किन्नौर में भूस्खलन की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता: डिप्टी कमिश्नर ने जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को लिखा पत्र, मांग की-6 जगहों पर विशेषज्ञों की कमेटी भेजी जाए

किन्नौर में भूस्खलन की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता: डिप्टी कमिश्नर ने जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को लिखा पत्र, मांग की-6 जगहों पर विशेषज्ञों की कमेटी भेजी जाए

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शिमला/किन्नौरएक घंटा पहले

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किन्नौर में भूस्खलन की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता: डिप्टी कमिश्नर ने जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को लिखा पत्र, मांग की-6 जगहों पर विशेषज्ञों की कमेटी भेजी जाए

किन्नौर में तलाशी अभियान में जुटे एनडीआरएफ के सदस्य। -फाइल फोटो

किन्नौर जिले में लगातार भूस्खलन से हो रही दुर्घटनाएं और उसमें जान-माल के नुकसान ने चिंता बढ़ा दी है। इस नुकसान को कैसे रोका जाए, अब इस पर नए सिरे से सोचने की जरूरत है। इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण विभाग यानि जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को पत्र लिखा गया है।

बता दें कि बीती 27 जुलाई को किन्नौर जिला के बटसेरी में चट्टानें खिसकने से 9 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद 11 अगस्त को निगुलसरी में भूस्खलन से हुए हादसे में 28 लोगों की मौत हुई। ये दोनों ही बड़े हादसे हैं, जिन्होंने हिमाचल को झकझोरकर रख दिया है। अब पप्रशासन ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए इनके पीछे के कारण को खोजने की कोशिश शुरू की है। इसी संबंध में किन्नौर के डिप्टी कमिश्नर ने जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को पत्र लिखा है।

डिप्टी कमिश्नर ने अपने पत्र में जिले में 6 संवेदनशील जगहों पर संभावित भूस्खलन और साल-दर-साल बाढ़ आने, ग्लेशियरों के पिघलने के कारण का पता लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने मांग की है कि यहां विशेषज्ञों की टीम भेजकर अध्ययन करवाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए समय रहते कोई पुख्ता कदम उठाए जा सकें। हालांकि जिला प्रशासन के पत्र के बाद विशेषज्ञों की टीम निगुलसरी का दौरा तो कर चुकी है, मगर अभी छह अन्य स्थानों पर विशेषज्ञों को पहुंचना है।

पागल नाला समेत अन्य जगहों पर होता है भूस्खलन
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण विभाग को पत्र लिख कर पागल नाला, टापरी के नजदीक गरम पानी, बटसेरी में खरोगला नाला, रली में ग्लेशियर के नजदीक, कुपा में रुतुरंग तथा रिब्बा नाला के पास साल दर साल होने वाले भूस्खलन की वजहों को जानने के लिए आग्रह किया है जहां पर विशेषज्ञों की टीम भेजने को कहा गया है उपायुक्त किन्नौर ने पत्र में लिखा है कि विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के बाद शासन व प्रशासन इन स्थानों पर होने वाले संभावित भूस्खलनों से होने वाले जान माल के नुकसान को कम करने के लिए कार्य योजना बनाएगा जिसकी बेहद जरूरत है।

सरकार बड़े बड़े प्रोजेक्ट लगाने से पहले दोबारा सोचे
किन्नौर जिले में लगातार घट रही प्राकृतिक आपदाओं को न सिर्फ मौसम के मिजाज में आ रहे बदलाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। जलवायु परिवर्तन की वजह से किन्नौर जिला में हो रही बारिश और जिला में बन रहे बड़े-बड़े पावर प्रोजेक्टों व बेतहाशा निर्माण गतिविधियां भी बड़ा कारण है जिसने यहां की परिस्थितियों को बदल दिया है। किन्नौर की भौगोलिक बनावट व भूकंप के मामले में इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार को बड़े बड़े पावर प्रोजेक्टों की स्थापना बारे दोबारा से विचार करना चाहिए।

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