किसानों का शक्ति प्रदर्शन आज: टीकरी बॉर्डर पर 7 एकड़ में महापंचायत, पंजाब से हजारों की संख्या में पहुंचे किसान; किसान मोर्चा के नेता जुटेंगे
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बहादुरगढ़27 मिनट पहले
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टीकरी बॉर्डर के पास सेक्टर-13 में 7 एकड़ जमीन पर किसान शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
आज किसान आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया। नए कृषि कानूनों की वापसी की प्रक्रिया भले ही शुरू हो गई, लेकिन अन्य तमाम मांगों को लेकर किसानों का आज टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर शक्ति प्रदर्शन होगा। टीकरी बॉर्डर के पास सेक्टर-13 में 7 एकड़ जमीन पर किसान शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
इस महापंचायत को लेकर पंजाब से बड़ी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं। सुबह भी किसानों के काफी जत्थे पहुंचे। किसानों के दिल में एक तरफ कृषि कानूनों की वापसी की खुशी है तो दूसरी तरफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले साथी किसानों की मौत का गम भी नजर आ रहा है।
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहा) की तरफ से सेक्टर-13 में यह महापंचायत आयोजित की जा रही है। जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के तमाम नेताओं को बुलाया गया है। बीकेयू एकता (उग्राहा) के कार्यकारी प्रधान जसविंदर ने बताया कि पिछले दो दिन में 20 हजार से ज्यादा किसान टीकरी बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं। इसके अलावा सिंघु बॉर्डर पर भी काफी किसान पहुंचे हैं।
उन्होंने बताया कि महापंचायत में आंदोलन की आगामी रणनीति पर चर्चा के साथ ही एक साल की तमाम गतिविधियों पर किसान नेता अपने विचार रखेंगे। इधर टीकरी बॉर्डर पर भी सुबह से ही चहल-पहल बढ़ गई है।
ट्रैक्टरों में सवार होकर पंजाब से पहुंचे किसान।
लगातार पहुंच रहे ट्रैक्टरों के काफिले
19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद से ही किसानों के जत्थे लगातार टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। गुरुवार की रात से शुक्रवार की सुबह तक हजारों की संख्या में और भी किसान टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे हैं। किसान अपने साथ राशन-पानी सब लेकर आए हैं।
इससे साफ है कि किसानों ने आंदोलन को खत्म करने की बजाए आगे भी जारी रखने की रणनीति बनाई है। 50 से ज्यादा ट्रैक्टरों में पंजाब से किसान सिर्फ खाद्य सामग्री ही लेकर पहुंचे हैं। किसान नेता पहले ही कह चुके हैं कि एमएसपी की गारंटी कानूनी और अन्य मांगों को मनवाने तक आंदोलन जारी रहेगा।
महापंचायत स्थल की तरफ रवाना होते किसान।
आंदोलन की सालगिरह
दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन को शुक्रवार को एक साल पूरा हो गया। प्रधानमंत्री की कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के साथ ही 24 नवंबर को इन कानूनों की वापसी पर केन्द्रीय कैबिनेट की मोहर भी लग चुकी है, लेकिन उसके बाद भी आंदोलन खत्म होने की बजाए किसानों ने दोनों बॉर्डर पर आंदोलन की सालगिरह मनाने का ऐलान किया है।
इसकी वजह है एमएसपी पर गारंटी कानून और अन्य तमाम मुद्दे। संयुक्त किसान मोर्चा एक बार फिर 26 नवंबर को बड़ी संख्या में किसानों को जुटाकर सरकार को अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेगा।
पुलिस अलर्ट
संयुक्त किसान मोर्चा ने संसद सत्र शुरू होने पर 29 नवंबर से हर दिन सिंघु और टीकरी बॉर्डर से 500-500 किसानों के साथ संसद तक ट्रैक्टर मार्च करने का कार्यक्रम तय किया हुआ है। इसके साथ ही आज बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ जुटाने का दावा किया है।
इसको देखते हुए दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा पुलिस भी अलर्ट हो चुकी है। चूंकि एक माह पहले ही किसान संगठनों के साथ बातचीत के बाद दिल्ली पुलिस की तरफ से टीकरी बॉर्डर पर की गई भारी-भरकम बैरिकेडिंग हट चुकी है।
700 किसानों की जा चुकी जान
आंदोलन के शुरू होने से अब तक 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। इसमें कई लोग सड़क हादसों में मारे गए। इतना ही नहीं काफी किसान टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर ही मृत मिले। इनमें सबसे ज्यादा मौत हार्टअटैक से हुई हैं। आज आंदोलन का एक साल पूरा होने पर किसान नेता आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देंगे। इसके साथ ही आंदोलन की आगामी रूपरेखा की भी घोषणा करेंगे।
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