किसान आंदोलन पर बदले कैप्टन के सुर: अमरिंदर बोले- पंजाब में आंदोलन न करें, इससे राज्य को आर्थिक नुकसान; दबाव बनाने के लिए दिल्ली या हरियाणा जाएं
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- Captain’s Big Statement On The Farmers Movement, Do Not Agitate In Punjab, It Is Causing Financial Loss To The State, Go To Haryana And Delhi And Do Whatever You Want.
जालंधर8 घंटे पहले
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किसान आंदोलन को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा बयान दिया है। होशियारपुर में एक समागम के दौरान उन्होंने कहा कि किसान पंजाब में आंदोलन न करें। वो चाहे तो हरियाणा और दिल्ली में जाकर चाहे जो कुछ करें, अपना दबाव बनाएं लेकिन पंजाब का माहौल न बिगाड़ें।
कैप्टन ने कहा कि पंजाब में किसान 113 जगहों पर धरना लगाकर बैठे हैं। इससे राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है। कैप्टन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि किसान नेता उनकी अपील पर विचार करेंगे। कैप्टन ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसान आंदोलन में पूरी मदद की है। अगर पंजाब सरकार रोक देती तो सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर इतनी भीड़ नहीं होती। किसानों की आवाज पूरे देश और दुनिया तक नहीं पहुंचती।
कैप्टन ने कहा पंजाब देश का पहला राज्य है, जिसने कृषि सुधार कानून को लागू करने से इनकार किया। इसके बाद हमने अपने कानून बनाए, लेकिन उसे गवर्नर ने आगे नहीं भेजा। जिस वजह से उसे हम लागू नहीं कर सके।
होशियारपुर में समागम को संबोधित करते कैप्टन अमरिंदर सिंह।
अकाली दल पर भी साधा निशाना
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकाली दल पर भी निशाना साधा। कैप्टन ने कहा कि इस मुद्दे पर पंजाब सरकार ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी।लेकिन अकाली दल वाले नहीं आए। जब हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय मंत्री थीं तो उन्होंने कृषि कानूनों की हिमायत की। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी इसकी तारीफ की। हालांकि जब विरोध हुआ तो उन्होंने पलटी मार ली।
केंद्र की जिद से बिगड़ सकते हैं हालात
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को कहा कि देश के संविधान में 127 बार संशोधन हो चुका है। अगर इन कानूनों से किसानों को परेशानी हो रही है तो फिर एक और बदलाव कर सकते हैं। वो किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठें। संसद बुलाएं और इसका समाधान निकालें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जिद से देश के हालात बिगड़ सकते हैं।
किसान नेता बोले, कैप्टन कॉर्पोरेट के हितैषी या किसानों के?
कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस बयान के बाद किसान नेता मनजीत सिंह राय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जिन 113 जगहों पर कैप्टन धरने की बात कह रहे हैं, वह कॉर्पोरेट मॉल और टोल प्लाजा हैं। कैप्टन बताएं कि वो कॉर्पोरेट के हितैषी हैं या किसानों के साथ हैं? कैप्टन बताएं कि क्या पंजाब का डवलपमेंट सिर्फ टोल प्लाजा या मॉल से होता है। उन्होंने धरने न लगाने के बयान पर कहा कि गन्ने की कीमत बढ़ाने के लिए भी हमें 5 दिन तक हाईवे पर जाम करना पड़ा। तब कैप्टन सरकार ने किसानों की बात सुनी।
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