा नहीं लगा कि वह बुजुर्ग महिला है। इस कारण मेरा पूरा ध्यान पढ़ाई पर रहा और मेरा चयन आईआईटी कानपुर में हुआ। आईआईटी में मेरा यह आखिरी साल है।

दादा की मौत हुई तो टूटा मनोबल,नाना ने बढ़ाया हौसला
परिवार में मुझे सबसे ज्यादा लगाव अपने दादा सांवलराम कुल्हरी से था। करीब 3 साल पहले बीमारी से उनका निधन हो गया। ऐसे में मेरी पढ़ाई पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ा। मैं कुछ दिनों बाद अपने ननिहाल गया। जहां मेरे नाना शिवनारायण कासवान ने करीब 1 महीने तक अपने पास रखा साथ ही मेरी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। इसके बाद वापस मैंने गांव आकर पढ़ाई करना शुरू कर दी।

अमेजन में मीटिंग से पहले हुआ डेंगू
अमेजन में इंटरव्यू से पहले मुझे डेंगू हो गया। 8 नवंबर को मैं डेंगू पॉजिटिव आया। डॉक्टर ने मुझे फुल रेस्ट करने को कहा। करीब 20 दिन तक पूरी तरह से बेड रेस्ट किया। डेंगू संक्रमित होने के चलते प्लेटलेट्स भी 64 हजार तक पहुंच गई। 28 नवंबर की शाम अमेजन कंपनी से इंटरव्यू का मेल आया। इंटरव्यू 2 दिसंबर को होना था। इंटरव्यू दिया, 1 करोड़ का ऑफर मिला और मैंने हामी भर दी।

अगले साल अमेजन में करुंगा जॉइन
अभी मैं आईआईटी कानपुर में पढ़ाई कर रहा हूं। अगले साल पढ़ाई पूरी होने के बाद अमेजन में नौकरी जॉइन करुंगा। इसके पहले भी एपीटी पोर्टफोलियो कंपनी में 50 लाख का पैकेज मिल चुका है।

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