आज से खुलेगा टिकरी बॉर्डर: इंतजार की घड़ी हुई समाप्त!; आज से खुलेगा टिकरी बॉर्डर, 11 माह से किसानों के आंदोलन के चलते था बंद

आज से खुलेगा टिकरी बॉर्डर: इंतजार की घड़ी हुई समाप्त!; आज से खुलेगा टिकरी बॉर्डर, 11 माह से किसानों के आंदोलन के चलते था बंद

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रेवाड़ी6 मिनट पहले

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आज से खुलेगा टिकरी बॉर्डर: इंतजार की घड़ी हुई समाप्त!; आज से खुलेगा टिकरी बॉर्डर, 11 माह से किसानों के आंदोलन के चलते था बंद

11 माह का लंबा इंतजार और फिर से गुलजार होता दिखेगा दिल्ली के साथ लगता हरियाणा का टिकरी बॉर्डर। 3 कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन के चलते बंद पड़ा दिल्ली को जोड़ने वाला रास्ता शुक्रवार को खुल जाएगा। इसकी पुख्ता तैयारी दिल्ली पुलिस की तरफ से कर दी गई हैं। किसानों की राह रोकने के लिए बॉर्डर की सरजमीं पर गाड़े गए कील और कांटे गुरुवार को उखाड़ दिए गए। सड़क पर डाले गए बड़े-बड़े अवरोधक हट चुके हैं। उम्मीद बस अब रास्ता खुलकर वाहनों के आवागमन की जा रही रही है। दिल्ली-रोहतक नेशनल हाइवे-9 (NH) की राह में बिछड़े रोड़े एक-एक कर हट रहे हैं। एक साइड का रास्ता साफ हो चुका है, जिसके बाद दिल्ली और बहादुरगढ़ के बीच आने-जाने वाले लोग पहले की तरह इस हाइवे का इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि सड़क के एक तरफ काफी लंबी दूरी पर किसानों के टैंट गड़े होने की वजह से अभी दूसरी साइड की सड़क की खुलेगी।

दरअसल, केन्द्र सरकार द्वारा पारित 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में नवंबर 2018 से दिल्ली की सीमाओ पर किसानों का आंदोलन चल रहा हैं। दिल्ली की सीमा से सटे हरियाणा के सिंघू व टिकरी बॉर्डर पर पंजाब ही नहीं, बल्कि हरियाणा के विभिन्न जिलों के हजारों की संख्या में किसान डटे हुए है। किसानों को उस वक्त बॉर्डर पर रोका गया था, जब वह दिल्ली के अंदर प्रवेश कर रहे थे, लेकिन उसके बाद किसानों ने आगे बढ़ने की बजाए बॉर्डर पर ही अपना डेरा जमा लिया था। दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को रोकने के लिए भारी ताम-झाम खड़ा कर दिया। शुरूआत में इन दोनों ही बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाकर भारी संख्या में जवानों को तैनात किया था, लेकिन 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद टिकरी और सिंघू बॉर्डर को एक तरह से अभेद किले में तब्दील करते हुए यहां सड़क पर ही कील गाड़ दी गई थी। पिछले काफी दिनों से इन दोनों ही बॉर्डर को खुलवाने के लिए सरकार से लेकर कोर्ट तक ने प्रयास किए, लेकिन 11 माह बाद अब यह प्रयास रंग लाने लगे हैं।

हाई पवर कमेटी मीटिंग रंग लाई
बता दें कि किसान आंदोलन के चलते बंद दिल्ली के रास्तों को खुलवाने की मांग देश की र्स्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में की गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया तो हरियाणा सरकार ने पिछले महीने ही रास्तों को खुलवाने के लिए आम सहमति बनाने के लिए एक हाई पावर कमेटी गठित की। इस कमेटी में हरियाणा के गृह सचिव राजीव अरोड़ा, पुलिस महानिदेशक (DGP) पीके अग्रवाल, सीआईडी चीफ आलोक मित्तल सहित उन अधिकारियों को शामिल किया गया जो किसानों के साथ बातचीत कर रास्ता खुलवा सके। हालांकि कमेटी के शुरूआती प्रयास में कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली, लेकिन 3 दिन पहले 26 अक्टूबर को बहादुरगढ़ में गौरेया पर्यटन केन्द्र में हुई मीटिंग में 4 घंटे हुए मंथन के बाद टिकरी बॉर्डर के एक तरफ के रास्ते को खोलने को लेकर सहमति बन गई। यहीं कारण है कि दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड्स के अलावा सड़क पर गाड़े गए कील और कांटे उखाड़ने शुरू कर दिए हैं। सड़क पर डाले गए बड़े पत्थर और कंटेनर के डिब्बे अब एक तरफ से हट चुके हैं। सड़क को पूरी तरह साफ किया जा रहा है, जिससे दिल्ली से रोहतक को जाने वाली सड़क पर आवागमन शुरू हो सके।

11 महीनों से चल रहा आंदोलन
केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन पंजाब की सरजमीं से शुरू हुआ था। पंजाब से बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली के सिंघू व टिकरी बॉर्डर पर डेरा जमा लिया था। किसानों को दिल्ली पुलिस ने रोकने के लिए भारी बैरिकेडिंग की थी। उसके बाद से ही इन दोनों ही बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन चल रहा हैं। रास्ता खुलवाने को लेकर पहले भी कई बार प्रयास हुई, लेकिन हर प्रयास फैल साबित हुए। 2 दिन पहले बहादुरगढ़ के पर्यटन केन्द्र में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में बीच का रास्ता निकलता हुआ दिखाई दिया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने भी अब नरमी बरते हुए बैरिकेड्स के साथ ही सड़क पर डाले गए बड़े पत्थरों को हटाना शुरू कर दिया हैं।

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