इनकम टैक्स का भास्कर ऑफिस में छापा: पत्रकारों को काम करने से रोकने की कोशिश; सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ ‘आई स्टैंड विथ दैनिक भास्कर’
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जयपुर/भोपाल/अहमदाबाद2 मिनट पहले
दैनिक भास्कर की आक्रामक पत्रकारिता के चलते आयकर विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में दैनिक भास्कर के दफ्तरों पर छापे मारे।अधिकारियों ने दफ्तरों में मौजूद नाइट शिफ्ट के कर्मचारियों के मोबाइल और लैपटॉप अपने कब्जे में ले लिए। इस कारण कई घंटों तक डिजिटल न्यूज का काम प्रभावित हुआ।
इनकम टैक्स अधिकारियों ने नाइट शिफ्ट में काम कर रहे कर्मचारियों को ऑफिस में ही रोक लिया और बाहर निकलने से मना कर दिया। नाइट शिफ्ट में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी संपादकीय और भास्कर के आईटी डिपार्टमेंट से जुड़े थे, जिनका फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन से कोई संबंध नहीं होता, फिर भी उन्हें जबरन रोका गया। इस छापेमारी को लेकर सभी राज्यों में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।
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राजनीतिक दल, सिविल सोसाइटी के अलावा भास्कर के पाठकों ने सोशल मीडिया पर इसे सरकार की सच को दबाने की कार्रवाई बताते हुए इसकी निंदा की। संसद के दोनों सदनों में इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद संसद स्थगित करनी पड़ी।
राजस्थान: इनकम टैक्स की टीम ने पत्रकारों को काम करने से रोका, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ
आयकर विभाग की टीमों ने दैनिक भास्कर के जयपुर ऑफिस पर दबिश देकर पत्रकारों तक को काम करने से रोक दिया। आम तौर पर आईटी छापों में वित्तीय ट्रांजैक्शन से जुड़े विभागों की ही पड़ताल होती है, लेकिन यहां एडिटोरियल कंटेंट से जुड़े दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खंगालकर पत्रकारों के काम में बाधा पहुंचाई गई।
इनकम टैक्स टीम ने भास्कर के न्यूज प्रोसेस से जुड़े काम में कई घंटों तक बाधा पहुंचाई। पत्रकारों को दफ्तर के अंदर नहीं जाने नहीं दिया गया और न ही अंदर काम कर रहे पत्रकारों को शिफ्ट खत्म हो जाने के बाद बाहर निकलने दिया।
पत्रकार बोले: यह प्रेस की आजादी पर सीधा हमला, जो लोकतंत्र के लिए घातक
इनकम टैक्स टीम का भास्कर के पत्रकारों को दफ्तर में घुसने से रोकने और बाहर नहीं जाने देने पर पत्रकार संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। पत्रकार संगठनों ने इसे सीधा प्रेस की आजादी पर हमला बताया है।
स्वतंत्र पत्रकार अवधेश ने कहा, इनकम टैक्स को जांच ही करनी है तो फाइनेंस, अकाउंटिंग, विज्ञापन जैसे विभागों में करे। जहां समाचार तैयार होते हैं, संपादकीय विभाग के कंप्यूटर और दस्तावेज खंगालकर पत्रकारों को काम करने से रोकना यह साबित करता है कि यह सब बदले की भावना से हो रहा है।
सीएम गहलोत का ट्वीट: भास्कर पर छापा मीडिया को दबाने का एक प्रयास
