कांग्रेस पार्टी में संविधान संशोधन की तैयारी: हटाई जा सकती है शराब न पीने की प्रतिज्ञा, अनुशासन के नियम और सख्त होंगे
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नई दिल्ली2 घंटे पहलेलेखक: मुकेश कौशिक
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2022 के अधिवेशन में संविधान संशोधन कमेटी का प्रस्ताव लाया जाएगा और इसके बाद ही परिवर्तन लागू हो सकेंगे।
कांग्रेस में बदलाव की बयार है जो अब बुनियादी बातों तक पहुंच रही है। पार्टी ने सोमवार से सदस्यता अभियान के साथ 2022 तक चलने वाली चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। लेकिन असली बदलाव उस संविधान में करने की तैयारी हो रही है जो करीब 100 साल पहले उस समय व्यापक रूप में लिखा गया था जब बेलगाम में मोहनदास करमचंद गांधी ने पार्टी की अध्यक्षता संभाली थी।
संकेत इस बात के हैं कि नए संविधान में शराब पीने से परहेज और खादी बुनने की अनिवार्यता के नियमों में छूट दी जा सकती है। साथ ही सदस्यों को अनुशासित रखने के नियमों को सख्त भी किया जा सकता है। सार्वजनिक मंचों पर बयानबाजी न करने का नियम भी सख्त किए जाने वाले नियमों में होगा। केंद्र की सत्ता से करीब 7 साल की दूरी होने के साथ-साथ पार्टी में यह भी द्वंद्व है कि समय के हिसाब से संविधान में भी परिवर्तन जरूरी हो गए हैं।
राज्यों के चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए अक्टूबर में पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक में इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा हुई और इस बात पर सैद्धांतिक सहमति भी बनी कि समय के साथ पुराने पड़ चुके नियमों को बदलने और कुछ नियमों को सख्त करने का समय आ गया है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में पार्टी के नेता राहुल गांधी ने पूछा कि यहां मौजूद कितने लोग हैं जो खादी बुनना जानते हैं।
कांग्रेस पार्टी का सदस्य बनने के लिए 18 वर्ष की उम्र की अनिवार्यता के बाद दूसरी शर्त ही यही है कि आपको प्रामाणिक खादी बुनना आना चाहिए। तीसरी शर्त यह है कि सदस्य होने के लिए शराब या अन्य मादक पेय से परहेज रखेंगे। बैठक में मौजूद 60% से अधिक ने माना कि वे इन शर्तों पर खरे नहीं उतरते। लम्बे मंथन के बाद यह सहमति बनी कि पार्टी के संविधान संशोधन के लिए कमेटी बनाई जाए और नियमों को अपग्रेड किया जाए।
पुराने कांग्रेसियों का कहना है कि पार्टी कांग्रेस में संविधान संशोधन के लिए आखिरी कमेटी 2010 में बनी थी जब कांग्रेस का बुराड़ी अधिवेशन हुआ था। उस समय प्रणब मुखर्जी, अहमद पटेल और जनार्दन द्विवेदी उस कमेटी के सदस्य थे। कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल 3 से बढ़ाकर 5 साल करने के मुख्य संशोधन के बाद यह कमेटी भंग हो गई थी। पार्टी ने सदस्यता के फार्म में अभी परिवर्तन नहीं किया है। 2022 के अधिवेशन में संविधान संशोधन कमेटी का प्रस्ताव लाया जाएगा और इसके बाद ही परिवर्तन लागू हो सकेंगे।
नियमों से छेड़छाड़ के चलते पार्टी में असमंजस
खादी और शराब से जुड़े नियमों के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर पार्टी में बहस और असमंजस दोनो ही हैं। बदलाव के हिमायती सभी हैं लेकिन डर यह है कि परिवर्तन आलोचना या मजाक का विषय न बन जाए। एक वरिष्ठ नेता ने संकेत किया कि पार्टी की सदस्यता की आठवीं शर्त यह कहती है कि पार्टी का सदस्य भीतरी मंच के अलावा सार्वजनिक रूप से या किसी अन्य मंच से पार्टी की नीतियों की आलोचना या विरोध नहीं करेगा। लेकिन अब जी-23 जैसे समूह बनाकर पार्टी की आलोचना हो रही है। क्या ऐसे में इस नियम को भी बदल दिया जाए।
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