आज से खुलेगा शिमला-धर्मशाला नेशनल हाईवे 205: 180 फीट लंबा बैली पुल तैयार; दोपहर बाद से इस पर दौड़ने लगेंगे वाहन, लेकिन सीमेंट या सरिया से लदी गाड़ियां नहीं
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शिमला21 मिनट पहले
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नेशनल हाईवे 205 पर बना बैली पुल कुछ इस तरह नजर आता है।
शिमला धर्मशाला नेशनल हाईवे-205 आज दोपहर बाद से वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल हो जाएगा। इस पर 180 फीट लंबा बैली पुल बन गया है, जिस पर वे वाहन गुजर सकेंगे। मुख्य सड़क बनने में अभी कम से कम एक महीना और लगेगा। बता दें कि सोमवार को बैली पुल का अंतिम निरीक्षण किया गया, जिसके बाद पुल पर से वाहनों की आवाजाही की इजाजत मिल गई। अब 8 जिलों के लोगों को शिमला पहुंचने के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। पीडब्ल्यूडी विभाग धामी के एक्सईन नवीन काैंडल ने यह जानकारी दी।
सीमेंट या सरिया से लदे ट्रक नहीं गुजर सकेंगे
आसानी से नेशनल हाईवे 205 से होते हुए शिमला और शिमला से लोअर हिमाचल पहुंच जाएंगे। इस तरह गत 13 सिंतबर से बंद पड़ा नेशनल हाईवे एक महीने बाद यातायात के लिए बहाल हो जाएगा। बैली पुल 20 से 25 टन का भार सहने की क्षमता रखता है। ऐसे में इस पर से ज्यादा भार वाले वाहन नहीं गुजर पाएंगें। खाली ट्रक ताे इस पुल पर चल सकते हैं, लेकिन सीमेंट या सरिया से लदे ट्रकाें के चलने पर पाबंदी है। लोक निर्माण विभाग के मैकेनिकल विंग ने इस पुल काे तैयार किया है।
घंडल के पास पुल से आगे हाईवे को ठीक करते हुए कारीगर।
भारी बारिश के कारण धंस गया नेशनल हाईवे
13 सितंबर को हिमाचल में हुई भारी बारिश के कारण नेशनल हाईवे-205 घंडल के पास ध्वस्त हो गया था। इससे हाईवे से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई थी। लोगों को लंबा चक्कर काटकर लोअर हिमाचल जाना पड़ रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी और लाेक निर्माण विभाग की टीमाें ने विजिट किया। सर्वे के बाद इंजीनियराें ने इस जगह पर नई बनने वाली सड़क का डिजाइन तैयार करके निर्णय लिया था कि यहां पर बैली पुल ही लगेगा। अगर इस जगह पर सड़क बनाई जाती ताे नेशनल हाईवे बहाल हाेने में लंबा समय लगना था।
अभी 3 वैकल्पिक रूटों पर चल रहा है ट्रैफिक
नेशनल हाईवे-205 बंद होने से तीन वैकल्पिक रूटों से ट्रैफिक चल रहा है। घणाहट्टी से पनेश, कंडा कोहबाग से होकर लोग लोअर हिमाचल जा रहे हैं। जबकि लोअर हिमाचल से शिमला आने के लिए बंगोरा, काली हट्टी, नालहट्टी का रास्ता लिया जा रहा है। छोटे वाहनों के लिए घणाहट्टी से थोड़ा आगे जाकर पक्की बावड़ी से सकराह होकर 16 मील का वैकल्पिक मार्ग दिया गया है, लेकिन यह मार्ग भी सिंगल लेन है और यहां पर भी जाम की स्थिति रहती है। बीच में सड़क कच्ची भी है, लेकिन उस रास्ते भी काफी परेशानी हो रही है।
मुख्य सड़क बनाने में अभी लगेगा काफी समय
जब तक सड़क नहीं बनती है, तब तक बैली पुल का ही इस्तेमाल हाेगा। सड़क बनाने के लिए अब नींव मजबूत करनी हाेगी। क्याेंकि पहले कमजाेर नींव हाेने के कारण सड़क धंस गई थी। अब अगर दाेबारा से इस हाईवे पर सड़क बनानी है ताे इसकी नींव काे और मजबूत करने की जरूरत है। यहां पर नीचे से ही दाेबारा भारी दीवार बनानी पड़ेगी। क्याेंकि यहां दीवार के बीच पानी रिसता है, जिससे सड़क के धंसने का खतरा और बढ़ जाता है। प्रशासन की ओर से भले ही वैकल्पिक मार्ग तय कर लिए हैं, लेकिन अगर घंडल मार्ग काे बेहतर बनाना है ताे नई दीवार लगाने के लिए कम से कम एक महीना और लगेगा।
183 किलोमीटर है हाईवे की लंबाई
यह राजमार्ग भारतीय राज्यों हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होकर गुजरता है। इसकी लंबाई 183 किमी (114 मील) है। यह राजमार्ग चंडीगढ़ के पास पंजाब के खरड़ कस्बे से शुरू होता है। रोपड़ और कीरतपुर साहिब से गुजरता हुआ हिमाचल जाता है। हिमाचल में सुंदरनगर होते हुए शिमला और धर्मशाला तक जाता है। इस राजमार्ग पर आने वाले कुछ पड़ाव इस प्रकार हैं- खरड़, कुराली, रूपनगर, घनौली, स्वारघाट, नौनी, दाड़लाघाट, शिमला।
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