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके भास्कर पर छापे पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। गहलोत ने लिखा- दैनिक भास्कर अखबार और भारत समाचार न्यूज चैनल के कार्यालयों पर इनकम टैक्स का छापा मीडिया को दबाने का एक प्रयास है। मोदी सरकार अपनी रत्तीभर आलोचना भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है। यह भाजपा की फासीवादी मानसिकता है, जो लोकतंत्र में सच्चाई का आइना देखना भी पसंद नहीं करती है। ऐसी कार्रवाई कर मोदी सरकार मीडिया को दबाकर संदेश देना चाहती है कि यदि गोदी मीडिया नहीं बनेंगे तो आवाज कुचल दी जाएगी।
मध्यप्रदेश: कोरोना मिसमैनेजमेंट उजागर करने में आगे था भास्कर
कोरोना की दूसरी लहर में व्यवस्थाओं की खामियां उजागर करने वाले देश के प्रतिष्ठित मीडिया ग्रुप दैनिक भास्कर के मध्यप्रदेश में इंदौर और भोपाल ऑफिस में आयकर ने छापा डाला। अफसरों की टीम महाराष्ट्र पासिंग बस से देर रात भोपाल के प्रेस कॉम्पलेक्स और इंदौर में एलआईजी चौराहे के पास दफ्तर पहुंची।
भोपाल में नाइट शिफ्ट की रिपोर्टिंग टीम और डेस्क स्टाफ को तड़के 4 से 5 बजे काम करने से रोक दिया गया। लैपटॉप बंद करा दिए जिस कारण टीम अपना काम नहीं कर पाई। मोबाइल जब्त कर लिए और सुबह शिफ्ट खत्म होने पर भी बाहर जाने से रोका गया। सभी को गुरुवार दोपहर 1 बजे तक बंधक बनाए रखा। साथ ही डिजिटल के हेड से कहा गया कि आप आईटी और फाइनेंस के हेड्स को बुलाइए, तभी टीम को जाने दिया जाएगा।
इस कार्रवाई को लेकर पूरे प्रदेश में ‘आई स्टैंड विथ दैनिक भास्कर ट्रेंड’ कर रहा है और केंद्र सरकार की इस कार्रवाई की आलोचना हो रही है। इधर, संसद के दोनों सदनों में इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद संसद स्थगित करनी पड़ी। इस पूरे मामले में भास्कर का स्टैंड बरकरार है कि भास्कर में पाठकों की ही मर्जी चलेगी। जो सच होगा, वह लिखा जाएगा।
गुजरात: डेढ़ घंटे तक पत्रकारों से पूछताछ
अहमदाबाद के एसजी हाईवे स्थित दैनिक भास्कर समूह के गुजराती अखबार ‘दिव्य भास्कर’ के ऑफिस में गुरुवार सुबह आयकर विभाग यानी कि IT ने छापेमारी की। सुबह करीब 5 बजे पुलिस के काफिले के साथ आईटी की टीम दिव्य भास्कर के ऑफिस पहुंची।
आईटी टीम ने जब आफिस में छापेमारी की, तब यहां डिजिटल न्यूज ऐप की नाइट टीम के कर्मचारी मौजूद थे। आईटी टीम ने पूरी टीम के सभी पत्रकारों के मोबाइल स्विच ऑफ कर जब्त कर लिए। आईटी की टीम ने डिजिटल पत्रकारों से करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ करने के बाद उन्हें काम पर लौटने की अनुमति दी।
सुबह करीब 8 बजे तक किसी को भी मोबाइल फोन नहीं दिया गया था। इसके अलावा पत्रकारों को सुबह 11.30 बजे तक ऑफिस में ही बिठाए रखा। उनके नाम, पते और फोन नंबर नोट करने के बाद जाने दिया गया।
बता दें, डिजिटल न्यूज ऐप के लिए ऑफिस में चौबीसों घंटे कर्मचारी मौजूद रहते हैं, जो कि रियल-टाइम खबरें देते हैं। नाइट की शिफ्ट पूरी होने के बाद सुबह करीब 9 बजे दूसरी टीम ऑफिस पहुंचती हैं। आईटी टीम ने इनके पास से भी डॉक्यूमेंट और मोबाइल फोन जब्त कर लिए। इनसे भी करीब दो घंटे तक पूछताछ की।
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